बरेली (उ.प्र.), जनवरी । उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शनिवार तड़के मुठभेड़ के बाद यहां एक घुमंतू गिरोह के इनामी सरगना को गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक अमित कुमार नागर ने यहां बताया कि ऐसी सूचना मिली थी कि ‘छैमार गिरोह’ का सरगना और 50 हजार रुपये का इनामी बदमाश तावर अली किसी वारदात को अंजाम देने के लिये बरेली आया है। तड़के एसटीएफ ने पुरानी जेल के पास हुई मुठभेड़ के बाद अली को गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि छैमार गिरोह एक घुमंतू गिरोह है। चोरी, लूट, डकैती और हत्या के विभिन्न मामलों में शामिल इस गिरोह के सदस्य वारदात करने के बाद अपना ठिकाना और नाम भी बदल लेते हैं। यह गिरोह उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में वारदात को अंजाम दे चुका है।
नागर ने बताया कि अली 12 मुकदमों में वांछित था। इस गिरोह ने बरेली जिले के थाना किला, फरीदपुर, भुता, फतेहगंज पूर्वी, बिथरी चैनपुर आदि इलाकों में डकैती की कई घटनाओं को अंजाम दिया था।
गिरफ्तार अभियुक्त तावर अली ने पूछताछ में बताया कि वह 15 साल की उम्र से ही अपने परिवार के सदस्यों के साथ डकैती की घटनाओं में शामिल होने लगा था। इस समय उसके परिवार के 11 लोग हत्या, डकैती के अपराध में उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा की जेलों में बंद हैं।
अली ने बताया कि वह 2010 में सिविल लाइन थाना क्षेत्र जनपद रामपुर में डकैती डालने के दौरान गिरफ्तार होने के बाद सात साल तक जेल में रहा। वहां से आने के बाद उसने घुमंतू जाति के पंजाबी छैमारों का एक गिरोह तैयार किया था। करीब दो वर्ष पूर्व गिरोह के सदस्यों ने बरेली में डकैती की कई घटनाओं को अंजाम दिया था।
उसने बताया कि उसके गिरोह के लोग भिखारी बनकर घरों की टोह लेते हैं। डकैती डालने के दौरान हत्या और बलात्कार को अंजाम देना उनकी योजना का हिस्सा होता है।