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राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर पीएम मोदी बोले- ‘गांव’ भारत के विकास और आत्मनिर्भरता के अहम केंद्र रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत ई-सम्पत्ति कार्डों के वितरण का शुभारम्भ किया। इस मौके पर 4.09 लाख संपत्ति मालिकों को उनके ई संपत्ति कार्ड वितरण कार्य की शुरुआत की गई। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 भी प्रदान किए। इस कार्यक्रम में राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप-मुख्यमंत्रियों, पंचायती राज विभाग के मंत्रियों, भारत सरकार के सचिव व विभिन्न राज्य सरकारों के अधिकारियों समेत लाखों की संख्या में जुड़े पंचायत राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है

बता दें, पंचायती राज मंत्रालय प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाता है। इस दिन भारत के राष्ट्रपति ने 73वें संविधान संशोधन विधेयक को स्वीकृति दी थी। पंचायतों का प्रोत्साहन करण योजना के तहत पंचायती राज मंत्रालय इस दिन राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार का वितरण करता है। ये पुरस्कार देश की 2.6 लाख से ज्यादा पंचायतों में से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को सम्मानित करता है। इस वर्ष राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 में चार विभिन्न श्रेणियों के तहत देशभर की लगभग 74,000 से अधिक पंचायतों ने भाग लिया। इसी उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस वर्ष 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपया पंचायतों को मिलेगा

कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपया पंचायतों को मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अब पंचायतें धीरे-धीरे प्रतिस्पर्धी होती जा रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, करीब पांच करोड़ लोगों ने इस कार्यक्रम में जुड़ने के लिए रजिस्ट्री करवाई है। इतनी बड़ी तादात में गांवों का इस कार्यक्रम में सहभागी होना अपने आप में ग्राम विकास की दिशा के जो कदम है, उसे ताकत देता है।

भारत के नवनिर्माण के संकल्पों को दोहराने का एक महत्वपूर्ण अवसर है पंचायती राज दिवस

उन्होंने कहा, पंचायती राज दिवस का ये दिन ग्रामीण भारत के नवनिर्माण के संकल्पों को दोहराने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। ये दिन हमारी ग्राम पंचायतों के योगदान और उनके असाधारण कामों को देखने, समझने और उनकी सराहना करने का भी दिन है। मुझे गांव के विकास के रूप में सराहनीय काम करने वाली पंचायतों को सम्मानित करने का अवसर मिला। हाल में अनेक राज्यों में पंचायत चुनाव सम्पन्न हुए हैं और बहुत जगह चल भी रहे हैं। इसलिए आज हमारे साथ बहुत से नए साथी भी हैं। मैं इन सभी को बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

गांव और गरीब को उसके घर का कानूनी दस्तावेज देगी स्वामित्व योजना

आज गांव और गरीब को उसके घर का कानूनी दस्तावेज देने वाली बहुत ही बड़ी और अहम योजना स्वामित्व योजना को पूरे देश में लागू किया गया है। पिछले वर्ष ये योजना जिन स्थानों पर लागू की गई, वहां के अनेक साथियों को प्रॉपर्टी कार्ड भी दिए गए हैं। एक साल पहले जब हम पंचायती राज दिवस के लिए मिले थे, तब पूरा देश कोरोना से मुकाबला कर रहा था। तब मैंने आप सभी से आग्रह किया था कि आप कोरोना को गांव में पहुंचने से रोकने में अपनी भूमिका निभाएं।

पिछले साल की तरह इस बार भी गांव में कोरोना को गांव में घुसने से रोकें

आप सभी ने बड़ी कुशलता से, न सिर्फ कोरोना को गांवों में पहुंचने से रोका, बल्कि गांव में जागरूकता पहुंचाने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इस वर्ष भी हमारे सामने चुनौती गांवों तक इस संक्रमण को पहुंचने से रोकने की है। पिछले साल आपने जो मेहनत की और देश के गांवों ने जो नेतृत्व दिखाया, वही काम इस बार भी आप बड़ी चुस्ती और अनुशासन के साथ, ज्यादा से ज्यादा लोगों का साथ लेकर पक्का करेंगे। इसमें आप सफलता जरूर पाएंगे। आपके पास एक साल का अनुभव है। संकट के संबंध में ज्यादातर जानकारियां हैं, संकट से बचने के रास्तों के संबंध में जानकारी हैं। मुझे विश्वास है कि मेरे देशे के मेरे गांवों के सारे लोग गांव में कोरोना को प्रवेश करने से रोकने में सफल होंगे।

गाइडलाइंस का गांव में भी हो पालन

जो भी गाइडलाइंस समय-समय पर जारी होती हैं, उनका पूरा पालन गांव में हो, हमें ये सुनिश्चित करना होगा। इस बार तो हमारे पास वैक्सीन का एक सुरक्षा कवच है। इसलिए हमें सारी सावधानियों का पालन भी करना है और ये भी सुनिश्चित करना है कि गांव के हर एक व्यक्ति को वैक्सीन की दोनों डोज लगे। भारत सरकार अभी 45 आयु के ऊपर के हर व्यक्ति का मुफ्त टीकाकरण कर रही है। अब 1 मई से 18 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को टीका लगाने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। आप सभी साथियों के सहयोग से ही ये टीकाकरण अभियान सफल होगा।

कोई भी परिवार भूखा न सोए, ये भी हमारी जिम्मेदारी

इस मुश्किल समय में कोई भी परिवार भूखा ना सोए, ये भी हमारी जिम्मेदारी है। कल ही भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन देने की योजना को फिर से आगे बढ़ाया है। मई और जून के महीने में देश के हर गरीब को मुफ्त राशन मिलेगा। इसका लाभ 80 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को होगा। इस पर केंद्र सरकार 26 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी। यह राशन गरीबों का है, देश का है। अन्न का हर दाना उस परिवार तक पहुंचे, जिसको इसकी जरूरत है। यह सुनिश्चित करना भी हमारा काम है। मुझे विश्वास है कि राज्य सरकारें और पंचायत के हमारे साथी बखूबी इसे निभाएंगे। ग्राम पंचायतों को रूप में आपका रोल लोकतंत्र को मजबूत करना है और गांव की आकांक्षाओं की पूर्ति करने का है।

हमारे गांव भारत के विकास और आत्मनिर्भरता के अहम केंद्र

हमारे गांव भारत के विकास और आत्मनिर्भरता के अहम केंद्र रहे हैं। पूज्य महात्मा गांधी कहते थे, आत्मनिर्भरता से मेरा अर्थ है, ऐसे गांव जो अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर हो लेकिन आत्मनिर्भर होने का मतलब ये नहीं कि हम अपनी सीमाओं में हम बंध जाएं। यानि हमें नए-नए अवसरों को, नई-नई संभावनाओं को तलाशते हुए अपने गांवों को विकास के रास्ते पर आगे लेकर जाना है।

पिछले साल 6 राज्यों में की थी स्वामित्व योजना की शुरुआत

पिछले साल जिन 6 राज्यों में स्वामित्व योजना की शुरुआत हुई थी, वहां एक साल के भीतर ही इसका प्रभाव भी दिखने लगा है। स्वामित्व योजना में ड्रोन से पूरे गांव का सम्पत्तियों का सर्वे किया जाता है और जिनकी जो जमीन होती है उसे उसका प्रॉपर्टी कार्ड यानि संपत्ति पत्र दिया जाता है। आज 5 हजार गांवों में 4 लाख से ज्यादा संपत्ति मालिकों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड दिए गए हैं। इस योजना की वजह से गांव में एक आत्मविश्वास लौटा है और सुरक्षा का एक भाव भी जागा है। गांव के घर का नक्शा, अपनी सम्पत्ति का दस्तावेज जब हाथ में होता है तो अनेक प्रकार की आशंकाएं खत्म हो जाती है। इससे गांवों में जमीन-जायदाद पर होने वाले झगड़े कम हुए हैं। कहीं-कही तो परिवार के झगड़े खत्म हुए हैं। गरीबों की समस्याएं खत्म हुए हैं। इस प्रकार से जिन लोगों को अपनी जमीनों के कागज मिल गए हैं, अब उन्हें बैंकों से लोन लेने में भी आसानी हो रही है।

योजना के तहत ड्रोन से सर्वे के बाद हर गांव का तैयार किया जाता है पूरा नक्शा

इस योजना में ड्रोन सर्वे के बाद हर गांव का एक पूरा नक्शा और जमीन का हिसाब किताब भी बन जाता है। इससे ग्राम पंचायतों को गांव में विकास के कामों को एक लंबी सोच के साथ व्यवस्थित करने में भी यह नक्शा बहुत काम आने वाला है। एक प्रकार से गरीब की सुरक्षा, गांव की अर्थव्यवस्था और गांव में योजनाबद्ध विकास इनको स्वनिधी योजना सुनिश्चित करने वाली है। मेरा देश के सभी राज्यों से भी आग्रह रहेगा कि इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एमओयू साइन करने का काम जल्द से जल्द पूरा कर लें। कई राज्यों में इसके लिए भूमि कानूनों में बदलाव की भी जरूरत है। राज्यों को मेरा ये भी सुझाव है कि गांव के घरों के कागज बनने के बाद यदि कोई व्यक्ति बैंक लोन चाहता है तो उसको बैंकों में अड़चन न आए, ये सुनिश्चित किया जाए।

प्रॉपर्टी कार्ड का एक फॉर्मेट बनाएं सभी बैंक

पीएम मोदी ने कहा, मैं बैंकों से भी अपील करूंगा कि वो प्रॉपर्टी कार्ड का एक फॉर्मेट बनाएं, जो बैंकों में लोन के लिए स्वीकार्य हो। हमारे देश की प्रगति और संस्कृति का नेतृत्व हमेशा हमारे गांवों ने ही किया है। इसीलिए, आज देश अपनी हर नीति और हर प्रयास के केंद्र में गांवों को रखकर आगे बढ़ रहा है। हमारा प्रयास है कि आधुनिक भारत के गांव समर्थ हों, आत्मनिर्भर हों। इसके लिए पंचायतों की भूमिका को बढ़ाया जा रहा है, नए अधिकार दिए जा रहे हैं, पंचायतों को डिजिटल बनाने के लिए हर गांव को फाइबर नेट से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है। आज हर घर को शुद्ध जल देने के लिए चल रहे जल जीवन मिशन जैसी बड़ी योजना को पंचायतों को सौंपी गई है।

इस वर्ष हम आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं। हमारे सामने चुनौतियां ज़रूर हैं, लेकिन विकास का पहिया हमें तेज गति से आगे बढ़ाते रहना है। आप भी अपने गांव के विकास के लक्ष्य तय करें और तय समय सीमा में उन्हें पूरा करें।

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