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क्वाड नेता बोले- ‘हिंद-प्रशांत के लिए आज का सहयोग कल क्षेत्र में लाएगा समृद्धि’

क्वाड नेताओं ने एक बार फिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को लेकर प्रतिबद्धता जताई और साथ ही ये भी कहा कि वे ऐसे अन्य देशों के साथ भी सहयोग को तैयार हैं, जिनके इस क्षेत्र में साझा हित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने मिलकर कहा है कि ‘हिंद-प्रशांत’ के लिए बना उनका ‘क्वाड’ गठबंधन लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर एकजुटता दर्शाता है और क्षेत्र के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है। आज का यह गठबंधन भविष्य के समृद्ध ‘हिन्द-प्रशांत’ के लिए है।

चारों विश्व नेताओं ने विश्व के समक्ष रखा अपना पक्ष

अमेरिकी समाचार पत्र ‘वाशिंगटन पोस्ट’ में चारों देशों के शीर्ष नेताओं का संयुक्त ‘ओपिनियन’ प्रकाशित हुआ है। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने मिलकर लिखा है। इसमें चारों विश्व नेताओं ने शुक्रवार को पहले क्वाड सम्मेलन में चर्चा के निष्कर्ष स्वरूप विश्व के समक्ष अपना पक्ष रखा है।

समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र का निर्माण करना है मकसद

चारों नेताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन, नई अत्याधुनिक तकनीक, भू-राजनीतिक परिस्थिति और महामारी के परिपेक्ष में यह गठबंधन उभरा है। इसका मकसद मुक्त, खुले, लचीले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र का निर्माण करना है। नेताओं ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं कि हिन्द-प्रशांत सुलभ और गतिशील रहे, अंतरराष्ट्रीय कानून और ‘बेडरॉल सिद्धांतों’ पर चले। इसमें सभी को आवाजाही की स्वतंत्रता मिले और विवादों का शांतिपूर्ण ढंग से समाधान हो। साथ ही क्षेत्र के सभी देश सहकारिता से मुक्त अपने स्वयं के राजनीतिक विकल्प चुनने में सक्षम हों। हाल के वर्षों में क्षेत्र में इन विचारों को कड़ी परीक्षा से होकर गुजरना पड़ा है।” इन विचारों ने क्वाड सहयोग के संकल्प को मजबूत किया है।

चीन की हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती ताकत और दबदबे को कम करने का उपाय

उल्लेखनीय है कि रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि क्वाड गठबंधन चीन की हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती ताकत और दबदबे को कम करने का एक उपाय है। उक्त कथन में इसी दृष्टि से कुछ विचार समाने रखे गए हैं। चीन लगातार क्षेत्र के देशों को सीमा विवाद में उलझाकर जोर-जबरदस्ती का हथकंडा अपना रहा है और अपनी समुद्री सीमा के विस्तार का प्रयास कर रहा है। लेख में चारों नेताओं ने भारत में वैक्सीन निर्माण क्षेत्र क्षमता को बढ़ाकर वैश्विक महामारी से निपटने में विश्व को मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया है। साथ ही तकनीक से उभरती चुनौतियों से निपटने की भी बात कही है।

क्वाड दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ मिलकर करेगा काम

नेताओं ने कहा, “हम नई तकनीकों द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों का समाधान करने के लिए साझेदारी पर सहमत हुए हैं और भविष्य के नवाचारों को नियंत्रित करने वाले मानदंडों और मानकों को निर्धारित करने के लिए सहयोग करेंगे। भारत-प्रशांत के सहयोग को विस्तार देने के लिए चारों नेताओं ने इसके लचीले होने की बात कही और क्षेत्र के अन्य देशों से भी साथ आने की अपील की। उन्होंने कहा कि बेहतर ‘हिन्द-प्रशांत’ के लिए सहयोग और समन्वय दोनों बहुत जरूरी हैं ऐसे में क्वाड दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ मिलकर काम करेगा।

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