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रेलवे 31 अक्टूबर तक125 दिनों में 8 लाख मानव दिवस रोजगार के अवसरों का सृजन करेगी

एक मिशन के रूप में चलने वाले 125 दिन के अभियान में 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में वापस लौटने वाले प्रवासी कामगारों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए 116 जिलों में विभिन्न श्रेणियों/ गतिविधियों के कार्यान्वयन पर जोर दिया जाएगा

नई दिल्ली । रेल मंत्री ने आज  वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों और रेलवे पीएसयू के साथ बैठक के दौरान गरीब कल्याण रोजगार अभियान की प्रगति की समीक्षा की है। 20 जून को प्रधानमंत्री द्वारा शुभारम्भ के बाद से गरीब कल्याण रोजगार अभियान छह राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा और झारखंड के 116 चिह्नित जिलों में परिचालन में है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन  विनोद कुमार यादव ने आज गरीब कल्याण रोजगार अभियान की प्रगति के संबंध में महाप्रबंधकों (जीएम) और मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) और पीएसयू के प्रबंध निदेशकों (एमडी) के साथ के वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक बैठक की।

बैठक को संबोधित करते हुए श्री यादव ने क्षेत्रीय रेलवे को हर जिले के साथ ही राज्यों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए, जिससे राज्य सरकारों के साथ बेहतर समन्वय कायम किया जा सके। श्री यादव ने क्षेत्रीय स्तर के रेलवे प्रशासन को परियोजनाओं से प्रवासियों का जुड़ाव सुनिश्चित करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने और इस क्रम में भुगतान करने के निर्देश दिए। क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों को इन चिह्नित जिलों में सभी निर्माणाधीन बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्योंके क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। लगभग 160 बुनियादी ढांचागत कार्यों की पहचान की गई है, जिनमें तेजी लाई जानी है। इनसे हजारों कामगार जुड़ेंगे और अनुमानित तौर पर अक्टूबर, 2020 तक इनसे 8 लाख मानव दिवस रोजगार पैदा होंगे। इन जिलों में लगभग 1,800 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।

रेलवे ने ऐसे रेल कार्यों की भी पहचान की है, जिन्हें मनरेगा के माध्यम से पूरा कराया जा सकता है। ये कार्य (1)लेवल क्रॉसिंग के लिए संपर्क मार्गों के निर्माण एवं रखरखाव, (2)रेल पटरियों से सटे अवरुद्ध जलमार्गों, खाइयों और नालियों के विकास और उनकी सफाई, (3) रेलवे स्टेशनों को जाने वाले संपर्क मार्ग का निर्माण तथा रखरखाव, (4)मौजूदा रेलवे तटबंधों/ कटाव (कटिंग्स) की मरम्मत और चौड़ीकरण, (5) रेलवे की भूमि पर बड़ी सीमाओं पर वृक्ष लगवाना और (6)मौजूदा तटबंधों/ कटाव/सेतुओं के लिए सुरक्षा कार्यों से संबंधित हैं। क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों को मनरेगा के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों के लिए स्वीकृति लेने के भी निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्रीय रेलवे द्वारा दैनिक आधार पर कार्यों की निगरानी की जाएगी और अक्टूबर, 2020 के अंत तक हर शुक्रवार को मंत्रालय को इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी संकट से प्रभावित प्रवासी कामगारों की बड़ी संख्या में घर वापसी को देखते हुए क्षेत्रों/गांवों में सशक्त बनाने और आजीविका उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 20 जून, 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान नाम से एक व्यापक रोजगार-सह-ग्रामीण सार्वजनिक कार्य मुहिम का शुभारम्भ किया था। प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी। 125 दिन के इस अभियान में एक मिशन के रूप में काम किया जाएगा, जिसमें 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा 116 जिलों में घर लौटने वाले प्रवासी कामगारों को ध्यान में रखते हुए 25 श्रेणियों के कार्यों/ गतिविधियों के कार्यान्वयन पर जोर शामिल होगा। इस अभियान के दौरान 50,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगे। यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों ग्रामीण विकास पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा, सीमावर्ती सड़कें, दूरसंचार एवं कृषि का मिला जुला प्रयास होगा। इससे 25 सार्वजनिक बुनियादी ढांचा कार्यों और आजीविका के अवसरों में बढ़ोतरी से संबंधित कार्यों के कार्यान्वयन में तेजी लाई जाएगी।

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