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काशी में सिर्फ विश्वनाथ धाम के दर्शन ही नहीं तीर्थ यात्री कर सकेंगे 10 प्रकार की पावन यात्राएं

24.2 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट से काशी में और बढ़ेगा धार्मिक पर्यटन उद्योग

  • गलियों में गुम हो चुके मंदिरों को दुनिया के सामने लाएगी योगी सरकार
  • काशी में मौजूद चार धाम, 12 ज्योतिर्लिंग सहित 10 यात्रा सर्किट पर सरकार का फोकस
  • 120 मंदिर, प्राचीन कुंड, घाट और प्राचीन वृक्षों का भी होगा जीर्णोद्धार

रत्नेश राय

वाराणसी। अब काशी आने वाले तीर्थ यात्री केवल विश्वनाथ धाम और शहर के चुनिंदा मंदिरों में ही दर्शन पूजन नहीं करेंगे, बल्कि उन्हें इस पुरातन नगरी की 10 पावन यात्राओं से भी जोड़ने की तैयारी है। काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद वाराणसी में धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अप्रत्याशित बढोतरी देखने को मिली है। योगी सरकार अब काशी में मौजूद पौराणिक महत्व के 120 प्रमुख मंदिरों तक तीर्थ यात्रियों की सुगम पहुंच बनाना चाहती है। इससे ना केवल काशी में धार्मिक पर्यटन उद्योग और मजबूत होगा, बल्कि रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे।

दिसंबर 2023 तक मूर्त रूप देने का लक्ष्य

यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर विनय जैन के अनुसार सरकार पावन पथ सर्किट के मंदिरों और वहां तक पहुंचने वाले पावन पथ का जीर्णोद्धार करा रही है। पावन पथ सर्किट में दस यात्राएं शामिल हैं। कुल 120 मंदिरों सहित इस यात्रा पथ में पड़ने वाले प्राचीन कुंड, तलाब, कूप, घाट और प्राचीन वृक्षों का भी जीर्णोद्धार व विकास किया जा रहा है। पावन पथ परियोजना पर लगभग 24.2 करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना को दिसंबर 2023 तक मूर्त रूप देने का लक्ष्य है।

इन 10 यात्राओं पर सरकार का फोकस

इसमें अष्ट भैरव यात्रा, नौ गौरी यात्रा, नौ दुर्गा यात्रा, अष्टविनायक यात्रा, अष्ट प्रधान विनायक, एकादश विनायक यात्रा, द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा, काशी विष्णु यात्रा, द्वादश आदित्य यात्रा, काशी की चार धाम यात्रा शामिल है।

गलियों में गुम हो चुके मंदिरों तक पहुंचेंगे तीर्थयात्री

ये कहना गलत नहीं होगा कि पहले की सरकारों ने सनातन धर्म की आस्था के केंद्र काशी की इन धार्मिक यात्राओं और मंदिरों पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। इसकी वजह से इन महत्वपूर्ण धार्मिक यात्राओं के मार्ग और मंदिर समय के साथ-साथ गलियों में गुम होते चले गये। अब योगी सरकार एक बड़ी योजना बनाते हुए दुनियाभर के सनातनधर्मियों को इन मंदिरों तक सुगमता से पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है, जिससे काशी आने वाला तीर्थ यात्री यहां के किसी भी धार्मिक पहलू से वंचित ना रहे।

दुनिया को बताना है काशी के प्राचीन मंदिरों का पौराणिक महत्व

विनय जैन ने बताया कि काशी में दुनियाभर के पर्यटक आते हैं। इस सर्किट का उद्देश्य, इन प्राचीन मंदिरों एवं इनके पौराणिक महत्व को एक बार फिर पूरे विश्व तक पहुंचाना है। साथ ही तीर्थ यात्री पावन पथ की यात्रा को सुगमता और सरलता से पूर्ण कर सकें। इसके लिए हाई-वे व जंक्शन जैसे महत्पूर्ण जगहों पर स्टोन मार्कर, रिफ्लेक्टिव पेंट, ग्राफ़िक्स के साथ साथ साइनेज लगाए जाएंगे। रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, प्रमुख घाटों, अंतरराज्यीय बस डिपो आदि प्रमुख स्थलों पर यात्रियों को सूचना प्रदान करने के लिए भी साइनेज व मैप लगाए जाएंगे।

विदेशी सैलानियों के लिए भी विशेष व्यवस्था

विदेशों से आने वाले सैलानियों के लिए बहुभाषी मानचित्र और संबंधित स्थल का इतिहास, आसपास के क्षेत्रों और तीर्थ स्थलों की सम्पूर्ण जानकारी, स्थानीय लोक साहित्य, पौष्टिक खान-पान, प्राकृतिक विरासत स्थलों सहित पावन पथ के दिलचस्प पहलू प्रदान करने की योजना है। इसके अलावा यात्री पावन पथ पर रात में भी आसानी से जा सकें इसके लिए बेहतर मार्ग, अच्छी लाइट, अच्छे विश्राम स्थल, लैंडस्केपिंग के साथ अन्य प्राकृतिक साज़ सज्जा की जाएगी। इस योजना के मूर्त रूप लेने से काशी में धार्मिक पर्यटन उद्योग नयी उड़ान भरेगा।

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