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फर्जी डॉक्टर बनकर शादी के लिए लिया भारी दहेज ,पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर भेजा हवालात

रीवा। फरेब और लोभ का परिणाम हमेशा ही कष्टकारी ही रहा है। बावजूद इसके कुछ लालच से ग्रसित लोग फरेब का सहारा लेने से बाज नहीं आते और समस्याओं को खुला आमंत्रण दे देते हैं। कुछ ऐसा ही एक मामला रीवा से सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने अपने बेटे को डॉक्टर बताकर उसकी शादी की और कन्या पक्ष से भारी भरकम दहेज ऐंठा। लेकिन जैसे काठ की हांडी एक दिन आग में जला दी जाती है, उसी प्रकार अब यह फरेबी और लोभी कुनबा सलाखों के पीछे पहुंच गया है।

घटनाक्रम

ब्याहता कन्या और उसके परिजनों को जब असलियत की जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस में लिखित शिकायत दी। पुलिस ने दहेज लोभी को फर्जी तरीके से ली गई राशि लड़की पक्ष को वापस करने के लिए कहा। जानकारी के अनुसार सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत महाजन टोला निवासी राजमणि तिवारी ने अपने बेटे प्रशांत तिवारी को डॉक्टर बता कर पांडे टोला में रहने वाले शंकर प्रसाद की बेटी से विवाह कराया था। विवाह के दौरान लड़की पक्ष के लोगों ने 15 लाख रुपए नगद, 10 लाख रुपए के जेवर के अलावा अन्य घरेलू सामान दिये थे। शादी 3 मार्च 2020 को हुई थी।

शादी के कुछ दिन बाद ही पता चला कि प्रशांत कोई डॉक्टर नहीं है और न ही उसने डॉक्टरी की पढ़ाई की है। विवाहिता ने जब इसका विरोध प्रदर्शित करना शुरू किया तब उसके पति के साथ ही उसके साथ सास ससुर उसे प्रताड़ित करने लगे। एक माह बाद नव विवाहिता मायके चली आई।

पुलिस में मामला दर्ज

इस जानकारी के बाद स्वयं पर क्षुब्ध और समधी पक्ष पर आक्रोशित कन्या पक्ष ने पुलिस थाने में शिकायत कर दी। पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों में सुलह के लिए बातचीत चली। लेकिन बात नहीं बनी। तब कन्या पक्ष ने न्यायालय की शरण ली। जहां न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने 406 के तहत मामला दर्ज कर पति प्रशांत तिवारी ससुर राजमणि तिवारी समेत सास को हिरासत में ले लिया।

कोतवाली पुलिस आरोपियों द्वारा फर्जी तरीके अपनाकर कन्या पक्ष के लोगों से शादी में लिए गए दहेज की नकदी एवं आभूषणों की बरामदी किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन लोगों पर 420 के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है।

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