व्यापक विचार-विमर्श के बाद लागू की गई ‘अग्निपथ’ योजना: राजनाथ सिंह
अग्निवीरों के लिए रक्षा मंत्रालय में 10 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाएंगे
नयी दिल्ली :‘अग्निपथ’ योजना को लेकर तेज होते विरोध प्रदर्शनों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को योजना का बचाव करते हुए कहा कि इसे पूर्व सैनिकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लागू किया गया है। सिंह ने कहा कि योजना के संबंध में राजनीतिक कारणों से ‘भ्रम’ फैलाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि यह योजना सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि योजना के तहत भर्ती कर्मियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।सिंह ने टीवी 9 मीडिया समूह द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा, ‘यह योजना सशस्त्र बलों की भर्ती प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगी। कुछ लोग इसके बारे में गलतफहमी फैला रहे हैं। हो सकता है कि लोगों में कुछ भ्रम हो, क्योंकि यह एक नयी योजना है।’
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस योजना को पूर्व सैनिकों के साथ लगभग दो साल तक विचार-विमर्श करने के बाद लागू किया गया है और इस संबंध में आम सहमति के आधार पर निर्णय लिया गया है।उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि लोगों में देश के लिए अनुशासन और गर्व की भावना हो।’रक्षा मंत्री ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ कुछ विरोध प्रदर्शनों के राजनीतिक कारण हो सकते हैं।उन्होंने कहा, ‘राजनीति करने के लिए और भी बहुत सारे मुद्दे हैं। लेकिन हम चाहे विपक्ष में रहें या फिर सत्ता में में, जो भी राजनीति करते हैं, वह देश के लिए होती है।’रक्षा मंत्री ने कहा, ‘क्या हमें देश के जवानों का मनोबल गिराना चाहिए? यह सही नहीं है।’
अग्निपथ योजना के तहत चार साल के लिए अनुबंध के आधार पर जवानों की भर्ती की जाएगी, जिसके बाद उनमें से 75 प्रतिशत को पेंशन के बिना अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। शेष 25 प्रतिशत को नियमित सेवा के लिए बरकरार रखा जाएगा। इन जवानों का चयन उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।योजना के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ‘अग्निपथ योजना’ के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को राज्य सरकारों, निजी उद्योगों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अर्धसैनिक बलों की विभिन्न नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।(भाषा)
अग्निवीरों के लिए रक्षा मंत्रालय में 10 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाएंगे
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा केंद्रीय पुलिस बलों और असम राइफल में अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा के बाद रक्षा मंत्रालय ने भी अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत पद आरक्षित करने का एलान किया है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को मंत्रालय के इस आशय से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अग्निवीरों को यह 10 प्रतिशत आरक्षण तटरक्षक बल, रक्षा क्षेत्र के 16 सार्वजनिक उपक्रमों और डिफेंस सिविल विभागों में दिया जाएगा।रक्षा मंत्री के कार्यालय ने आज सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आवश्यक योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाले अग्निवीरों को रक्षा मंत्रालय के पदों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”
ट्वीट में कहा गया है कि यह 10 प्रतिशत आरक्षण तटरक्षक बल, डिफेंस सिविल पदों और रक्षा क्षेत्र के सभी 16 सार्वजनिक उपक्रमों में दिया जाएगा। यह भूतपूर्व सैनिकों को दिए जाने वाले आरक्षण से अतिरिक्त होगा। इस निर्णय को लागू करने के लिए संबंधित भर्ती नियमों में जरूरी संशोधन किए जाएंगे।रक्षा मंत्री के कार्यालय ने कहा है कि रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को भी भर्ती नियमों में संशोधन करने की सलाह दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर अधिकतम आयु सीमा में छूट का प्रावधान भी किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी आज सुबह यह घोषणा की थी कि अग्निवीरों को केंद्रीय पुलिस बलों और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।ज्ञात हो कि सरकार ने तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत की है जिसमें अग्निवीरों का कार्यकाल केवल चार वर्ष रखा गया है। देश के युवा इसके विरोध में जगह जगह आंदोलन और आगजनी कर रहे हैं। सरकार युवाओं को भरोसे में लेने और उन्हें अग्निपथ योजना में शामिल होने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से विभिन्न तरह की छूट की घोषणा कर रही है।