राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य लोकसंग्रह व लोकनिर्माण – प्रो. दुर्ग सिंह चौहान

वाराणसी। भारतके पांच विश्वविद्यालयों में बीस वर्ष तक कुलपति का दायित्व संभालनेवाले अंतर्राष्ट्रीय विद्वान प्रोफेसर दुर्ग सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य लोकसंग्रह व लोकनिर्माण है। व्यक्तित्व का ऐसा विकास करना कि हर स्वयंसेवक समाज के लिए उपयोगी साबित हो। उसका ज्ञान और संकल्प समाज में सकारात्मकता पैदा करे। समाजका विश्वास बढ़े।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की क्रांतिपल्ली शाखा के मकरसंक्रांति उत्सव में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में घुलना मिलना इतना आसान नहीं है। समाज में कोई कार्य आप आसानी से नहीं कर सकते हैं न तो समाज से काम ले सकते हैं। इसके लिए आपको नित्य व सतत प्रयास करना पड़ेगा तब आपका कुछ काम दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि लोक सम्पर्क और संघ की शाखाओं का विस्तार जरूरी है।
अमेरिका में 1989 से 1994 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य विस्तार करने के अपने अनुभवों को साझा करते हुए प्रोफेसर चौहान ने कहा कि वहां भारतवासी बहुत दूर दूर रहते हैं छः वर्ष में पन्द्रह सौ परिवारों को किसी तरह जोड़ पाया। अमेरिका में संघ का कार्य 25 वर्ष पूरा होने पर 2014 में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था उसमें मुझे आमंत्रित किया गया लोग मुझसे मिलने आते थे, बड़ा अच्छा लगता था। अमेरिका में भी संघ का कार्य बहुत बढ़ गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छः उत्सवों और स्वयं सेवकों के व्यक्तित्व निर्माण पर विस्तार से प्रकाश डाला। उत्सव के समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता श्री विजय नारायण सिंह ने की। कार्यक्रम का संचालन श्री अंशु अरोड़ा ने किया।

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