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राम मंदिर समर्पण अभियान को चंदाजीवी कहने वाले अखिलेश को संतों ने कहा बाबरजीवी

लखनऊ । हिन्‍दू आस्‍था के खिलाफ सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक बार फिर जहर उगला है। मंगलवार को लोकसभा में अखिलेश यादव द्वारा श्री राम जन्‍मभूमि निधि समर्पण अभियान को चंदाजीवी कहे जाने पर संतों और हिन्‍दू समाज के युवाओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। अयोध्‍या के संतों ने अखिलेश यादव को बाबरजीवी कहते हुए उन्‍हें हिन्‍दू आस्‍था का अपमान करने से बाज आने की चेतावनी दी है। आक्रोशित संतों ने कहा कि कारसेवकों पर गोली चलाने वाले भला श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान का महत्‍व कैसे समझेंगे ।

अयोध्या, मथुरा,काशी और प्रयागराज में संतो के अखिलेश यादव के बयान का कड़ा विरोध करते हुए उन्‍हें माफी मांगने का सुझाव दिया है। हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि अखिलेश यादव अभी भी होश में आ जाओ,आप हमेशा बाबरजीवी रहे हो । महंत राजू दास ने कहा कि आखिलेश और उनके पिता जी हमेशा से ही हिन्‍दू धर्म और साधु संतों के विरोधी रहे हैं । उन्‍होंने चुनौती देते हुए कहा कि आप के सामने ही बाबरी मस्जिद ध्‍वस्‍त हुआ और अब राम मंदिर बनने जा रहा है। यह सब आप से देखा नहीं जा रहा है।
राजू दास ने अखिलेश को चेतावनी देते हुए कहा कि अभी भी संभल जाइये वर्ना आप का कभी भी यूपी की सत्‍ता में आना मुश्किल हो जाएगा।

अयोध्‍या के महंत धर्मदास ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अखिलेश और उनके परिवार को हिन्‍दू संस्‍कृति और भगवान श्रीराम पर बोलने का कोई अधिकार ही नहीं है। निर्मोही अखाड़ा के महंत राजेंद्र दास ने अखिलेश को गजनी का वंशज करार देते हुए कहा कि उन्‍हें हिन्‍दुओं पर पर बोलने का कोई हक नहीं है। अखिल भारतीय पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत गौरीशंकर दास ने कहा 1990 हमें अभी भी याद है। वो हत्‍यारी सरकार थी। अखिलेश उसी का प्रतिनिधि कर रहे हैं। वाराणसी के महंत स्‍वामी बालकदास ने अखिलेश को सनातन धर्म विरोधी करार देते हुए कहा कि मंदिर तो चंदे से ही बनते हैं,लेकिन ये बात तो कोई हिन्‍दू ही समझ सकता है। प्रदेश भर से अन्‍य संतों ने भी इस मामले पर अखिलेश पर तीखा हमला बोला है।

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