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प्रदेश में अब तक 13 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों का हो चुका है निर्माण

मीडिया की भूमिका को कोई नहीं कर सकता नजरअंदाजः सीएम योगी

फाईल फोटो

लखनऊ : योगी सरकार प्रदेश की महिलाओं बच्चों के समुचित विकास व स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए कई तरह की योजनाओं का संचालन कर रही है। इसके लिए प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों को और भी स्मार्ट और आधुनिक बनाया जा रहा है। इसके लिए योगी सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को किराए के भवनों से निकालकर खुद के भवनों में स्थापित करने का कार्य तेजी के साथ कर कर रही है। बीते छह वर्षों में प्रदेश में अब तक 13 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण हो चुका है। जबकि 8 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण पर कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बच्चों और महिलाओं के विकास के प्रति प्रतिबद्धता ने आंगनबाड़ी केंद्रों को जनता के बीच एक नई पहचान दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग और पंचायती राज विभाग के समन्वय से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी आंगनबाड़ी केंद्र गुणवत्तापूर्ण भवनों में संचालित हों। सरकार की योजना के तहत जो केंद्र अभी तक किराए के मकानों में चल रहे हैं, उनके लिए मनरेगा योजना के तहत भवन निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

अब तक 13 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र का हो चुका है निर्माण

बता दें कि मनरेगा योजना के अंतर्गत जहां बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 1981 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया गया, वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी अब तक 1122 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस वर्ष अब तक योजनांतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों को बनाने में 13262.15 लाख की धनराशि व्यय भी की जा चुकी है। जबकि करीब 8 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्य प्रगतिशील है। योगी सरकार द्वारा पंचायत स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्रों का पूरी पारदर्शिता एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्माण कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जा रहा है।

2019-20 में 2015 केंद्रों का निर्माण
2020-21 में 4042 केंद्रों का निर्माण
2021-22 में 1871 केंद्रों का निर्माण
2022-23 में 2329 केंद्रों का निर्माण
2023-24 में 1981 केंद्रों का निर्माण

केंद्रों में बच्चों के लिए पढ़ाई की सामग्री समेत स्मार्ट टीवी और AC की भी सुविधा

योगी सरकार की योजना आंगनबाड़ी केंद्रों को न केवल भवनों तक सीमित रखने की है, बल्कि उन्हें प्री-प्राइमरी स्कूलों की तर्ज पर स्मार्ट सुविधाओं से लैस करने का भी है। बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा मिले और वे अपने प्रारंभिक वर्षों में बेहतर तरीके से विकास कर सकें, इसके लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन केंद्रों में बच्चों के लिए पढ़ाई की सामग्री, स्मार्ट टीवी, और गर्मियों में आराम के लिए एसी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। बच्चों के खेलने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।

केंद्र पर टेबल, कुर्सी, और चित्रयुक्त किताबों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही एलपीजी सिलेंडर, वाटर प्यूरी फायर, केंद्र के कमरे का विद्युतीकरण, शौचालय की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इस प्रयास से आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या भी बढ़ रही है। सरकार ने 15 अगस्त 2025 तक प्रदेश के 75 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प कर उन्हें आधुनिक बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 18 मानक (इंडिकेटर्स) तय किए गए हैं। हर केंद्र को इन मानकों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है।

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