लखनऊ। काशी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश और दुनिया को भारतीय संस्कृति के साथ शांति और सौहार्द का भी संदेश दिया। सच तो यह है कि बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ का दर्शन मोदी का चीन की विस्तारवादी और युद्धोन्मादी रणनीति को करारा जवाब है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन से हर तरह का मोर्चा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रणनीति कारगर साबित हो रही है। चाहे वह सीमा पर सैन्य रणनीति हो या फिर दुनिया में भगवान बुद्ध के उपदेश के जरिए विश्व शांति का संदेश देना हो। पीएम नरेन्द्र मोदी हर मोर्चे पर कामयाब हो रही हैं। यही वजह है कि देव दीपावली काशी घाट पर दीपदान के साथ पीएम मोदी भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ के दर्शन कर विश्व में शांति का संदेश दिया। दुनिया भर के विशेषज्ञों प्रधानमंत्री के सारनाथ आने पर अंतर्राष्ट्रीय निहितार्थ निकाल रहे हैं।
बुद्ध धर्म में आस्था रखने वाले देश जापान ने बौद्धधर्म की उत्पत्ति वाले देश भारत में बौद्ध भिक्षु स्वर्गीय होजो सासाकी ने अपने संस्था धर्मचक्र इन्डो-जापान बुद्धिस्ट कल्चरल सोसाइटी ने सारनाथ में जापानी बौद्ध मंदिर का निर्माण 1989 मे कराया था। जिसके वर्तमान में अध्यक्ष 70 वर्षीय म्योजित्सू नागाकूबो है,जो समाज सेविका भी है। बच्चो को पढ़ाने के साथ जरुरतमंदो की मदद भी करती है। उनका मानना है कि बुद्ध धर्म हिदू धर्म की तरह ही एक जीवन शैली है, जिसकी जड़े भारत में है। भारत से ही निकल कर यह विश्व भर में फैली है। पूरे विश्व के सामने शांति सौहार्द बनाए रखना एक चुनौती है। इसमें सारनाथ से दिये गये बुद्ध के उपदेश मील का पत्थर साबित हो सकते हैं । मोदी जी के सारनाथ आगमन से एक बार पुन विश्व मे शांति और सौहार्द का संदेश काफी मजबूती से जाएगा।