नई दिल्ली : सोमवार को रेलवे बोर्ड ने कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए रात्रिकालीन कार्य भत्तों की कटौती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। रेलवे बोर्ड की इस पहल को विभिन्न यूनियनों ने स्वागत किया है तथा इसे कर्मचारियों की जीत करार दिया है। महासंघों -एनएफआईआर और एआईआरएफ ने इस उपलब्धि को अपने झोली में डालने की कवायद करते हुए दावा किया है कि यह उनके ही प्रयास का परिणाम है।
ज्ञात हो कि इससे पहले रेल मंत्रालय ने अपने एक आदेश में यह निर्देशित किया था कि 43600 रुपये से अधिक वेतन पाने वाले रेल कर्मचारियों को रात्रिकालीन कार्य भत्ता नहीं दिया जाएगा। इस आदेश के बाद रेलकर्मियों में बड़ी नाराजगी देखी जा रही थी। सबसे अधिक नाराजगी पूर्व में भुगतान किये जा चुके भत्तों की वसूली को लेकर था। एनएफआईआर के महामंत्री डॉ. एम राघवैया और एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय तथा रेल मंत्रालय के समक्ष इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। दोनों फेडरेशनों ने इस निर्णय को वापस लेने का दबाव भी बनाया था।
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया के बाद रेलवे बोर्ड ने इस मामले को मंत्रालय के कार्मिक विभाग के पास भेज दिया था। बहरहाल अभी वहां से कोई आदेश नहीं आया है। इस बीच रेलवे बोर्ड ने कार्मिक मंत्रालय से आदेश आने तक कर्मियों के रात्रिकालीन कार्य भत्तों में कटौती के आदेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अब पूर्व के भत्तों पर भी वसूली नहीं होगी। रेलवे बोर्ड ने पूर्व की तरह भत्ता देने का आदेश जारी कर दिया है।
ऑल इंडिया रेलवे मेंन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने सीधा संवाद कार्यक्रम में बताया कि नाइट ड्यूटी अलॉउंस की रिकवरी पर रोक लगा दी गई है, लेकिन यह काफी नहीं है। हमारा प्रयास है कि यह पहले की तरह जारी रहे। रेलवे फेडरेशन ने इसके विरोध में ब्लैक डे मनाया था। रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद रेलकर्मियों ने मिठाई बांटकर प्रसन्नता प्रकट की है।