हस्तशिल्प कारीगरों के कौशल को तराश रही है समर्थ योजना
इंडस्ट्री में स्किल की कमी को पूरा करने के लिए कपड़ा मंत्रालय इस क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए समर्थ योजना चला रहा है। इस योजना के अंतर्गत 63 समर्थ प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण से 1,565 कारीगर लाभान्वित हुए हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें रोजगार पाने में सहायता प्रदान करेगा।
क्या है समर्थ योजना का उद्देशय
इस योजना का उद्देश्य संगठित क्षेत्र में कताई और बुनाई को छोड़कर, कपड़ा और उससे संबंधित सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजित करने में इंडस्ट्री के प्रयासों को पूरा करने के लिए मांग आधारित और प्लेसमेंट उन्मुख कौशल प्रोग्राम चलाना है। कपड़ा क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए “समर्थ” नाम की यह योजना लाभकारी और स्थायी रोजगार के लिए युवाओं को स्किल प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण देती है।
इस योजना के मुख्य उद्देश्य हथकरघा, हस्तशिल्प, रेशम उत्पादन और जूट के पारंपरिक क्षेत्रों में कौशल को बढ़ावा देना है। इसके अलावा देश भर में समाज के सभी वर्गों को मजदूरी या स्वरोजगार द्वारा स्थायी आजीविका का इंतजाम करना इस योजना का जरूरी उद्देशय है।
65 समूह को लिया है सरकार ने गोद
कपड़ा मंत्रालय ने इन समूहों के कारीगरों की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करके समयबद्ध तरीके से कारीगरों के समग्र विकास के लिए 65 समूहों को गोद लिया है। इन गोद लिए गए समूहों के कारीगरों को फायदा पहुंचाने के लिए जरूरत के समय सरकार हस्तक्षेप करती है।
सरकार ने एनएसक्यूएफ से जुड़े हस्तशिल्प पाठ्यक्रमों में तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए गोद लिए गए समूहों में हस्तशिल्प प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए हैं। इन प्रशिक्षण केंद्रों की कुल संख्या 65 है।
आधार कार्ड से सीधे खाते में आता है मुआवजा
आधार प्रमाणीकृत बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से कारीगरों की उपस्थिति पर निगरानी रखी जाती है। इसके साथ ही सफल प्रशिक्षित कारीगरों को मजदूरी का मुआवजा सीधे उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाता है। इससे उनकी आजीविका को भी राहत मिली है।
लगभग 3 हजार लोग हुए प्रशिक्षित
सभी 63 प्रशिक्षण केंद्रों में पहला बैच सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। इन सभी बैच में कुल 1,565 कारीगर लाभान्वित हुए हैं। सुखद बात है कि दूसरा बैच भी अगस्त महीने के अंत में पूरा होगा, जिससे कुल 1,421 कारीगर लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षण कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए 65 नए हस्तशिल्प प्रशिक्षण केंद्र शुरू किए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक कारीगर लाभान्वित हो सकें।
योजना के लिए बजट का प्रबंध
समर्थ योजना राज्य सरकार की एजेंसियों, कपड़ा मंत्रालय के क्षेत्रीय संगठनों, विनिर्माण उद्योग, उद्योग संघों और एमएसएमई संघों के सहयोग से लागू की जा रही है। समर्थ योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए राज्य सरकार की एजेंसियों/उद्योग/उद्योग संघों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे।
इन प्रस्तावों के मूल्यांकन के बाद, कपड़ा मंत्रालय ने प्रशिक्षण केंद्रों के भौतिक सत्यापन के बाद कपड़ा क्षेत्र में 3.3 लाख लाभार्थियों के प्रशिक्षण के लिए 13 राज्य सरकार की एजेंसियों, 90 कपड़ा निर्माताओं, 11 उद्योग संघों और कपड़ा मंत्रालय के 4 क्षेत्रीय संगठनों के साथ भागीदारी की है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 2019-20 के लिए 72.06 करोड़ रुपये जारी किए हैं। समर्थ योजना के तहत कार्यान्वयन भागीदारों (आईपी) को 2020-21 में 90.70 करोड़ रुपए का फंड जारी किया गया।
योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:-
> यह योजना कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा अपनाए गए व्यापक कौशल ढांचे के अनुसार तैयार की गई है।
> इसमें एंट्री लेवल स्किलिंग (नए कर्मचारी) और अपस्किलिंग (मौजूदा कर्मचारी) शामिल होते हैं।
> शुरुआती स्तर के लिए 70% और संगठित क्षेत्र के तहत अपस्किलिंग कर्मचारियों के लिए 90% प्लेसमेंट अनिवार्य है।
> योजना के निगरानी के लिए आधार सक्षम बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (एईबीएएस) और वेब आधारित केंद्रीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) काम करती है।
> फीडबैक लेने और शिकायत निवारण के लिए कॉल सेंटर का इंतजाम है।
> प्रशिक्षण केंद्रों का जियो-टैगिंग/टाइम-स्टैम्प्ड फोटोग्राफ के साथ भौतिक सत्यापन किया जाता है ।