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‘द कश्मीर फाइल्स’ को आस्कर के लिए भेजने से रोक रहे फिल्म इंडस्ट्री के कुछ दिग्गज: अनुपम खेर

शिमला । बालीबुड के लोकप्रिय अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स‘ को ऑस्कर पुरस्कार के लिए भेजने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कुछ दिग्गजों का कहना है कि यह फिल्म ऑस्कर में नहीं जानी चाहिए, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कश्मीर फाइल्स को भी कुछ लोगों ने बायकाट करने की कोशिश की, लेकिन यह फिल्म सबसे ज्यादा चली है और लोगों ने इसे बहुत पसंद किया है।अभिनेता अनुपम खेर सोमवार को यहां प्रेस क्लब ऑफ शिमला में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत से ज्यादा सहिष्णु देश विश्व में दूसरा नहीं है। जितनी विचारों की आजादी भारत में है, उतनी किसी अन्य देश में नहीं है।

फिल्म लाल सिंह चड्ढा के फ्लॉप होने पर खेर ने कहा कि अच्छी फिल्म अपना रास्ता खुद ढूंढती है, अगर फिल्म अच्छी होती तो वह फ्लॉप नहीं होती। उन्होंने कहा कि फिल्म को बायकाट करने का अधिकार लोगों के पास है, इसी को फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन कहते हैं। लोगों को फिल्म अच्छी लगती है या बुरी, ये लोग खुद डिसाइड करते हैं। ऐसे में बायकॉट का जो ट्रेंड चला हुआ है, वह एक तरह से सही है।वर्ष 2015 में आमिर खान द्वारा असिहष्णुता पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि ऐसे बयान किसी भी व्यक्ति को सोच समझ कर देने चाहिए, क्योंकि उनसे पूरा देश जुड़ा होता है। हालांकि उन्होंने कहा कि आमिर खान एक अच्छे इंसान है। मेरे भी पसंदीदा अभिनेताओं में से एक हैं। वो बहुत अच्छे अभिनेता हैं।

वहीं बॉलीवुड में अवार्ड वापसी को लेकर चले एक मुहिम को लेकर पूछे गए सवाल में अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि पिछले सात साल में यह अवार्ड वापसी गैंग फ्लॉप हो गई है। देश के लोगों को ऐसे लोगों से कोई लेना देना नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में धारा-370 हटने के बाद काफी सुधार आया है। अभिनेता खेर ने कहा कि वह शिमला में एक एक्टिंग स्कूल शुरू करना चाहते है। ऐसे में यहां के स्थानीय लोगों की मदद करें। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने अपने पुराने दिनों को भी याद किया और शिमला से जुडी सुनहरी यादों को पत्रकारों से साझा किया। अभिनेता अनुपम खेर इन दिनों हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में प्रवास किए हुए हैं।

उल्लेखनीय कि अनुपम खेर के परिवार का शिमला से गहरा संबंध है। शिमला में अनुपम खेर का बचपन गुजरा था। उनके पिता स्वर्गीय पुष्करनाथ खेर यहां वन विभाग में बतौर क्लर्क कार्यरत थे।पूरा परिवार शिमला के नाभा एस्टेट में ब्लॉक नंबर-4 स्थित सरकारी क्वार्टर में कई सालों तक रहा। शिमला में 7 मार्च 1955 को जन्मे अनुपम खेर स्कूल-कॉलेज के दिनों में नाटकों में भाग लिया करते थे। अनुपम खेर को उनके दोस्त बिट्टू कहकर बुलाते हैं।(हि.स.)

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