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नये संसद भवन में नये प्रतिमान बनेंगे, लोकतंत्र की प्रतिष्ठा बढ़ेगी : बिरला

फाइल फोटो

नयी दिल्ली : संसद के विशेष सत्र के पहले और पुराने भवन के अंतिम दिन कार्यवाही पूरे होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस बात पर संतोष जताया कि देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा पर सारगर्भित एवं सकारात्मक चर्चा हुई तथा आशा जतायी कि नये सदन में लाेकतांत्रिक परंपराओं के नये प्रतिमान स्थापित होंगे।दिन भर चर्चा के शाम छह बजे समापन पर श्री बिरला ने कहा कि इस सदन की बैठक के अंतिम दिन देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा पर सारगर्भित एवं सकारात्मक चर्चा हुई है। प्रधानमंत्री, सभी दलों के नेताओं ने भारत की संसद की यात्रा को लेकर अपने अपने विचार रखे, ऐतिहासिक घटनाओं और अपने सुखद अनुभवों को साझा किया और उन्हें लेकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।

श्री बिरला ने कहा कि कल नये भवन से संसदीय कार्यवाही का संचालन का शुरू होना ऐतिहासिक अविस्मरणीय पल होगा। नये सदन में इस भवन की स्मृतियां हमारे मन में अंकित रहेंगी। इस सदन में लोकतांत्रिक मर्यादाएं, परंपराएं, गरिमा स्थापित हुईं हैं जिनके कारण भारत के लोकतंत्र को विश्व में प्रतिष्ठा हासिल हुई है, नये भवन में भी लोकतंत्र की यात्रा में मर्यादा, परंपरा के नये प्रतिमान स्थापित होने की आशा है।उन्होंने कहा कि आशा है कि सदस्य अब विरोध जताने के लिए प्ले कार्ड लेकर नहीं आयेंगे। वे नये प्रतिमानों से नयी श्रेष्ठ परंपराओं से अपनी भावनाओं को प्रकट करेंगे।

उन्होंने कहा कि वह चार साल तीन महीने से सबके सहयोग से सदन को संचालित कर पाये और सदन ने जिस तरीके से कई गंभीर मुद्दों पर एकमत होकर निर्णय किया है, आशा है कि नये भवन में भी नयी ऊर्जा, नये संकल्प से एकमत होकर काम करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी सदस्य नए संसद भवन में नई आशाओं, नई उम्मीदों के साथ प्रवेश करेंगे। नए भवन में भारत का लोकतंत्र नई ऊंचाईयां प्राप्त करेगा।श्री बिरला ने इसके बाद सदन की कार्यवाही कल दोपहर एक बजकर 15 मिनट तक के लिए स्थगित करने तथा कल की कार्यवाही नये भवन में होने की घोषणा की। (वार्ता)

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