चंडीगढ़ : पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ 32 जगहों पर रेल पटरियों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते राज्य में रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। रेलवे के अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि इन प्रदर्शनों के कारण रेल सेवाएं ठप होने के चलते रेलवे को लगभग 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। रेलवे के इस बयान के बाद पंजाब के नेताओं का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाक़ात कर राज्य में रेल यातायात के सामान्य बनाने के लिए कदम उठाने की मांग कर चुका है। जिसके बाद आज इस मसले को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा है कि पंजाब में रेल सेवाएं तभी बहाल होंगी जब पटरियों की नाकेबंदी खत्म होगी। उन्होंने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें आश्वस्त किया है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाए गए सभी अवरोधकों को शुक्रवार सुबह तक हटा लिया जाएगा। उन्होंने कहा, `पटरियां नियंत्रण में होते ही हम ट्रेनों को चलाएंगे।
वहीं, रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पंजाब में ट्रेन सेवा बहाल करने के पहले राज्य सरकार को रेलवे की संपत्तियों और कर्मियों की सुरक्षा का आश्वासन देना होगा और पटरियों से सभी प्रदर्शनकारियों को हटाना होगा। गोयल ने इस बारे में ट्वीट कर लिखा कि रेलवे पंजाब में परिचालन शुरू करने को तैयार है। बशर्ते पंजाब सरकार ट्रेन संचालन की सुरक्षा का आश्वासन दे और रेलवे पटरियों को प्रदर्शनकारियों से मुक्त कराये। सांसदों ने गोयल को पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह का एक पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने रेलवे की संपत्ति की रक्षा का आश्वासन दिया। सीएम सिंह ने पंजाब में रेल सेवा बहाल करने का अनुरोध करते हुए इस पत्र कहा है, `हम रेलवे कर्मियों और संपत्ति की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पुलिस और सुरक्षाकर्मी तैनात करेंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि क़ानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के कारण जारी नाकेबंदी की वजह से जरूरी सामान लाने वाली 2,225 से अधिक मालगाड़ियों का संचालन नहीं हो सका है। इसके अलावा करीब 1,350 यात्रीगाड़ियों का भी संचालन रद्द करना पड़ा है या उनका मार्ग बदल दिया गया है। बतौर रिपोर्ट्स, प्रदर्शनकारी कुछ ट्रेनों को अचानक ही रोक चुके हैं और कई स्थानों पर जैसे कि जंडियाला, नाभा, तलवंडी साबो और बठिंडा के आसपास नाकेबंदी जारी है।