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विभाजन-विभीषिका स्मृति दिवस: देशभर में मौन मार्च

प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली  । केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ (14 अगस्त ) पर देश भर में मौन मार्च आयोजित किए। इस दौरान प्रधानमंत्री सहित केन्द्रीय मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने देश के विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी।

दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष के नेतृत्व में निकला मौन मार्च

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पीयूष गोयल के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल और अन्य भाजपा नेताओं ने जंतर मंतर से कनॉट प्लेस की ओर मौन मार्च निकाला।

कनॉट प्लेस के सेन्ट्रल पार्क में प्रदर्शनी एवं मौन मार्च

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की ओर से नई दिल्ली स्थित सेंट्रल पार्क से एक ‘मौन यात्रा’ निकाली गई। मौन पदयात्रा सेंट्रल पार्क से शुरू होकर कनॉट प्लेस के विभिन्न मार्गों से गुजरी। इस मौन यात्रा में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी तथा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय और कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, निदेशक (प्रशासन) डॉ.प्रियंका मिश्रा सहित करीब 5,000 लोग शामिल हुए। यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व देश विभाजन के पीड़ितों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया।

राज्यों में भाजपा ने निकाला मौन मार्च

उत्तर प्रदेश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर रविवार शाम को प्रदेश के सभी जिलों में मौन पदयात्रा निकाली गयी। राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मौन पदयात्रा निकाल कर विभाजन की विभिषिका को याद किया गया। मुख्यमंत्री के साथ मौन पदयात्रा में दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक के अलावा राज्य सरकार के कई मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए। वहीं प्रदेश भर के अलग-अलग क्षेत्रों में सामाजिक संस्थाओं से लेकर बैंक, स्कूल, कॉलेजों ने भी मौन पदयात्रा निकाली।

असम प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पहल पर असम में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आज प्रदेश भाजपा ने आदाबाड़ी अटल पार्क से जालुकबाड़ी चौक तक एक मौन रैली निकाली। रविवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भवेश कलिता की उपस्थिति में इस रैली में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

रेलवे ने आयोजित की प्रदर्शनी

देश के विभाजन के दौरान जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तर रेलवे ने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ को मनाने के लिए उत्तर रेलवे के स्टेशनों पर फोटोग्राफिक प्रदर्शनियां आयोजित की गईं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उद्घाटन समारोह में प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उत्तर रेलवे ने अंबाला मंडल में 16, लखनऊ मंडल में 12, मुरादाबाद मंडल में 4, दिल्ली मंडल में 20 और फिरोजपुर मंडल में 23 स्थानों पर प्रदर्शनी लगाई है।

विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस का उद्देश्य सामाजिक सद्भाव और एकता को बढ़ाना: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को 76वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत 14 अगस्त के दिन को विभाजन-विभीषिका स्मृति-दिवस के रूप में मना रहा है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, मानव सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देना है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया ताकि हम एक स्वतंत्र देश में रह सकें। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था।

प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “आज, ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर, मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई और हमारे इतिहास के उस दुखद दौर के पीड़ित सभी लोगों की सहनशीलता और धैर्य की सराहना करता हूं।”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, “1947 में हुआ देश का विभाजन भारतीय इतिहास का वो अमानवीय अध्याय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। विभाजन की हिंसा और घृणा ने लाखों लोगों की जान ली व असंख्य लोगों को विस्थापित करवाया।” उन्होंने कहा, “आज ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर विभाजन का दंश झेलने वाले लाखों लोगों को नमन करता हूँ।’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ देश की युवा पीढ़ी को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना एवं वेदना का स्मरण करवाएगा और देशवासियों को देश में सदा शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रेरित भी करता रहेगा।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट संदेश में कहा, ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर मैं उन सभी लोगों को स्मरण करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ जिन्हें देश के विभाजन के समय अपनी ज़िंदगी गँवानी पड़ी। जिन्होंने विभाजन की पीड़ा न भूल पाने के बावजूद एक नई शुरुआत की उन्हें भी नमन है।यह देश विभाजन की विभीषिका कभी नहीं भूलेगा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, आज, विभाजन भयावह स्मरण दिवस पर, मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई, और हमारे इतिहास के उस दुखद दौर में पीड़ित सभी लोगों के लचीलेपन और धैर्य की सराहना करता हूं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर कहा कि मानवता के इतिहास में ‘भारत का विभाजन’ वह सियाह पन्ना है जिसमें सिर्फ दुःख, दर्द, घृणा और रक्तपात की यादें हैं। जब कांग्रेस और अंग्रेजों ने मिलकर हज़ारों साल पुरानी सभ्यता को धर्म के आधार पर खंड-खंड कर दिया था और भारत की आबादी को भाग्य के हवाले छोड़ दिया था। उन्होंने आगे कहा कि सत्ता की होड़ और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने भारत का विभाजन स्वीकार कर रातों-रात करोड़ों लोगों को अपने ही देश में पराया बना दिया। दुनिया की सबसे बड़ी मानव त्रासदी, बँटवारे ने देश की आत्मा को लहुलुहान करने का काम किया ।

रमेश ने लगाया आरोप और धर्मेन्द्र प्रधान ने दिया जवाब

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को आरोप लगाया है कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने के पीछे वास्तविक मंशा दर्दनाक ऐतिहासिक घटनाओं का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए करना है। उन्होंने कहा कि बंटवारे की त्रासदी का दुरुपयोग नफरत और पूर्वाग्रह की भावना को भड़काने के लिए नहीं होना चाहिए। एक चरणबद्ध ट्वीट करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बंटवारे के समय लाखों लाख लोग विस्थापित हुए और उनकी जानें गईं। उनके बलिदानों को भुलाया या अपमानित नहीं किया जाना चाहिए।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने पर सवाल उठाने को लेकर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि जिन लोगों ने विभाजन करते समय भारतवासियों की जान और सम्मान की परवाह नहीं की, उन्हें आज विभाजन की त्रासदी में अपना सब कुछ खो देने वाले लोगों को नमन करने से भी तकलीफ है। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक परिवार की महत्वाकांक्षाओं को देश व जनता से ऊपर रखने वाली गुलाम मानसिकता ने आज भी कांग्रेस को जकड़ रखा है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष लाल किले की प्राचीर से विभाजन की विभीषिका को याद रखने की बात कही थी। उन्होंने उस समय कहा था कि देश के बंटवारे का दर्द कभी नहीं भुलाया जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हजारों भाइयों और बहनों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।(हि.स.)

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