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यूपी की 57 हजार से अधिक ग्रामीण महिलाएं बनेंगी ‘सूर्य सखी’

अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, और गोरखपुर को बना रहे हैं सोलर सिटी: सीएम योगी

फाईल फोटो

लखनऊ । योगी सरकार ने प्रदेश में बीसी सखी और विद्युत सखी की सफलता के बाद महिला सशक्तीकरण की दिशा में नई कवायद शुरू की है। योगी सरकार प्रदेश के सभी 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में एक-एक सूर्य सखी की तैनाती करेगी। इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के तहत लाखों महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को अब डिस्ट्रिब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी (DRE) उत्पादों से जोड़ा जाएगा। पहले चरण में 10,000 उद्यमों को सोलर आधारित तकनीकों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे महिलाओं को सतत रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि वर्तमान में समूह की महिलाओं द्वारा लाखों की संख्या में उद्यम स्थापित किए गए हैं। इन सभी महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को डीआरई प्रोडक्ट जैसे सोलर आटा चक्की ,सोलर वाटर पम्प, सोलर ड्रायर, सोलर ड्री फ़्रीजर, सोलर कोल्ड स्टोरेज, सोलर फूड प्रोसिंग मशीन, बायो फोलोक में सोलर सिस्टम, मिल्क चिल्लर को डीआरई प्रोडक्ट के माध्यम से जोड़ने की पहल शुरू की जाएगी। प्रथम चरण में 10 हज़ार उद्यमों को डीआरई प्रोडक्ट से जोड़ा जाना प्रस्तावित है।

उन्होंने बताया कि यूपीएसआरएलएम के तहत ‘प्रेरणा ओजस’ नामक कंपनी का गठन किया गया है, जो सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को सहयोग देगी। यह कंपनी सोलर प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग, सोलर शॉप्स, क्लीन कुकिंग और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें उद्यमिता से जोड़ रही है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीनेडा) के साथ मिलकर ‘सूर्य सखी’ कार्यक्रम की भी शुरुआत की गई है, जिसके तहत प्रदेश की 57,702 पंचायतों में एक-एक सूर्य सखी की नियुक्ति की जाएगी।

यूपीनेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला ने बताया कि डीआरई उत्पादों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। अगले तीन वर्षों में प्रेरणा ओजस के माध्यम से एक लाख महिलाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत हर पंचायत में एक सूर्य सखी को पदस्थ किया जाएगा। पूरे प्रदेश में 57,702 सूर्य सखी की तैनाती होगी और इन सूर्य सखियों से सोलर उद्यम स्थापित कराये जाएंगे, जिससे उनको आजीविका के अवसर प्रदान होंगे। प्रत्येक मंडल में 18 सोलर प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की जाएंगी, जबकि 826 ब्लॉकों में कुल 3,304 सोलर शॉप्स खोली जाएंगी।

सोलर दीदी के रूप में पहचान बनाएंगी यूपी की महिलाएं

परियोजना के जमीनी कार्यान्वयन में पीसीआई संस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। गेट्स फाउंडेशन, HSBC और ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लानेट जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का भी इसमें सहयोग मिल रहा है। इस योजना को क्लस्टर लेवल फेडरेशन (CLF) के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिससे यह एक व्यापक और प्रभावी पहल बन सके। इस कार्य को ज़मीनी स्तर पर पीसीआई और उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत समूह की महिलाओं द्वारा संचालित प्रेरणा ओजस संस्था के साथ मिलकर कार्य इम्प्लिमेंटिंग किया जाएगा। इसके साथ-साथ पूरे प्रदेश में सोलर एंटरप्राइज के माध्यम से अगले 3 साल में समूह की एक लाख महिलाओं को डीआरई प्रोडक्ट से जोड़ा जाएगा जिससे उनको रोज़गार से अवसर प्रदान हो सकेंगे। इससे ग्रामीण महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें ‘सोलर दीदी’ के रूप में एक नई पहचान भी मिलेगी।

DRE तकनीक को ज़मीनी स्तर पर लागू करने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की जा रही है। इस पहल से सौर ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित होगी और वे आत्मनिर्भर बनकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करेंगी। अगले तीन वर्षों में इस परियोजना से एक लाख महिलाओं को रोजगार मिलेगा, जिससे उत्तर प्रदेश महिला सशक्तिकरण और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में देशभर में एक मिसाल कायम करेगा।

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