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निर्वाचन निकायों की रैंकिंग के अंतरराष्ट्रीय मानक बनें: राजीव कुमार

फाइल फोटो

नयी दिल्ली : भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने विभिन्न देशों में चुनाव का संचालन करने वाले निकायों (ईएमबी) के काम के सर्वेक्षण और रैंकिग में वर्तमान कमियों से होने वाले नुकसान की ओर आज संकेत करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तार पर इसके लिए आवश्यक मानक और कसौटियां बनाए जाने पर बल दिया है।निर्वायन आयोग की शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार श्री कुमार ने भारत की मेजबानी में “ समावेशी चुनाव और चुनावों की निष्पक्षता ” विषय पर ईएमबी के तीसरे अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में चुनाव निकायों के समक्ष समक्ष गंभीर चुनौतियों पर बोलते हुए कुछ सर्वेक्षणों और रैंकिंग एजेंसियों द्वारा किए गए नुकसान की ओर इशारा किया।

उन्होंने कहा, ‘ इन सर्वेक्षणों में कई ईएमबी के उल्लेखनीय पथ-प्रदर्शक कार्यों का उल्लेख तक नहीं किया गया है और कुछ संगठनों द्वारा की गई रैंकिंग में कम समावेशिता वाले देशों को उच्च स्थान दिया गया है।”उन्होंने कहा,“ऐसी त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट निर्वाचन निकायों की विश्वसनीयता को और अधिक नुकसान पहुंचाती है।” उन्होंने सम्मेलन में भाग ले रहे सीईसी ने भाग लेने वाले ईएमबी से सर्वे और रैंकिंग के आवश्यक पैरामीटर और मानक बनाने का आग्रह किया जो ऐसे सर्वेक्षणों का मार्गदर्शन कर सकें।”

भारत में मतदान को समावेशी बनाने के बारे में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने इस तथ्य को रखा कि देश में 46 करोड़ महिला मतदाता हैं, जो पुरुष मतदाताओं की संख्या के लगभग बराबर है।उन्होंने यह भी बताया कि संसद के पिछले आम चुनाव 2019 में, पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने अधिक मतदान किया। उन्होंने कहा कि यह समावेशन का वह स्तर है जिसे भारत हासिल करने में सक्षम रहा है।चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने कहा कि भारत का चुनाव आयोग ‘कोई मतदाता न छूटे’ के आधार पर समावेशी चुनावों के लिए काम कर रहा है।

इस सम्मेलन में अंगोला, आर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चिली कोस्टा रिका, क्रोएशिया, डेनमार्क, डोमिनिका, जॉर्जिया, गुयाना, केन्या, कोरिया गणराज्य, मॉरीशस, मोल्दोवा, नॉर्वे, फिलीपींस, पुर्तगाल रोमानिया, सेंट लूसिया, सूरीनाम, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और जाम्बिया सहित 31 देशों/ईएमबी के कुल 59 प्रतिभागियों ने भाग लिया। सम्मेलन में दो अंतरराष्ट्रीय संगठनों , अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव-सहायता संस्थान ( आईडीईए) और इंटरनेशनल फाउंडेशन फार इलेक्टोरल सिस्टम के प्रतिनिधियों तथा इंडोनेशिया में जनरल इलेक्शन नेटवर्क फॉर डिसएबिलिटी एक्सेस और नेपाल में एसोसिएशन ऑफ यूथ ऑर्गेनाइजेशन के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।(वार्ता)

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