कुछ कंपनियों को इंटरनेट को अपना औपनिवेश बनाने की अनुमति नहीं : रविशंकर प्रसाद
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि सरकार कुछ कंपनियों को इंटरनेट को अपना औपनिवेश बनाने नहीं दे सकती है। सरकार असहमति का स्वागत करती है, लेकिन इसके आधार पर सोशल मीडिया के दुरुपयोग को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इंटरनेट मानव का शक्तिशाली अविष्कार, इसपर कुछ लोगों का एकाधिकार नहीं होना चाहिए
कांग्रेस नेता जीसी चन्द्रशेखर के प्रश्न का उत्तर देते हुए राज्यसभा में केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इंटरनेट मानव का शक्तिशाली अविष्कार है और इसपर कुछ लोगों का एकाधिकार नहीं होना चाहिए। सरकार ने इस पर एक रुख अख्तियार किया है। सरकार कुछ कंपनियों को इंटरनेट को अपना औपनिवेश बनाने नहीं दे सकती है।
इंटरनेट टूलकिट मामले में जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया
कांग्रेस नेता ने अपने प्रश्न के दौरान इंटरनेट टूलकिट मामले में जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था। रविशंकर ने इसपर कहा कि सरकार किसी विषय पर अगल मत का स्वागत करती है। सरकार की चिंता केवल सोशल मीडिया के दुरुपयोग और गलत उपयोग को लेकर है।
सरकार महिलाओं की गरिमा के हनन को लेकर कर रही सख्त कार्रवाई
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दिशा रवि से जुड़ा मामला न्यायालय के विचाराधीन है। सदन को केवल इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल करने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग को स्वीकार किया जा सकता है। वहीं एक पूरक प्रश्न के उत्तर में रविशंकर ने कहा कि सरकार महिलाओं की गरिमा के हनन को लेकर सख्त कार्रवाई कर रही है। किसी महिला की नग्न व बदली गई तस्वीर को सरकारी दिशानिर्देशों के तहत 36 घंटे के अंदर हटाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि दिशानिर्देश में बहुत स्पष्ट कहा गया है कि भारत की एकता और अखंडता, भारत की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और सबसे महत्वपूर्ण महिलाओं की गरिमा से संबंधित सामग्री को केवल 36 घंटों के भीतर हटाना जरूरी है।
New social media guidelines states that contents causing harm to unity & integrity of India,safety &security of India,public order &most importantly the dignity of women needs to be removed within 36 hours.
New guidelines ensures effective grievance redressal mechanism for users. pic.twitter.com/NsmyKQlJM2— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) March 18, 2021