गैर इरादतन हत्या के मामले में दस साल की कैद
वाराणसी। शराब का पैसा न देने पर पिता को मारपीटकर धक्का देकर उनकी गैर इरादतन हत्या करने के मामले में पुत्र को अदालत ने दंडित किया है। अपर जिला जज (पंचम) मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने सिंधुनगर, सिगरा निवासी अभियुक्त नरेश मौर्य को दोषी पाने पर दस वर्ष के कठोर कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत में अभियोजन की ओर से एडीजीसी ओंकार नाथ तिवारी ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार सिंधुनगर, सिगरा निवासी वादी मुकदमा ओमप्रकाश मौर्या ने प्रभारी निरीक्षक थाना सिगरा को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 20 जुलाई 2019 को वह अपने बहन के पास परिवार सहित गया था, जो काफी बीमार थी। जब वह वापस आया तो देखा कि उसका बड़ा भाई घर पर मौजूद नहीं है। घर का अंदर का दरवाजा खोला तो देखा कि उसके पिताजी बिस्तर पर मृत अवस्था में पड़े थे। इस मामले में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद मामले की छानबीन में जुट गई।
इस बीच घटना के दो दिन पश्चात वादी मुकदमा ओमप्रकाश द्वारा पुनः एक तहरीर प्रभारी निरीक्षक सिगरा को इस आशय की प्रस्तुत की गयी कि 20 जुलाई 2019 को उसने अपने पिता जी की मृत्यु के सम्बंध में एक प्रार्थना पत्र दिया था। उसे अब जानकारी प्राप्त हुई है कि उसके पिता जी से उसके भाई नरेश मौर्य ने शराब पीने के पैसे को लेकर झगड़ा किया था तथा नाखून से खरीब लिया था तथा उन्हें ढकेल दिया था, जिससे उसके पिता जी को चोट लगने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी थी।