सत्या फाउण्डेशन द्वारा आजध्वनि प्रदूषण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

वाराणसी 11 दिसंबर 2019  पिछले 11 वर्षों से ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम और हेल्पलाईन चलाने वाली राष्ट्रीय संस्था सत्या फाउण्डेशन द्वारा आज बुधवार की सुबह नेशनल इण्टर कालेज पीलीकोठी वाराणसी में ध्वनि प्रदूषण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।  कार्यक्रम में सत्या फाउण्डेशन के सचिव चेतन उपाध्याय के नेतृत्व में सभी विद्यार्थियों ने शपथपूर्वक प्रतिज्ञा ली कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच धार्मिक या  वैवाहिक  लाउडस्पीकर] बैण्ड-बाजा] हॉर्न] पॉवरलूम आदि का बिल्कुल प्रयोग नहीं करेंगे और दिन के दौरान भी ध्वनि के स्तर को 75 डेसीबल से कम रखेंगे। जो नहीं मानेगा] उसकी गुप्त रूप से शिकायत पुलिस के 112 नंबर या अपने क्षेत्राधिकारी सीओ या सत्या फाउण्डेशन के हेल्पलाईन नंबर 9212735622 पर करेंगे। विद्यार्थियों ने यह भी शपथ ली कि किसी भी प्रकार के वाहन में लगे प्रेशर हॉर्न मल्टीटोन हॉर्न के अलावा बिना साइलेंसर वाली बुलेट मोटरसाईकिल का नंबर और स्थान दिनांक समय नोट करके वाराणसी ट्रैफिक पुलिस को 7317202020 पर वाट्सअप करके चालान कटवाएँगे।

इसके पहले विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रसिद्द बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डी.एम. गुप्ता (निदेशक, पंखुड़ी अस्पताल, वाराणसी) ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक एक मनुष्य के अच्छे स्वास्थ्य के लिए 40 से 50 डेसीबल तक की ध्वनि उचित होती है जबकि वर्तमान काशी में प्रमुख चौराहों पर 70 से 90 डेसीबल का शोर सामान्य बात हो गई है।  पेड़ पौधों की बेतहाशा कटाई से भी ध्वनि प्रदूषण में काफी इज़ाफ़ा हुआ है।  तेज शोर के कारण बेचैनी, घबराहट, तनाव, अनिद्रा और बहरापन जैसी तमाम बीमारियाँ लगातार बढ़ रही हैं।   तेज लाउडस्पीकर, प्रेशर हॉर्न के साथ ही युवा पीढ़ी द्वारा ईयर फोन के बहुत अधिक प्रयोग से भी नाना प्रकार की बीमारियाँ हो रही हैं।  इन सबसे बचने की जरूरत है।  मगर साथ ही साथ हमें याद रखना पड़ेगा कि सभी प्रकार के प्रदूषण की जड़ में वैचारिक प्रदूषण है जिसे रोकने में परिवार और आपसी संवाद की बहुत बड़ी भूमिका होती है।  कार्यक्रम में प्रधानाचार्य श्री ज्याउर्रहमान] उपप्रधानाचार्य श्री फिरोज अहमद अंसारी] श्री अब्दुल हसीब अंसारी] श्री मोहम्मद मंज़ूर आलम खान] श्री मुबीन अंसारी] श्री इकबाल अहमद] डॉ रिजवानुल्लाह डॉ मफहूजुर्रहमान सहित सभी शिक्षकगण उपस्थित थे। 

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