ब्लॉक बी में कार्यरत संविदा कंपनी नीलकंठ के गेट पर किया घेराव
निजी कंपनी व एनसीएल प्रबंधक पर लगाया पैसा लेकर दीगर जिलों के लोगों को नौकरी देने का आरोप
गोरबी, सिंगरौली। एनसीएल की ब्लॉक बी परियोजना में कार्यरत कंपनी नीलकंठ माइनिंग में सोलंग पंचायत के रजखड़ टोला के निवासियों द्वारा सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर कंपनी के मेन गेट पर धरना दिया गया। हड़ताल में आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य रानी अग्रवाल , आम आदमी पार्टी की महिला जिला अध्यक्ष अनीता सिंह , जिला अध्यक्ष सिंगरौली राजेश सोनी , जिला उपाध्यक्ष ज्योति वर्मा , जिला संरक्षक अनिल द्विवेदी की अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में विस्थापित एक्त्रित हो नीलकंठ व एनसीएल प्रबंधन को तानाशाह बता रहे थे तथा रोजगार की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे।
धरना प्रदर्शन लगभग 10-12 घंटे तक चला। हड़ताली विस्थापितों ने काआरोप था कि कंपनी प्रबंधक द्वारा पैसे के दम पर अन्यत्र जिलों से लोगों को लाकर भर्ती की जा रही है जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण प्रदेश सरकार की मंशा पूर्ण नहीं हो पा रही है। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से गोरबी चौकी पुलिस , मोरवा पुलिस बल व ब्लॉक बी सिक्योरिटी मौके पर मौजूद रहे। अपरान्ह 4 बजे नीलकंठ प्रबंधक आलोक चंद्रा मौके पर पहुंचे और विस्थापितों को आश्वासन दिया कि जिन विस्थापितों का मकान गिर गया है उन्हें दीपावली तक नीलकंठ कंपनी में ड्यूटी दे दी जाएगी और शेष विस्थापितों को दीपावली के बाद कंपनी में नौकरी दी जाएगी।
तत्पश्चात जिला पंचायत सदस्य आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल की समझाइश पर सोलंग पंचायत के रजखड़ टोला बसोर बस्ती के आदिवासी उनकी बातों को मानकर हड़ताल खत्म कर घर वापस गए।किंतु वापस जाते जाते रजखड़ बसोर बस्ती कि आदिवासी महिलाओं ने सरपंचों पर आरोप लगाया कि कंपनी द्वारा हर पंचायत के सरपंच को गांव में कोटा दिया गया है जिसके तहत भर्ती कराई जा रही है। जन प्रतिनिधियों द्वारा अपने सगे संबंधियों या सेवा सहायता शुल्क के दम पर भर्ती कराई जा रही है जिससे स्थानीय गरीब विस्थापितों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों पर मोटी रकम कमाने का आरोप भी लगाया है।