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यूक्रेन पर रूस को खरी नसीहत, मोदी को मिला सर्वोच्च रूसी सम्मान

PM being conferred with the ‘Order of Saint Andrew the Apostle’- Russia’s highest civilian award by the President of the Russian Federation, Mr. Vladimir Putin, in Moscow, Russia on July 09, 2024.

मॉस्को : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से साफ शब्दों में अपील की कि यूक्रेन के युद्ध में मासूमों की मौत बहुत ही पीड़ाजनक होती है और युद्ध भूमि से समाधान नहीं निकला करते हैं इसलिए संवाद एवं कूटनीति के माध्यम से समाधान खोजे जाने चाहिए।श्री मोदी ने भारत एवं रूस के बीच 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान यह बात खुल कर कही। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के सुझावों की सराहना की। बैठक में दोनों देशों ने किफायती ऊर्जा, उर्वरक एवं परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने का संकल्प लिया। बैठक में भारत ने रूस में आतंकवाद की घटनाओं की कड़ी निंदा की।प्रधानमंत्री श्री मोदी की मॉस्को यात्रा के दूसरे दिन ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में राष्ट्रपति श्री पुतिन के साथ हुई भारत-रूस 22वें शिखर सम्मेलन में आपसी सहयोग बढ़ाने के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। बैठक के बाद श्री मोदी को रूस का सर्वाेच्च सम्मान “दि ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल” प्रदान किया गया।

LIVE:PM Modi receives highest civilian award of Russian Federation, 'Order of St Andrew the Apostle'

उन्होंने इस सम्मान के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे वह खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं और वह इसे भारत के लोगों को समर्पित करते हैं। दि ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ मूल रूप से उत्कृष्ट नागरिक और सैन्य योग्यता के सम्मान और देश की असाधारण सेवा के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार के प्रतीक चिन्ह में एक नीला सैश, सेंट एंड्रयू के क्रॉस वाला एक बैज और छाती पर पहना जाने वाला एक सितारा शामिल होता है।बैठक के बाद श्री मोदी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि आज क्रेमलिन में राष्ट्रपति श्री पुतिन के साथ सार्थक चर्चा हुई। हमारी बातचीत में व्यापार, वाणिज्य, सुरक्षा, कृषि, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग में विविधता लाने के तरीकों पर चर्चा हुई। हम कनेक्टिविटी और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने को बहुत महत्व देते हैं।

सूत्रों के अनुसार बैठक में किफायती ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने और इससे मुद्रास्फीति/मूल्य वृद्धि को नियंत्रण में रखने के बारे में चर्चा हुई। भारत ने माना कि हमारी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस एक महत्वपूर्ण भागीदार है। पिछले साल रूस से 80 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) से ज्यादा कच्चा तेल आयात किया गया था। किसानों के हित और खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से भारत के लिए रूस आयातित उर्वरकों का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। पिछले साल रूस से 48 लाख टन से अधिक उर्वरकों का आयात किया गया था। उर्वरकों की आपूर्ति भारत के किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर चालू खरीफ फसलों और अक्टूबर से शुरू होने वाले रवि सीजन के लिये।

बैठक में भारत ने यूक्रेन संघर्ष के मुद्दे पर अपना रुख दोहराया कि इस संकट का समाधान युद्ध के मैदान पर नहीं पाया जा सकता है। भारत ने हमेशा से बातचीत और कूटनीति की वकालत की है। प्रदूषण रहित हरित विकास के लिए दोनों देशों के बीच जारी परमाणु ऊर्जा सहयोग की समीक्षा की गयी। तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की 1000 मेगावाट की दो इकाइयाँ पहले से ही परिचालन में हैं। ये रूसी तकनीक पर आधारित हैं। दो अन्य इकाइयां निर्माण के अग्रिम चरण में हैं। इसलिए, दो नए आगामी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए दीर्घकालिक ईंधन आपूर्ति सुरक्षित करने की आवश्यकता है।बैठक के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने वक्तव्य में यूक्रेन को लेकर शांति की अपील करते हुए कहा कि मानवता में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को जनहानि होने पर दुख होता है। लेकिन जब मासूम बच्चों की हत्या होती है तो गहरा दुख होता है।

उन्होंने कहा, “एक मित्र के रूप में, मैंने हमेशा दोहराया है कि हमारी भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए शांति सर्वोपरि है। हालाँकि, मुझे पता है कि युद्ध के मैदान में समाधान कभी-कभी काम नहीं करते हैं। गोला-बारूद के बीच समाधान और शांति के संवाद सफल नहीं होते हैं। फिर भी हमें संवाद के माध्यम से समाधान खोजने की जरूरत है।”श्री मोदी ने कहा, “पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद को झेल रहा है। आतंकवाद कितना भयानक होता है, कितना घिनौना होता है, वो हम 40 साल से भुगत रहे हैं। ऐसे में जब मॉस्को में आतंकवादी घटनाएं घटीं, दागिस्तान में आतंकवादी घटनाएं घटीं, उसका दर्द कितना गहरा होगा, इसकी मैं कल्पना करता हूं और मैं हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा करता हूं।

”प्रधानमंत्री ने कहा कि गत 5 वर्ष पूरे विश्व के लिए पूरी मानवजाति के लिए बहुत ही चिंताजनक रहे, चुनौतीपूर्ण रहे और अनेक संकटों से गुजरना पड़ा। पहले कोविड के कारण और बाद में संघर्ष और तनावों का कालखंड अलग अलग भू-भाग में ​जिसने मानवजाति के लिए बहुत संकट पैदा किए। ऐसी स्थिति में भी भारत-रूस मित्रता और सहयोग ने भारत के किसानों को मुसीबत में नहीं आने दिया। उर्वरक की उपलब्धता के मामले में किसानों की आवश्यकताओं को हम पूरा करने में सफल रहे। उसमें हमारी मित्रता का बहुत बड़ी भूमिका है।उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। आने वाले दिनों में किसानों के हित के लिए हम चाहेंगे कि रूस के साथ हमारा सहयोग बढ़ता रहे। उन्होंने कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये कार्यकाल हमारे संबंधों को और गहरा व घनिष्ठ बनाएगा। हम नई-नई उपलब्धियों को लेकर आगे बढ़ेंगे।

”बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने अपने वक्तव्य में वर्तमान में रूस-भारत संबंधों में एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझीदारी की सराहना की। उन्होंने रेखांकित किया कि पिछले साल, रूस और भारत के बीच व्यापार 66 प्रतिशत बढ़ा, और 2024 की पहली तिमाही में 20 प्रतिशत और बढ़ गया।श्री पुतिन ने कहा कि रूस और भारत अंतरराष्ट्रीय मामलों में निकटता से सहयोग करते हैं। इन अंतरराष्ट्रीय संस्थानों, मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और ब्रिक्स जैसे संगठन शामिल हैं। उन्होंने श्री मोदी से कहा, “मैं सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर आपके द्वारा दिए गए ध्यान की सराहना करता हूं, जिसमें मुख्य रूप से शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से यूक्रेन संकट को हल करने के तरीके खोजने के आपके प्रयास भी शामिल हैं।” (वार्ता)

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