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साढ़े सात हजार बहनों-बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर रचा नया इतिहास: मोदी

अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 7,500 बहनों-बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर नया इतिहास रच दिया है।श्री मोदी ने आज शाम अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट पर गुजरात राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के नये कार्यालय भवन और एक फुटओवर ब्रिज अटल ब्रिज का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर खादी उत्सव को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साबरमती का ये किनारा आज धन्य हो गया है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर 7,500 बहनों-बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर एक नया इतिहास रच दिया है।

उन्होंने कहा कि अटल ब्रिज, साबरमती नदी को, दो किनारों को ही आपस में नहीं जोड़ रहा बल्कि ये डिजाइन और नवोन्मेष में भी अभूतपूर्व है। इसकी डिजाइन में गुजरात के मशहूर पतंग महोत्सव का भी ध्यान रखा गया है।प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि खादी का एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया। खादी का वही धागा, विकसित भारत के प्रण को पूरा करने का, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है।

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को लाल किले से मैंने पंच-प्रणों की बात कही थी। साबरमती के तट पर, इस पुण्य जगह पर मैं पंच-प्रणों को फिर दोहराना चाहता हूं। पहला- देश के सामने विराट लक्ष्य, विकसित भारत बनाने का लक्ष्य, दूसरा- गुलामी की मानसिकता का पूरी तरह त्याग, तीसरा- अपनी विरासत पर गर्व, चौथा- राष्ट्र की एकता बढ़ाने का पुरजोर प्रयास और पांचवा- नागरिक कर्तव्य।श्री मोदी ने कहा कि आजादी के आंदोलन के समय जिस खादी को गांधी जी ने देश का स्वाभिमान बनाया, उसी खादी को आजादी के बाद हीन भावना से भर दिया गया। इस वजह से खादी और खादी से जुड़ा ग्रामोद्योग पूरी तरह तबाह हो गया।

खादी की ये स्थिति विशेष रूप से गुजरात के लिए बहुत ही पीड़ादायक थी।उन्होंने कहा कि हमने खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन में खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन का संकल्प जोड़ा। हमने गुजरात की सफलता के अनुभवों का देशभर में विस्तार करना शुरु किया। देशभर में खादी से जुड़ी जो समस्याएं थीं उनको दूर किया। हमने देशवासियों को खादी के प्रोडक्ट खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया।(वार्ता)

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