राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज बुधवार को कानपुर में चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कार्यक्रम को संबोधित किया। बता दें राष्ट्रपति कानपुर के दो दिवसीय दौर पर हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक आज बुधवार को पहले दिन वे कानपुर के मेहरबान सिंह के पुरवा इलाके में पहुंचे जहां उन्होंने पूर्व सांसद, चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा, “मैं हरमोहन सिंह जी की सादगी समाज सुधार संबंधी विचारों और कार्यों से भली-भांति परिचित रहा हूं। यह मेरा सौभाग्य था कि राज्य सभा में हम दोनों एक अंतराल के समय में साथ-साथ थे। मैंने उन्हें नजदीकी से देखा है। इसलिए मुझे लगा कि जिस व्यक्ति ने सार्वजनिक जीवन में सुचिता, ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम किया है, यदि उनसे जुड़ा हुआ कोई कार्यक्रम होता है तो मुझे उसमें जाना चाहिए। फिर ये तो कानपुर की बात है। कानपुर की बात जब आती है तो एक परिवार की बात आ जाती है। इसलिए मैंने यहां आना स्वीकार किया।”
LIVE: President Kovind addresses the birth centenary celebrations of Chaudhary Harmohan Singh Yadav at Kanpur https://t.co/J4GYeivx65
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 24, 2021
राष्ट्रपति ने आगे कहा, “पहले जब मैं सांसद हुआ करता था, इस गांव से निकलकर एक दो जगह जाना हुआ तो देखा विकसित क्षेत्र का विकास जितना हो सकता है, यहां की परम्पराओं और यहां की अनुकूलताओं के आधार पर बहुत कुछ किया गया लेकिन जिस श्रृंखला का उल्लेख किया गया, उससे मैं आज बहुत प्रभावित हूं।” शिक्षा विकास का रास्ता अपने आप तलाश लेती है आगे जोड़ते हुए वे बोले, “शिक्षण संस्थाओं का एक ऐसा जाल बिछा दिया गया, जिसके लिए चौधरी हरमोहन सिंह हम सबको कई बार कहते थे कि आपके गांव में विकास हो या न हो लेकिन विकास का जो आधार है वह शिक्षा होती है और शिक्षा यदि मिलेगी तो वह विकास का रास्ता अपने आप तलाश लेगी। इसलिए आज उनकी जन्म शताब्दी के इस कार्यक्रम में शामिल होकर के मुझे बहुत प्रसन्नता हुई।”
आजादी के बाद का समय नए भारत के निर्माण की दृष्टि से था बहुत चुनौतिपूर्ण राष्ट्रपति ने कहा, आजादी के बाद का समय नए भारत के निर्माण की दृष्टि से बहुत चुनौतिपूर्ण समय था। वह भारत के लिए पुन: उठकर खड़े होने का समय था। राष्ट्र निर्माण के इस कार्य में ग्रामीण और कृषि विकास की तथा ग्राम पंचायतों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होने वाली थी। इन परिस्थितियों में भारत के गांव-गांव से हरमोहन सिंह यादव जैसे समाज सेवी देश के विकास के लिए आगे आए। हरमोहन सिंह जी को वर्ष 1952 में ग्राम प्रधान चुना गया, उसके बाद हुए जनसेवा के मार्ग पर लगातार आगे बढ़ते गए और जैसा कि चौधरी सुखराम सिंह जी ने कहा था कि उन्होंने ग्राम सभा से लेकर राज्य सभा तक की सफल यात्रा पूरी की। वे दो बार राज्य सभा के सदस्य रहे।” हम दोनों ने अनेक बार संसद के कार्यकलापों में साथ-साथ भाग लिया हम दोनों ने अनेक बार संसद के कार्यकलापों में साथ-साथ भाग लिया।
राज्य सभा के काम काज में भाग लेने के लिए अक्सर मेरा कानपुर से दिल्ली और दिल्ली से कानपुर आना जाना होता था। हम ट्रेन से ट्रैवल करते थे। रात्रि के ट्रेन हो या दिन की ट्रेन हो इन यात्राओं के दौरान मुझे उन्हें निकटता से जानने और उनके अनुभवों से समृद्ध होने का मौके मिला। उनके दिल में सभी के लिए सद्भावना और सभी के लिए भाईचारा रहा है। बता दें, चौधरी हरमोहन सिंह यादव एक शिक्षाविद, समाजसेवी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने के साथ ही लोकप्रिय राजनीतिज्ञ भी थे। समाज के प्रति सेवाभाव को देखते हुए हरमोहन सिंह को शौर्य चक्र मिला। उल्लेखनीय है कि, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद दो दिवसीय उत्तर प्रदेश के दौरे के चलते वह बुधवार को कानपुर पहुंचे। चकेरी के सिविल एयरोड्रम पर उनका विशेष विमान उतारने के बाद राज्यपाल आंनदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति यहां से मेहरबान सिंह पुरवा गांव पहुंचे और समाजवादी पार्टी के नेता हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति के साथ मंच पर राज्यपाल मौजूद रहीं, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगवानी कर कानपुर से रवाना हो गए।