श्री राम पर गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए अयोध्या में बनेगा रामायण विश्विद्यालय
जारी रहेगी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को धार देने की मुहिम .और दिव्य होगा 2025 के महाकुंभ का आयोजन
- गिरीश पांडेय
अपनी संस्कृति, सभ्यता, भाषा और इतिहास को नहीं संरक्षित रखने वाले समाज एवं देश को भी नहीं संरक्षित रख सकते। भाजपा दुबारा सत्ता आने पर पहले की तरह अपने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को अपने गौरवशाली अतीत के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हर संभव प्रयास करेगी। लोककल्याण संकल्प पत्र 2022 में भाजपा ने अपने इस एजेंडे के प्रति एक बार फिर प्रतिबद्धता जताई है। मसलन भाजपा दुबारा सत्ता में आई तो अयोध्या के दीपोत्सव, काशी की देव दीपावली का रंग और चटक होगा। कुंभ और महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता में और चार चांद लगेगा।
संकल्प पत्र के पेज 11 पर संस्कृतिक धरोहरों एवं विकसित पर्यटन के लिए उठाए जाने वाले कदमों में इसका जिक्र भी है। मसलन अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम से संबंधित गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य के लिए रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। अपनी दिव्यता-भव्यता और स्वच्छता के कारण 2019 के कुंभ का सफल आयोजन देश-दुनिया में सुर्खियों में रहा। संकल्प पत्र के मुताबिक महाकुंभ 2025 का आयोजन भी हर लिहाज से विश्व स्तरीय होगा। संकल्प पत्र में बुजुर्ग संतों, पुजारियों एवं पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजनाओं का क्रियान्वयन करने के लिए सत्ता में आने पर भाजपा सरकार एक विशेष बोर्ड बनाएगी।
एक क्लिक पर मिलेगी किसी मंदिर की सारी जानकारी
धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाओ के मद्देनजर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली (आईटीआईएस) लॉन्च करने का वादा भी संकल्प पत्र में किया गया है। इससे एक क्लिक पर, किसी भी मंदिर का पूरा विवरण ( इतिहास, रूट मैप्स आदि) की जानकारी उपलब्ध होगी।
संस्कृत को भी लोकप्रिय बनाने का वादा
माना जाता है कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। भारतीय ज्ञान-विज्ञान,साहित्य का सारा भंडार संस्कृत में ही है। देववाणी कही जाने वाली संस्कृत के प्रति युवाओं का क्रेज बढ़े इसके लिए छात्रों के लिए मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण देने का वादा भी संकल्प पत्र में किया गया है।
मथुरा में ब्रज,आयोध्या में अवधी अकादमी
इसी क्रम में स्थानीय भाषाओं और उनमें लिखे गए कालजई साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मथुरा में सूरदास ब्रजभाषा और अयोध्या में गोस्वामी तुलसीदास अवधी अकादमी की स्थापना की बात भी संकल्प पत्र में है। इसके अलावा चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि, वाराणसी में संत रविदास, श्रृंग्वेरपुर में निषादराज गुह्य के अलावा डॉ भीम राव अम्बेडकर की स्मृति में सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना का वादा भी संकल्प पत्र में किया गया है। लखनऊ में महाराजा बिजली पासी किले को लाइट एवं साउंड शो जैसी सुविधाओं के माध्यम से एक विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, बहराइच में महाराजा सुहेलदेव की स्मृति में भव्य स्मारक का निर्माण पूर्ण करने,महर्षि वाल्मीकि आश्रम एवं सीतामढी स्थल का नवीनीकरण करके, इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात भी संकल्प पत्र में कही गई है।