नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 29वां दिन है। किसानों के समर्थन में कांग्रेस नेता विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बावजूद मार्च निकालने पर प्रियंका गांधी समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इनमें केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला भी शामिल हैं। सभी को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। इस मार्च से अलग राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात की। प्रियंका ने कहा कि भाजपा नेता और समर्थक किसानों के लिए जो शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं, वह पाप है। अगर सरकार किसानों को देश विरोधी कहती है तो, सरकार पापी है। किसानों की समस्या का हल तब निकलेगा, जब सरकार उनका आदर करेगी। इस सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के असंतोष को आतंक के नजरिए से देखा जा रहा है।
प्रियंका ने कहा, कभी वे कहते हैं कि हम इतने कमजोर हैं कि विपक्ष के लायक ही नहीं। कभी कहते हैं कि हम इतने ताकतवर हैं कि हमने दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के लिए लाखों कैंप बना दिए। पहले उन्हें तय करना चाहिए कि हम क्या हैं? दूसरी तरफ राहुल गांधी और गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति से मिलकर किसानों के मामले में दखल की मांग की। राष्ट्रपति भवन से निकलने के बाद राहुल ने कहा कि किसान, छोटे व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। अगर कृषि व्यवस्था को छेड़ा जाएगा, तो इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा। इसलिए ऐसे कानूनों को वापस लेना चाहिए। प्रधानमंत्री सिर्फ 2-3 लोगों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। प्रियंका को हिरासत में लिए जाने के बारे में पूछने पर राहुल ने कहा कि आज देश में लोकतंत्र नहीं बचा है। पीटना और हिरासत में लेना इस सरकार का काम बन गया है।
सरकार की इन नीतियों की वजह से देश में किसी युवा को नौकरी नहीं मिलेगी। छोटे व्यापार खत्म हो जाएंगे। मोदी क्रोनी कैपिटलिस्ट के लिए पैसा बना रहे हैं। जो भी उनके खिलाफ खड़े होने की कोशिश करेगा, उसे आतंकी करार दे दिया जाएगा। फिर चाहे वह किसान हो, मजदूर हो या फिर मोहन भागवत ही न क्यों न हों। राहुल ने कहा कि चीन अभी तक बॉर्डर पर है। उसने भारत की हजारों किलोमीटर जमीन छीन ली है। प्रधानमंत्री इस बारे में क्यों नहीं बोलते? आपके पास एक अक्षम व्यक्ति है जिसे कोई समझ नहीं और वह 3-4 दूसरे लोगों के हिसाब से सिस्टम को चला रहा है।