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साहब, मैं रजिया हूं और जिंदा हूं !

बलिया: यह रजिया है और जिंदा है, इसकी जमीन हड़पने के लिए अपनों ने ही इसे मृतक बता दिया और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर भू अभिलेखों में उसके हिस्से को अपने नाम कर लिया। रजिया तहसील के चक्कर लगा रही है। बुधवार को तहसील पहुंची तो अधिकारियों के समक्ष कहा कि एसडीएम साहब, मैं रजिया हूं और जिंदा हूं। उक्त अल्फाज रजिया खातुन के ही है, जो बुधवार को एसडीएम बिल्थरारोड अशोक चैधरी के समक्ष प्रस्तुत हो सुबुकती हुई न्याय की गुहार लगाने पहुंची। रजिया के अपने भाई ने ही राजस्व अधिकारियों से मिलकर कागज में उसे मृतक बता दिया और उसके हिस्से की भूमि संबंधित भूअभिलेख में अपना नाम बकायदा वरासत दर्ज करा लिया। अब रजिया न्याय के लिए तहसील का चक्कर लगा रही है। मामला उभांव थाना के चंदायर बलीपुर गांव का है। अपनी समस्या के आवेदन एवं एफिडेविट के साथ तहसील का चक्कर काट रही रजिया के मामले की जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राशिद कमाल पाशा ने बताया कि मो. हाजी हनीफ की पुत्री रजिया खातुन निकाह के बाद से ही तलाक का मुकदमा झेलते हुए अपने मायके में ही रह गई। इस बीच उसके वृद्ध पिता ने 12 मई 2016 को इमिलिया मौजा में खाता सं. 206, आराजी नं. 126 मि, रकबा 4 डिसमिल की अपनी भूमि को अपनी पुत्री रजिया खातुन के नाम हिब्बा लिख दिया। जिसके आधार पर 19 जून 2016 को ही उसका नाम बतौर हिब्बाग्रहिता खतौनी में दर्ज हो गया। जिसके बाद 29 अगस्त 2019 को रजिया के पिता मो. हाजी हनीफ का निधन हो गया। इधर तबियत बिगड़ने के कारण रजिया मऊ अस्पताल में भर्ती हो गई। जहां उसका एकलौता पुत्र आसिफ अंसारी अपनी मां के इलाज में लगा रहा। राजस्व अधिकारियों से मिलकर रजिया के भाई मो. असलम ने अपनी बहन को मृत बताकर भूअभिलेखों में अपना नाम बतौर अपनी बहन रजिया का वारिस बन वरासत दर्ज करा लिया। लेखपाल व अन्य राजस्व अधिकारियों के रिपोर्ट के आधार पर आरसी प्रपत्र 9 ख के तहत मृतक के वारिस मो. असलम का नाम 7 सितंबर को भूअभिलेख में बतौर वरासत दर्ज कर दिया गया। इधर अस्पताल से लौटी रजिया को इसकी भनक तक न लग सकी। इस बीच लाकडाउन में किसी कार्य से जब रजिया तहसील पहुंची तो खतौनी में स्वयं को मृतक देख अवाक रह गई। रजिया ने पूरे मामले की लिखित शिकायत एसडीएम से की है और न्याय की गुहार लगाई है। उक्त मामले की जानकारी मिलते ही राजस्व अधिकारियों में हड़कंप सा मचा हुआ है।

#BalliaTimes साहब, मैं रजिया हूं और जिंदा हूं...

 

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