लोगों ने सिर्फ सुनी ही नहीं गुनी भी गंगा की पुकार, सबने कहा देशधर्म से नाता है गंगा हमारी माता

गंगा यात्रा का दूसरा दिन

मेरठ/हापुड़/बुलंदशहर । सड़कों पर कतारबद्ध खड़े लोग। उत्साह से लबरेज। बीच-बीच में गूंजते गंगा मैया की जय के नारे और गंगा से जुड़े लोकगीत उत्साह एवं आस्था को और बढ़ा रहे थे। मनोभाव सबका एक ही था, इसमें शामिल और इसके स्वागत में आए लोगों का एक ही संकल्प था। बहुत हो गई। मां की अनदेखी, अब और नहीं। अब तो एक ही लक्ष्य है। पतित पावनी, मोक्ष दायिनी और करोड़ों की पालनहार मां गंगा को उसका वही स्वरूप दिलाना है जिसके लिए देश और दुनिया में वह जीवनदायिनी के रूप में जानी जाती है। सबका मनोभाव था, देशधर्म से नाता है, गंगा हमारी माता है। यात्रा और स्वागत में टूट रही मजहब की दीवारें इसका सबूत थीं। रथ के साथ चल रहे उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, प्रदेश सरकार के मंत्री चेतन चौहान और अन्य जनप्रतिनिधि लोगों को जगह-जगह हो रही स्वागत सभाओं में यही बात समझा भी रहे थे।

भीड़ के मूड मिजाज़ को देखकर पूरे यकीन से कहा जा सकता है की लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निकाली गई इस पहली गंगा यात्रा के मकसद को लोग सिर्फ सुन ही नहीं गुन भी रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को योगी आदित्यनाथ ने गंगा यात्रा की शुरुआत बिजनौर से की थी। उस समय उन्होंने कहा था की मां गंगा दुनिया के प्राचीनतम सभ्यता का पालना रही है। गंगा के मैदानी इलाके का शुमार दुनिया के सबसे उर्वर भूमि में होता है। इस रूप में गंगा करोड़ों लोगों की लाइफ लाइन है। इतनी खूबियों वाली गंगा को गन्दा करना महापाप है और इसकी सफाई महापुण्य होने के साथ हमारा फर्ज भी। गंगा अपने सफर का सवार्धिक हिस्सा उत्तर प्रदेश से तय करती है इसलिए गंगा को अविरल और निर्मल करने का हमारा फ़र्ज़ और भी अधिक हो जाता है। ऐसा संभव है। शर्त ये है कि लोग भी गंगा की सफाई में बढ़ चढ़कर सरकार का साथ दें। गंगा के तटवर्ती इलाकों के लिए सरकार जो योजनाएं लाई है उसका लाभ लें।

मौसम ने ली माँ गंगा के भक्तों की परीक्षा

मौसम सोमवार से भी अधिक खराब रहा।
सोमवार को आसमान में जमे बादल मंगल की सुबह बरस पड़े। कुछ जगहों पर तो ओले भी गिरे। मानों मौसम माँ गंगा के भक्तों के सब्र की परीक्षा ले रहा हो, पर ये वही भक्त थे जो पूस-माघ की कड़ाके की ठंड में मोक्ष की कामना में तीरथराज प्रयाग में जाकर कल्पवास करते हैं या करने की कामना रखते हैं। ऐसे आस्थावान लोगों को भला मौसम की क्या फिक्र। भक्तों के इस सब्र के आगे अंततः दिन करीब 10 बजे सूरज ने भी हथियार डाल दिए। बादलों को चीरकर उसने गंगा भक्तों का स्वागत किया, पर बाकी दिन रुक-रुक कर बरसने वाले बादल ही भारी पड़े। बावजूद इसके जहा-जहा से भी यह यात्रा गुजरी लोगों ने गाजे-बाजे के साथ गंगा रथ का स्वागत किया। स्वागत करने वालों में हर वर्ग का शामिल होना गंगा-जमुनी तहजीब का सबूत रहा।

हस्तिनापुर (मेरठ) हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर, अमरोहा के तिगरी ओर बुलन्दशहर के बसीघाट तक कमोबेश हर जगह ऐसा ही उत्साहजनक माहौल था।

बच्चों में रहा खासा उत्साह

हापुड़ के लोदीपुर में गंगा यात्रा को लेकर स्कूली बच्चों का भारी उत्साह देखते ही बन रहा था। विभिन्न स्कूलों के बच्चे ठंड और बरसात के बीच स्वागत के लिए उत्सुक दिखे। एचआरएम पब्लिक स्कूल की छात्रा तरुणा सिंह ने बताया कि गंगा को हम बचपन से ही मां मानते आए हैं। हमारे लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा यात्रा को निकाल कर गंगा की सफाई को लेकर एक अच्छी पहल की है। अविरल-निर्मल कुंभ को देखकर अब तो पूरा यकीन है कि गंगा के पुराने दिन और गौरव लौटने को है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति प्रदेश सरकार के मंत्री चेतन चौहान, सुरेश राणा और बलदेव सिंह औलख मौजूद रहे।

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