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रुपे डेबिट कार्ड, भीम-यूपीआई से लेन-देन के प्रोत्साहन की 2600 करोड़ रुपए की योजना मंजूर

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अप्रैल 2022 से एक वर्ष की अवधि के लिए रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई से व्यक्ति द्वारा व्यापारी-दुकानदार को किए जाने वाले भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है।पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए इस योजना पर 2600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस तरह की योजना लाने की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में की थी।

श्री मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने संवाददाताओं को बुधवार को यह जानकारी दी।मंत्रिमंडल में स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2022-23 में रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (व्यक्ति से व्यापारी को) के प्रोत्साहन के लिए स्वीकृत प्रोत्साहन योजना पर 2,600 करोड़ रुपये का परिव्यय स्वीकृत किया गया है।योजना के तहत व्यापारी के बैंकों को चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) का उपयोग करके पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

श्रीमती सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट भाषण में, पिछले बजट में घोषित डिजिटल भुगतानों के लिए वित्तीय सहायता जारी रखने की सरकार की मंशा की घोषणा की थी, जो कि किफायती और उपयोगकर्ता के अनुकूल भुगतान प्लेटफार्मों के उपयोग को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करती है। यह योजना उस बजट घोषणा के अनुपालन के लिए की गयी है।वर्ष 2021-22 में सरकार ने डिजिटल लेनदेन को और बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी थी। परिणामस्वरूप, कुल डिजिटल भुगतान लेनदेन में साल दर साल 59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस तरह का भुगतान वित्त वर्ष 2020-21 में 5,554 करोड़ रुपये था जो बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 8,840 करोड़ हो गया है।

इस दौरान भीम-यूपीआई लेनदेन 106 प्रतिशत की साल-दर-साल वृद्धि के साथ 2,233 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 4,597 करोड़ रुपये हो गया था।गौरतलब है कि डिजिटल भुगतान प्रणाली के विभिन्न हितधारकों और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर शून्य एमडीआर शासन के संभावित प्रतिकूल प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की।नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने भी भीम-यूपीआई और रुपे डेबिट कार्ड लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए इको-सिस्टम हितधारकों के लिए लागत प्रभावी मूल्य प्रस्ताव बनाने, व्यापारियों को इससे जुड़ने को प्रोत्साहित करने तथा और नकद भुगतान से तेजी से डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ने के लिए अन्य बातों के अलावा इस तरह की कोई प्रोत्साहन योजना शुरू करने का अनुरोध किया था।(वार्ता)

 

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