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अमेरिकी राज्य जॉर्जिया में ‘हिंदूफोबिया’ के खिलाफ पारित हुआ प्रस्ताव

प्रस्ताव में कहा गया कि कुछ शिक्षाविदों द्वारा हिंदूफोबिया को संस्थागत रूप दिया गया है जो हिंदू धर्म को खत्म करने का समर्थन करते हैं और इसके पवित्र ग्रंथों पर आरोप लगाते हैं।

न्यूयाॅर्क : हिंदू धर्म या हिंदुओं के प्रति गलत बयानबाज़ी और असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाली संकल्पना ‘हिंदूफोबिया’ के खिलाफ अमेरिकी राज्य जॉर्जिया में एक प्रस्ताव पेश किया गया है। जॉर्जिया ऐसा करने वाला पहला अमेरिकी राज्य बन गया है।स्टेट हाउस ऑफ रिप्रज़ेंटेटिव्स में सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को स्वीकार किया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि कुछ शिक्षाविदों द्वारा हिंदूफोबिया को संस्थागत रूप दिया गया है जो हिंदू धर्म को खत्म करने का समर्थन करते हैं और इसके पवित्र ग्रंथों पर आरोप लगाते हैं। ये लोग हिंदुओं की सांस्कृतिक परंपराओं को हिंसा और उकसाने वाली बताते हैं।

पांच राज्य प्रतिनिधियों द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव में दुनिया और अमेरिका के लिए हिंदुओं तथा हिंदू धर्म के योगदान को स्वीकारा गया साथ ही हिंदूफोबिया , हिंदुओं के खिलाफ कट्टरता और असहिष्णुता की आलोचना की गयी।प्रस्ताव में कहा गया कि देश के कई हिस्सों में पिछले कुद दशकों में हिंदू अमेरीकियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के कई प्रमाण हैं। फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन की पूर्वाग्रह से ग्रसित अपराधों पर पिछले माह जारी रिर्पोट में 2021 की ऐसी घटनाओं का समावेश करते हुए बताया गया कि इस दौरान हिंदुओं के खिलाफ 16 अपराध हुए जिसमें 18 पीडित रहे ।

रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले साल सामने आये मामलों की तुलना में यह संख्या 11 अधिक है।जॉर्जिया के प्रस्ताव में रटगर्स यूनिवर्सिटी की नेटवर्क कंटैगियन लैब की एक रिपोर्ट ‘एंटी-हिंदू डिसइंफॉर्मेशन: ए केस स्टडी ऑफ हिंदूफोबिया ऑन सोशल मीडिया’ का हवाला दिया गया , यह लैब इंटरनेट पर गलत सूचनाओं और नफरत फैलाने वाली जानकारियों को ट्रैक करती है। विश्वविद्याल की रिपोर्ट के अनुसार कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर हिंदू समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाली बातों को तेजी से बढ़ते पैटर्न के प्रमाण मिले हैं। विश्वविद्यालय में भी हिंदू धर्म की मुखालफत करने वाले शिक्षाविदों का बाेलबाला रहा है।

इस प्रस्ताव में अमेरिका को लोगों की उम्मीद की एक ऐसी जगह बताया गया है जो दुनिया भर से लोगों को आशा, विकास, नवाचार और एक अच्छा जीवन गुजारने के मुफीद है और प्रस्ताव में दुनिया भर के हर कोने से 40 लाख से अधिक हिंदुओं का स्वागत किया गया है साथ ही उन्हें अपने यहां आठ अच्दे अवसरों के अलावा हिंदू या सनातन धर्म का बेखौफ पालन करने का आश्वासन भी दिया है।

प्रस्ताव में हिंदुओं के योगदान को रंखाकित करते हुए कहा गया है कि इस समुदाय के लोगों ने योग, आयुर्वेद, ध्यान, भोजन, संगीत, कला के क्षेत्र में योगदान देते हुए सांस्कृतिक ताने-बाने को समृद्ध किया और अमेरिकी समाज में व्यापक रूप से अपनाया गया है और लाखों लोगों के जीवन को बढ़ाया है। हेल्थ, साइंस, इंजीनियरिंग, आईटी, फाइनेंस, एजुकेशन, एनर्जी, बिजनेस और इंजीनियरिंग जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में अमेरिकी हिंदुओं का प्रमुख योगदान रहा है।”(वार्ता)

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