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शाह ने केरल में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार का किया आगाज

शाह ने केरल में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार का किया आगाज

शाह ने केरल में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार का किया आगाज

त्रिशूर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को केरल के समग्र विकास की उपेक्षा करने को और आम आदमी की समस्याओं को हल करने को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस दोनों को में उनकी ‘विफलता’ के लिए जमकर लताड़ लगाई।श्री शाह ने आभासी तरीके से यहां के थेकिंकाडू मैदान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केरल में दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं, त्रिपुरा में वे एक साथ काम कर रहे हैं। उनकी कोई राजनीतिक विचारधारा नहीं है। ये पार्टियां वोट बैंक की राजनीति करती हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के साथ आने के बावजूद, त्रिपुरा के लोगों ने उन्हें खारिज कर दिया और भाजपा फिर से सत्ता में आई।कांग्रेस नेता राहुल गांधी की श्री मोदी की खुद की कब्रगाह खोदने को लेकर उपहास उड़ाते हुए श्री शाह ने कहा कि वह जितना अधिक प्रधानमंत्री की छवि को खराब करेंगे, कमल के खिलने की संभावना उतनी ही बढ़ेगी।उन्होंने कहा कि दुनिया भर से कम्युनिस्ट गायब हो रहे हैं और कांग्रेस हर जगह कमजोर हो रही है। ऐसे में इन दोनों पार्टियों को फिर से सत्ता में लाने का क्या फायदा।उन्होंने कहा कि भारत कांग्रेस शासन के तहत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था था, लेकिन अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत की पहचान अब विश्व शक्ति के रूप में होने लगा है।

श्री उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद पिछले नौ वर्षों के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं और कांग्रेस सहित किसी अन्य दल ने कोई योगदान नहीं दिया है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, उन्होंने दावा किया कि ये सभी कम्युनिस्टों द्वारा की गई हिंसा में मारे गए। उन्होंने कहा कि केरल के लोगों को कभी भी हिंसा पसंद नहीं है।उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में लोगों से भाजपा को वोट देने की अपील करते हुए कहा कि केंद्र में मजबूत सरकार ही केरल के लोगों के हितों की रक्षा कर सकती है।

मोदी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को सूचीबद्ध करते हुए, उन्होंने कहा कि केरल को राज्य कर रिटर्न के रूप में 1,15000 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि यूपीए के शासनकाल में 45900 करोड़ रुपये मिले थे। लोग राज्य सरकार से पूछेंगे कि उसने पैसे का क्या किया और वे अगले चुनाव के दौरान इसका जवाब चाहते हैं।(वार्ता)

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