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चार देशों में भूकंप से हाहाकार, 2200 से अधिक की मौत, 7000 से अधिक घायल

इस्तांबुल/दमिश्क  : तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास सोमवार तड़के भूकंप के जोरदार झटकों से केवल आसपास के पांच देशों में तबाही मच गयी और 2200 लोगों की जान चली गयी। भूकंप के कारण मकानों भवनों आदि के ढहने से 7000 से अधिक लोग घायल हो गये।भारत और अमेरिका के अलावा युद्धग्रस्त रूस एवं यूक्रेन समेत कई देशों ने भूकंप प्रभावित देशों की मदद की पेशकश की है।स्थानीय समयानुसार तड़के 04:17 बजे भूकंप का एक शक्तिशाली झटके महसूस किये गये। पहले झटकों के कुछ मिनट बाद फिर शक्तिशाली झटके महसूस किया गया जिसमें तुर्की और सीरिया में भारी तबाही मचाई है।

अब तक 2200 से अधिक लोगों के मरने की खबर है, जबकि 7000 से अधिक अन्य घायल हैं।बीबीसी ने तुर्की आपदा प्रबंधन एजेंसी के हवाले से कहा है कि पूरे इलाके में एक के बाद एक 40 से अधिक झटके महसूस किए गए हैं।तुर्की समेत लेबनान, सीरिया, साइप्रस, इराक, इजरायल और फ़लस्तीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जहां बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है।तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप अर्दोगन ने कहा है कि भूकंप से अकेले तुर्की में 912 लोगों की मौत हो गई है और 6,000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। देश में आपातकाल लागू कर दिया है। वहां तेज़ी से राहत और बचाव कार्य किये जा रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार सीरिया में भी भूकंप के कारण भीषण तबाही की ख़बर है। वहां अब तक करीब 1300 लोगों की मौत की ख़बर है।उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य अभी जारी हैं और हताहतों की सही संख्या की जानकारी जुटाई जा रही हैतुर्की में सोमवार तड़के एक के बाद भूकंप के दो शक्तिशाली झटके महसूस किए गए। बीबीसी ने बताया है कि भूकंप प्रभावित इलाकों में इमारतों को भारी नुक़सान पहुंचा है।तुर्की में तेज़ी से बचाव कार्य किये जा रहे हैं, लेकिन अधिकारी आशंका जता रहे हैं कि अभी भी कई लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।तुर्की में सोमवार सुबह 7.8 तीव्रता का भूकंप आने से हाहाकार मच गया।

भूकंप का प्रभाव इतना तेज था कि इसका असर सीरिया, लेबनान और इजरायल में भी महसूस किया गया। तुर्की में सबसे प्रभावित शहरों में राजधानी अंकारा और नूरदगी समेत 10 शहर रहे। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। डेनिश भूवैज्ञानिक संस्थान का कहना है कि तुर्की में भूकंप के झटके ग्रीनलैंड तक महसूस किए गए हैं।

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव दलों को तुरंत भेजा गया। हमें उम्मीद है कि हम इस आपदा को एक साथ जल्द से जल्द और कम से कम नुकसान के साथ पार करलेंगे।तुर्की में दोबारा भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस बार रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.5 मापी गई। भूकंप के झटके भारतीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 54 मिनट पर महसूस किए गए। इसका केंद्र अंकारा से 427 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किमी. अंदर था।प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्की भेजा जाएगा।

राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं।इस भूकंप में तीन हजार के करीब इमारतें ढह गईं और मलबे के भीतर हजारों लोग दब गए। तुर्की का ऐतिहासिक गजियांटेप कैसल भी इस भूकंप में ढह गया। 2,200 से अधिक साल पहले बना यह कैसल तुर्की के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तुर्की और सीरिया में सोमवार को विनाशकारी भूकंप में हुयी जन-धन की हानि पर गहरा दुख जताया है और दोनों देशों को संकट की इस घड़ी में भारत से सहायता की प्रतिबद्धता जतायी है।श्री मोदी ने बेंगलुरु में एक सम्मेलन का उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए तुर्की में भूकंप से भारी हानि का जिक्र किया।

उन्होंने कहा,“ वर्तमान में हम सभी की नजर तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप पर टिकी हुई हैं, जिसके कारण कई लोगों की दुखद मौत और व्यापक क्षति हुई है। देश के 140 करोड़ लोगों की सहानुभूति तुर्की के भूकंप पीड़ितों के साथ है। हम भूकंप पीड़ितों की हरसंभव सहायता करने को तैयार हैं। ”प्रधानमंत्री ने बाद में ट्विटर में संदेश में कहा, “ यह जानकर मुझे गहरी पीड़ा हुयी कि इस विनाशकारी भूकंप से सीरिया में भी नुकसान हुआ है। वहां भूकंप में मारे गए व्यक्तियों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। हम संकट की इस घड़ी में सीरिया के लोगों के दुख से दुखी हैं और उन्हें सहायता और सहयोग देने को प्रतिबद्ध हैं। ”

गौरतलब है कि दक्षिणी तुर्की और उत्तरी सीरिया में सोमवार तड़के 7.4 तीव्रता वाला एक शक्तिशाली भूकंप आया जिससे इन दोनों देशों में बड़ी संख्या में इमारतें और मकान ढह गए हैं तथा सैकड़ों लोग हताहत हुए हैं।भूकंप के झटके लेबनान, इजरायल और इराक सहित पूरे क्षेत्र में महसूस किए गए।इस समय भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य चल रहा है, तुर्की और सीरिया दोनों ने उच्चतम स्तर के संकट की चेतावनी जारी की है। सीरिया भूकंप के प्रभावों को समाप्त करने के लिए सशस्त्र बलों को लगाने का विचार कर रहा है।

अमेरिका और इजराइल सहित कई अन्य देशों ने भी मदद की पेशकश की है।अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने ट्वीट किया, “अमेरिका तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप से बहुत चिंतित है। मैं तुर्की के अधिकारियों के संपर्क में हूं जिससे हम किसी भी और सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहें। हम तुर्की के साथ समन्वय करते हुए स्थिति की बारीकी निगरानी कर रहे हैं। ”

तुर्की के एक समाचार पत्र पोस्टा ने बताया कि दक्षिणी तुर्की प्रांत गजियांटेप में स्थित गजियांटेप का ऐतिहासिक किला आज भूकंप से ढह गया।उल्लेखनीय है कि रोमन काल में गजियांटेप कैसल द्वितीय-चतुर्थ शताब्दी ईस्वी में एक प्रहरीदुर्ग के रूप में बनाया गया था, जिसके बाद में इसका विस्तार किया गया और बाइज़ेंटाइन साम्राज्य जस्टिनियनस की अवधि के दौरान छठी शताब्दी ईस्वी (527-565 ईस्वी) में वर्तमान सर्कल का रूप ले लिया। इस महल में 12 मीनारें हैं।गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने सोमवार को बताया कि तुर्की में सबसे उच्च स्तर का अलर्ट जारी कर दिया गया।(वार्ता)

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