New Drone Policy 2021: देश में नई ड्रोन नीति की घोषणा, पढ़िए नए नियमों को
केंद्र सरकार ने गुरुवार 26 अगस्त को नई ड्रोन नीति की घोषणा की। इन नियमों के मुताबिक़ उड्डयन मंत्रालय ने अब ड्रोन संचालित करने के नियमों में कुछ परिवर्तन किये हैं। ड्रोन नियम 2021 के तहत अब ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है, और इसमें भारी पेलोड ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सी शामिल होंगे।
इसके अलावा, किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। इस बारे में जानकारी देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि उसने यूएएस नियम 2021 को निरस्त करने और इसे उदार ड्रोन नियम 2021 से बदलने का फैसला किया है। जानकारी के लिए बता दें कि उड्डयन मंत्रालय ने मार्च में यूएएस नियम 2021 प्रकाशित किया था।
एक ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ड्रोन संबंधी नए नियमों से भारत में इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण की शुरुआत हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन संबंधी नए नियमों से स्टार्ट-अप्स के साथ-साथ इस सेक्टर में काम करने वाले हमारे युवाओं को भी काफी मदद मिलेगी। ये नियम विश्वास और स्व-प्रमाणन की अवधारणा पर आधारित हैं। इसके तहत अनुमोदन एवं अनुपालन से संबंधित आवश्यकताओं और इस क्षेत्र में प्रवेश करने संबंधी बाधाओं को काफी हद तक कम कर दिया गया है।
ड्रोन संबंधी नए नियमों से स्टार्ट-अप्स के साथ-साथ इस सेक्टर में काम करने वाले हमारे युवाओं को भी काफी मदद मिलेगी। इससे नवाचार और कारोबार के लिए संभावनाओं के नए द्वार खुल जाएंगे। इससे भारत को एक ड्रोन हब बनाने के लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में भारत की विशिष्ट क्षमताओं का व्यापक उपयोग करने में भी काफी मदद मिलेगी।’
नई ड्रोन पॉलिसी से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें:
1. येलो जोन एयरपोर्ट की परिधि से 45 किमी से घटाकर 12 किमी कर दिया गया।
2. माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) और नैनो ड्रोन के लिए रिमोट पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।
3. किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस को जारी करने से पहले सुरक्षा मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं है।
4. ग्रीन जोन में स्थित अपने या किराए के परिसर में ड्रोन का संचालन करने वाली R&D संस्थाओं द्वारा टाइप सर्टिफिकेट, विशिष्ट पहचान संख्या और रिमोट पायलट लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं है।
5. भारतीय ड्रोन कंपनियों में विदेशी स्वामित्व पर कोई प्रतिबंध नहीं।
6. विकासोन्मुखी नियामक व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए शिक्षा जगत, स्टार्टअप और अन्य हितधारकों की भागीदारी के साथ सरकार द्वारा ड्रोन प्रोत्साहन परिषद की स्थापना की जाएगी।
7. न्यूनतम मानव इंटरफेस होगा और अधिकांश अनुमतियां स्वयं उत्पन्न होंगी।
8. डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से अधिकृत ड्रोन स्कूल से रिमोट पायलट सर्टिफिकेट प्राप्त करने के 15 दिनों के भीतर डीजीसीए द्वारा रिमोट पायलट लाइसेंस जारी किया जाएगा।
9. भारतीय गुणवत्ता परिषद या अधिकृत परीक्षण संस्थाओं द्वारा टाइप सर्टिफिकेट जारी करने के लिए ड्रोन का परीक्षण।
10. टाइप सर्टिफिकेट की आवश्यकता तभी होगी, जब भारत में ड्रोन का संचालन किया जाना हो।
किसी भी ड्रोन का हो सकता है निरीक्षण
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि DGCA की संस्था किसी भी ड्रोन का निरीक्षण कर सकती है। अगर किसी राज्य को लगे कि सीमित समय के लिए किसी क्षेत्र को रेड ज़ोन में परिवर्तित करना है जहां फ्लाइंग अनुमति के बिना वर्जित है, तो राज्य उस क्षेत्र को 48 घंटे के लिए रेड जोन में परिवर्तित कर सकता है।
देश की सुरक्षा के मद्देनजर हमने 6 नियम बनाए हैं। आपके ड्रोन का आकार जो भी हो उसे रजिस्टर करना जरूरी है। सभी ड्रोन मालिकों को आधार और पासपोर्ट डिटेल देनी होगी, हमारी सुरक्षा एजेंसियों को डिजिटल स्काई प्लेटफार्म का डायरेक्ट एक्सेस दिया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा के फीचर्स ‘नो परमिशन – नो टेक-ऑफ’ एक OTP की तरह होते हैं। रियल टाइम ट्रैकिंग व्हीकल, जियो फेंसिंग ये सब नियम भविष्य में हम निर्धारित करेंगे।
नई ड्रोन पॉलिसी रचेगी इतिहास
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई ड्रोन पॉलिसी की घोषणा कर रही है, ये ड्रोन पॉलिसी स्वयं में एक इतिहास रचेगी, भारत की 21वीं सदी की सोच और विचारधारा के लिए। हमारी सोच है एक ऐसा इकोसिस्टम भारत में बने जिसके आधार पर एक क्रांति भारत में आए। इस क्रांति के 3 भाग हैं, जिसमें पहला भाग व्यापार करने में आसानी हो, दूसरा भाग है जिसमें सारे फिजूल की स्वीकृति को निकालना और तीसरे भाग व्यापार में प्रवेश बाधाओं को हटाना।