अपनी चिंता छोड़ कोरोना उपचाराधीनों को बचाने में जुटी है रैपिड रिस्पांस टीम
होम आईसोलेशन वाले उपचाराधीनों को दी जा रही दवा व बचाव की जानकारी ,गंभीर उपराधीनों को दिखा रहे उच्च सुविधा वाले अस्पताल की राह .
कुशीनगर । स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना को काबू में करने के लिए अथक प्रयास किया जा रहा है। चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के दल द्वारा होम आईसोलेशन वाले उपचाराधीनों को दवा के साथ बचाव की जानकारी भी दी रही है। इसके लिए रैपिड रिस्पांस टीम भी गठित की गयी है। जो अपनी चिंता छोड़ उपचाराधीनों को बचाने में लगी है। स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यीय रैपिड रिस्पांस टीम जब फाजिलनगर के रहसू जनेबी पट्टी गाँव पहुँची तो चार परिवारों के 14 उपराधीनों को दवा और होम आईसोलेशन के बारे में विस्तार से बताया। इन चारों परिवारों में से एक उपराधीन के घर शौचालय नहीं था तो उसे लक्ष्मीपुर स्थित क्वारंटीन सेंटर भेजवाया।
टीम का नेतृत्व कर रहे डाॅ. पवन बहादुर सिंह ने बताया कि कोरोना उपचाराधीनों को आइवरमेक्टीन, जिंक तथा विटामिन सी नामक दवा दी जा रही है। साथ ही होम आईसोलेशन से बरती जाने वाली सावधानी के बारें में बताया जा रहा है। टीम द्वारा सभी उपचाराधीनों का केस हिस्ट्री भी तैयार किया जा रहा है ताकि बुखार, खाँसी के साथ उच्च रक्तचाप, मधुमेह या हर्ट के मरीजों की उच्च सुविधा वाले अस्पतालों पर भेजा जा सके। टीम ने होम आईसोलेशन वाले तीन परिवार के उपचाराधीनों को बताया कि सभी की देखभाल के लिए एक -एक व्यक्ति को केयर टेकर के रूप होना जरूरी है, जो उपराधीनों व चिकित्सक के बीच संपर्क बनाए रखेगा। टीम में डाॅ. पवन बहादुर सिंह के अलावा डाॅ.भूपेंद्र सिंह, फार्मासिस्ट सदरे आलम व एएनएम रीना निषाद तथा सीएचओ अरविंद कुमार भी शामिल रहे। टीम कोरोना संक्रमितों को दवा व बचाव की जानकारी देने में लगी हुई है।
होम आईसोलेशन में रखें इन बातों का ख्याल
-कोरोना उपचाराधीन को हमेशा माॅस्क लगाना होगा।
-आठ घंटे के प्रयोग के बाद या गीला व गंदा होने पर माॅस्क बदलना होगा।
-कोरोना उपचाराधीन को अपने घर के निर्धारित कमरे में रहना होगा।
-बुजुर्गों, बीपी, सुगर व हर्ट जैसे मरीजों को संक्रमितों से दूर रहना होगा।
-हाथ को साबुन पानी से 60 सेकेंड तक बार-बार धुलना होगा।
-उपचाराधीन को अपने इस्तेमाल की वस्तुएं अलग रखना होगा।
-घर के सभी सदस्य कम से कम दो गज की दूरी बना कर रहें।