समृद्ध स्कीम: नए स्टार्टअप के लिए सरकार देगी 40 लाख रु. तक की मदद

हाशिये पर रह रहे लोगों तक पहुंचने में तेजी लाने और बड़ा बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी एक भूमिका निभा सकती है, जिसमें कई साल लग सकते हैं। लेकिन स्टार्ट-अप्स की ऊर्जा का उपयोग करके इन क्षेत्रों में महीनों के भीतर पहुंचा जा सकता है। इसीलिए देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए लगातार नए कदम उठाये जा रहे हैं।

केंद्र सरकार ने बुधवार को 300 आईटी स्टार्टअप को मदद करने के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत की है। ये स्कीम है समृद्ध स्कीम। समृद्ध स्कीम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा चयनित स्टार्टअप को 40 लाख रुपये तक का सीड फंड उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही मंत्रालय द्वारा उन्हें मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य इन चयनित स्टार्ट अप में से 100 को यूनिकॉर्न स्टार्टअप में परिवर्तित करने का है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव कहते हैं कि स्टार्टअप के लिए फंड की कमी कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। आइडिया को वास्तविक उत्पाद में बदलने का अभाव या किसी आइडिया को उद्यम में बदलने के लिए आवश्यक कौशल को एकत्रित करने की कमी अधिकांश स्टार्टअप के लिए एक बड़ी चुनौती है। अगर हम इस दिशा में स्टार्टअप को ले जाने में सक्षम हैं तब शायद हमारी पूंजी को बढ़ने से कोई नहीं रोक सकेगा।

पहले होगी 6 महीने की ट्रेनिंग

किसी भी स्टार्टअप को चलाने के लिए सबसे मुश्किल समय समय होता है शुरुआती समय यानि जब वह स्टार्टअप शुरू किया जाता है। लेकिन समृद्ध स्कीम के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने जिन स्टार्टअप्स को चयनित किया है उनको 40 लाख तक का सीड फंड उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके साथ उन्हें शुरुआत में 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ताकि वह अच्छे से फल-फूल सकें।

क्या है यूनिकॉर्न ?

दरअसल, कोई भी प्राइवेट या वो कंपनी जिसका वैल्यूएशन, 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाता है उन कंपनी को फाइनेंशियल दुनिया में यूनिकॉर्न स्टार्टअप कहा जाता है। केंद्र सरकार शुरुआत से ही 100 यूनिकॉर्न के लक्ष्य को पूरा करना चाहती है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार, देश में इस वक्त 63 यूनिकॉर्न हैं, जिनकी कुल पूंजी 16,800 करोड़ डॉलर से अधिक है।

300 में से 100 यूनिकॉर्न बनाने का लक्ष्य

इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी मंत्रालय की विशेष सचिव ज्योति अरोड़ा ने लॉन्चिंग प्रोग्राम के दौरान बताया कि प्रोडक्ट इनोवेशन, डेवलपमेंट और ग्रोथ, समृद्ध के लिए स्टार्टअप एक्सेलेरेटर की अवधारणा को सिलिकॉन वैली स्थित एक्सेलेरेटर वाईकांबीनेटर की तर्ज पर तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने इन 300 स्टार्टअप में से 100 यूनिकॉर्न निकालने का लक्ष्य रखा है।

नौकरी लेने वाले नहीं, देने वाले बनें युवा

दरअसल, इस वक्त पीएम मोदी का पूरा ध्यान देश में नौजवानों के बीच एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना है ताकि युवा नौकरी तलाशने के बजाय खुद का बिजनेस स्टार्ट कर दूसरों को रोजगार देने वाले बनें। पीएम मोदी ने भी 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से कहा था कि कल के स्टार्टअप आज के यूनिकॉर्न बन रहे हैं। इनकी मार्किट वैल्यू हजारों करोड़ रुपयों तक पहुंच रही है।

देश में चल रही समृद्ध स्कीम जैसी कई स्कीमों के माध्यम से हमारे स्टार्टअप क्षेत्र में एक नई ऊर्जा आ गई है। भारतीय स्टार्टअप की सफलता की कहानी केवल बिजनेस की सफलता नहीं है, बल्कि वह भारत में हो रहे बदलाव का भी प्रतीक है। आज देश में स्टार्टअप इंडिया जैसी मुहिम राष्ट्रीय भागीदारी और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बन गई है।

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