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पीएम मोदी ने भारत-बांग्लादेश के बीच ‘मैत्री सेतु’ का किया उद्घाटन, कहा-”इससे दोनों देशों के बीच संबंध होंगे बेहतर”

त्रिपुरा सरकार की तीसरी सालगिरह पर पीएम मोदी ने मंगलवार को राज्य के लोगों को कई उपहार दिए। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच ‘मैत्री सेतु’ का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान त्रिपुरा में कई और बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया गया।

प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं का किया उद्घाटन व शिलान्यास

गौरतलब हो फेन नदी त्रिपुरा से होकर बांग्लादेश की तरफ बहती है जो भारतीय सीमा के मध्य से गुजरती है। इसी नदी पर ‘मैत्री सेतु’ पुल बनाया गया है। ‘मैत्री सेतु’ नाम भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते द्विपक्षीय और मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्रतीक है। इस पुल का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचागत विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने 133 करोड़ रुपए की लागत से किया है। यह मैत्री सेतु 1.9 किलोमीटर लंबा है जो भारत के सबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ से जोड़ता है। यह भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और लोगों के आवागमन में एक नया अग्रदूत बनेगा।

इस पुल के उद्घाटन से अब त्रिपुरा ‘गेटवे ऑफ नॉर्थ ईस्ट’ बनेगा क्योंकि सबरूम से चटगांव की दूरी मात्र 80 किलोमीटर है। इसके अलावा पीएम मोदी ने सबरूम में इंटिग्रेटेड चेकपोस्ट स्थापित करने के लिए आधारशिला भी रखी। यह दोनों देशों के बीच माल और यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने में मदद करेगा। साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों के उत्पादों के लिए नए बाजार के अवसर भी प्रदान करेगा। साथ ही भारत और बांग्लादेश के यात्रियों की निर्बाध आवाजाही में सहायता करेगा। यह परियोजना भारत के लैंड पोर्ट अथॉरिटी द्वारा लगभग 232 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनाई जा रही है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने उनकोटी जिला मुख्यालय कैलाशहर को खोवाई जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले एनएच-208 की आधारशिला भी रखी। यह नेशनल हाईवे 44 को एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा। एनएचआईडीसीएल द्वारा 1078 करोड़ रुपए की लागत से 80 किलोमीटर लंबे एनएच 208 परियोजना को बनाने का काम लिया है। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा विकसित राज्य राजमार्गों और अन्य जिला सड़कों का भी उद्घाटन किया, जिसमें 63.75 करोड़ रुपए का वित्तीय परिव्यय होगा। वे त्रिपुरा के लोगों को सभी मौसमों में कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेंगे। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 40978 घरों का भी उद्घाटन भी किया। इस पर 813 करोड़ रुपए की लागत आई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अगरतला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत निर्मित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का भी उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने पुराने मोटर स्टैंड में मल्टी लेवल कार पार्किंग और वाणिज्यिक परिसर के विकास के लिए भी आधारशिला रखी। इसे लगभग 200 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने लिचुबागन से हवाई अड्डे तक दो लेन से लेकर चार लेन तक की मौजूदा सड़क को चौड़ा करने के काम का भी शिलान्यास किया। अगरतला स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा यह कार्य लगभग 96 करोड़ रुपए की लागत से कार्यान्वित किया जा रहा है।

पीएम मोदी का संबोधन

कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज से तीन वर्ष पूर्व त्रिपुरा के लोगों ने एक नया इतिहास रचा था और पूरे देश को एक बहुत मजबूत संदेश दिया था। दशकों से राज्य के विकास को अवरुद्ध करने वाली नकारात्मक शक्तियों को हटाकर त्रिपुरा के लोगों ने एक नई शुरुआत की थी। जिन बेड़ियों में त्रिपुरा और त्रिपुरा का सामर्थ्य जकड़ा हुआ था आपने वो बेड़ियां तोड़ दी हैं।

जहां कमीशन और करप्शन के बिना काम होने मुश्किल थे, वहां आज सरकारी लाभ लोगों को खाते में पहुंच रहा डायरेक्ट

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मुझे संतोष है कि मां त्रिपुरा सुंदरी के आशीर्वाद से बिपलव देव के नेतृत्व में चल रही सरकार अपने संकल्पों को तेजी से सिद्ध कर रही है। 2017 में आपने त्रिपुरा में विकास का डबल इंजन लगाने का फैसला किया। एक इंजन त्रिपुरा में और दूसरा इंजन दिल्ली में और इस डबल इंजन के फैसले के कारण जो परिणाम निकले और प्रगति का जो मार्ग प्रशस्त हुआ वो आज आपके सामने है। आज त्रिपुरा पुरानी सरकार के 30 साल और डबल इंजन की तीन साल की सरकार में आए बदलाव का स्पष्ट अनुभव कर रहा है। जहां कमीशन और करप्शन के बिना काम होने मुश्किल थे, वहां आज सरकारी लाभ लोगों को खाते में डायरेक्ट पहुंच रहा है। जो कर्मचारी समय सैलरी पाने के लिए भी परेशान हुआ करते थे उनको सातवें पे-कमीशन के तहत सैलरी मिल रही है। जहां किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अनेकों मुश्किलें उठानी पड़ती थी, वहीं पहली बार त्रिपुरा में किसानों से एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित हुई है। मनरेगा के तहत काम करने वाले साथियों को जहां पहले 135 रुपए मिलते थे वहीं अब 205 रुपए प्रतिदिन दिए जा रहे हैं। जिस त्रिपुरा को हड़ताल कल्चर ने बरसों पीछे कर दिया था आज वो ईड ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए काम कर रहा है। जहां कभी उद्योगों में ताले लगने की नौबत आ गई थी वहां अब नए उद्योगों, नए निवेश के लिए जगह बन रही है। त्रिपुरा का ट्रेड वॉल्यूम तो बड़ा ही है, राज्य से होने वाला निर्यात भी करीब-करीब पांच गुना तक बढ़ गया है।

त्रिपुरा के विकास के लिए केंद्र सरकार ने हर आवश्यकता का ध्यान रखा

उन्होंने कहा, त्रिपुरा के विकास के लिए केंद्र सरकार ने हर आवश्यकता का ध्यान रखा गया है। बीते 6 साल में त्रिपुरा को केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि में बढ़ी वृद्धि की गई है। वर्ष 2009 से 2014 के बीच केंद्र सरकार से त्रिपुरा को केंद्रीय विकास परियोजनाओं के लिए 3500 करोड़ रुपए की मदद मिली थी जबकि साल 2014 से 2019 के बीच हमारे आने के बाद 12000 करोड़ रुपए से अधिक की मदद दी गई है। आज त्रिपुरा उन बड़े राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बनता जा रहा है जहां डबल इंजन की सरकार आज जहां नहीं और जो सरकारें दिल्ली सरकार से झगड़ा करने में भी अपना समय बर्बाद करती है उनको भी पता चल रहा है कि त्रिपुरा जो कभी पावर डेफिसेट स्टेट हुआ करता था वो आज डबल इंजन की सरकार की मदद से पावर सरप्लस हो गया है।

आज त्रिपुरा के 8 लाख 50 हजार घरों में गैस कनेक्शन

2017 से पहले त्रिपुरा के सिर्फ 19 हजार ग्रामीण घरों में नल से जल आता था, आज दिल्ली और त्रिपुरा की डबल इंजन की सरकार की वजह से करीब 2 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल आने लगा है। 2017 से पहले त्रिपुरा के 5 लाख 80 हजार घरों में गैस कनेक्शन था। आज राज्य के 8 लाख 50 हजार घरों में गैस कनेक्शन हैं। डबल इंजन की सरकार बनने से पहले त्रिपुरा में सिर्फ 50 प्रतिशत गांव खुले से शौच से मुक्त थे। आज त्रिपुरा का करीब-करीब हर गांव खुले में शौच से मुक्त है।

”सौभाग्य योजना” के तहत त्रिपुरा में शत प्रतिशत बिजलीकरण

”सौभाग्य योजना” के तहत त्रिपुरा में शत प्रतिशत बिजलीकरण हो, उज्जवला योजना के तहत 2 लाख 50 हजार से ज्यादा मुफ्त गैस कनेक्शन देना हो या फिर 50 हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को ”मातृ वंदना योजना” का लाभ हो दिल्ली और त्रिपुरा की डबल इंजन की सरकार के ये काम त्रिपुरा की बहनों और बेटियों को सशक्त करने में मदद कर रहे हैं। त्रिपुरा में पीएम किसान सम्मान निधी और आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ किसानों और गरीब परिवारों को मिल रहा है। जबकि देश ये भी देख रहा है कि जहां डबल इंजन की सरकार नहीं हैं वहां गरीबों, किसानों और बेटियों को सशक्त करने वाली ये योजनाएं या तो लागू ही नहीं की गई या फिर बहुत ही धीमी गति से चल रही है।

डबल इंजन की सरकार की ताकत से तेजी से त्रिपुरा का हो रहा विकास

पीएम ने कहा, डबल इंजन की सरकार का सबसे बड़ा असर गरीबों को अपने पक्के घर देने की गति में दिख रहा है। आज जब त्रिपुरा की सरकार चौथे साल में प्रवेश कर रही है तो राज्य के करीब 40 हजार गरीबों को भी अपना नया घर मिल रहा है। जिन गरीब परिवारों के अपने घर का सपना पूरा हो रहा है वो भलि-भांति अपने एक वोट की ताकत क्या होती है, अपना एक वोट अपने सपनों को पूरा करने का सामर्थ्य कैसे दिखाती है वो आज जब आपको अपना घर मिल रहा है तो आप महसूस कर रहे हैं।

त्रिपुरा के किसानों को अपने फल, सब्जी, दूध, मछली और दूसरे सामान के लिए देश-विदेश के नए बाजार मिलने वाले हैं। यह जो पहले से उद्योग लगे हैं उनको लाभ होगा और नए उद्योगों को बल मिलेगा। यहां बनने वाला औद्योगिक सामान विदेशों बाजारों में भी बहुत कॉम्पटीटिव होगा। बीते वर्षों में भी बम्बू प्रॉडक्ट्स के लिए, अगरबत्ती उद्योग के लिए, पाइनएप्पल से जुड़े व्यापार के लिए जो प्रोत्साहन दिया गया है उसको इन नई सुविधाओं से और बल मिलेगा। त्रिपुरा के ब्रू शरणार्थियों की समस्याओं को दूर करने के लिए दशकों बाद समाधान हमारी ही सरकार के प्रयासों से मिला। हज़ारों ब्रू साथियों के विकास के लिए दिए गए 600 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज से उनके जीवन में बहुत सकारात्मक परिवर्तन आएगा।

मेरी कामना है कि यह नया घर आपके सपनों को और आपके बच्चों की आकांक्षाओं को नई उड़ान देने वाला सिद्ध होगा। ये डबल इंजन की सरकार की ही ताकत है कि प्रधानमंत्री आवास योजना चाहे ग्रामीण हो या शहरी में त्रिपुरा बहुत तेजी से काम कर रहा है। त्रिपुरा में छोटे-बड़े शहरों में गरीबों के लिए 80 हजार से ज्यादा पक्के घर स्विकृत हो चुके हैं। त्रिपुरा देश के उन 6 राज्यों में भी शामिल है जहां नई टेक्नोलॉजी से तैयार होने वाले आधुनिक घरों का निर्माण हो रहा है।

त्रिपुरा में हीरा (HIRA) वाला विकास का वादा किया पूरा

हमने आपसे वादा किया था कि त्रिपुरा में हीरा (HIRA) वाला विकास हो ऐसा डबल इंजन लगाएंगे। HIRA यानी हाइवेज, आईवेज, रेलवेज और एयरवेज त्रिपुरा की कनेक्टिवी के इंफ्रास्ट्रक्चर में बीते तीन साल में तेजी से सुधार हुआ है। एयरपोर्ट का काम हो या फिर समुद्र के रास्ते त्रिपुरा को इंटरनेट से जोड़ने का काम हो, रेल लिंक हो इनमें तेजी से काम हो रहा है। आज भी तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के जिन प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया है वो हमारे उसी ‘HIRA’ मॉडल का ही हिस्सा है बल्कि अब तो वाटरवेज और पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर भी इसमें जुड़ गया है। इसी कड़ी में आज गांव के लिए सड़कें, हाइवे का चौड़ीकरण, ब्रीज, पार्किंग, एक्सपोर्ट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, समार्ट सिटी से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर का उपहार आज त्रिपुरा को मिला है।

त्रिपुरा में विकसित हो रही कनेक्टिविटी की सुविधाएं

आज कनेक्टिविटी की जो सुविधाएं त्रिपुरा में विकसित हो रही है वो दूर-दराज के गांवों में लोगों का जीवन आसान बनाने के साथ ही हमारे व्यापार की भी मजबूत कड़ी सिद्ध हो रही है। इस पूरे रीजन को पूर्वी, उत्तर-पूर्वी भारत और बांग्लादेश के बीच एक प्रकार से ट्रेड कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। अपने दौरे के दौरान मैंने और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मिलकर त्रिपुरा को बांग्लादेश से सीधे जोड़ने वाले ब्रीज का शिलान्यास किया था। आज इसका लोकार्पण किया गया है।

आज भारत और बांग्लादेश की मैत्री और कनेक्टिविटी कितनी सशक्त हो रही है इसे लेकर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भी बात सुनी। सबरूम और रामगढ़ के बीच सेतु से हमारी मैत्री भी मजबूत हुई है और भारत बांग्लादेश की समृद्धि का कनेक्शन भी जुड़ गया है। बीते कुछ वर्षों में भारत- बांग्लादेश के बीच लैंड, रेल और वाटर कनेक्टिविटी के जो समझौते जमीन पर उतरे हैं, इस सेतु से वो और मजबूत हुए हैं। इससे त्रिपुरा के साथ-साथ दक्षिणी असम, मिजोरम, मणीपुर की बांग्लादेश और साऊथ-ईस्ट के दूसरे देशों से कनेक्टिविटी सशक्त होगी। भारत में ही नहीं बांग्लादेश में भी इस सेतु से कनेक्टिविटी बेहतर होगी और इकोनॉमिक अपॉरट्यूनिटी बढ़ेगी। इस सेतु के बनने से भारत-बांग्लादेश के लोगों में सम्पर्क बेहतर होने के साथ-साथ टूरिज्म और ट्रेड के लिए पोर्ट लेड डवलपमेंट के लिए नए अवसर पैदा हुए हैं।

सबरूम और उसके आसपास का क्षेत्र पोर्ट से जुड़ी हर कनेक्टिविटी का इंटरनेशनल ट्रेड का बहुत बड़ा सेंटर बनेगा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सबरूम और इसके आसपास का क्षेत्र पोर्ट से जुड़ी हर कनेक्टिविटी का इंटरनेशनल ट्रेड का बहुत बड़ा सेंटर बनने वाला है। मैत्री सेतु के अलावा दूसरी सुविधाएं जब बन जाएगी तो नॉर्थ-ईस्ट की किसी भी तरह की सप्लाई के लिए हमें सिर्फ सड़क के रास्ते पर निर्भर रहना नहीं पड़ेगा। अब समंदर के रास्ते, नदी के रास्ते बांग्लादेश के चटगांव पोर्ट होते हुए जल के रास्ते एक वैकल्पिक मार्ग मिले इसके लिए प्रयास जारी है। इससे त्रिपुरा सहित नॉर्थ-ईस्ट के अनेक राज्यों की सप्लाई बरसात या दूसरी समस्याओं के कारण रास्ते बंद होने से प्रभावित नहीं होगी। दक्षिणी त्रिपुरा के इसी महत्व को देखते हुए अब सबरूम में ही इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का निर्माण कार्य आज से शुरू हो गया है। ये आईअएआईसीपी एक फुल फ्लेज्ड लॉजिस्टिक हब की तरह काम करेगा। जहां पार्किंग लॉट्स बनेंगे, वेयर हाउसिंग बनेंगे, कंटेनर ट्रांसशिपमेंट फेसिलिटी तैयार की जाएगी। फेनी ब्रिज के खुल जाने से अगरतला, इंटरनेशनल सी पोर्ट से भारत का सबसे नज़दीक का शहर बन जाएगा।

ब्रू शरणार्थियों की समस्याओं को दूर करने के लिए दशकों बाद समाधान हमारी ही सरकार के प्रयासों से मिला

NH-08 और NH-208 के चौड़ीकरण से जुड़े जिन प्रोजेक्ट्स का आज लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है, उनसे नॉर्थ ईस्ट की पोर्ट से कनेक्टिविटी और सशक्त होगी। इससे अगरतला पूरे नॉर्थ ईस्ट के लॉजिस्टिक का भी अहम सेंटर बनकर उभरेगा। इस रूट से ट्रांसपोर्ट की कोस्ट भी बहुत कम हो जाएगी।

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