डीजीपी ने बुद्ध को आत्मसात किया, संकट मोचन में दर्शन पूजन
पुरावशेषों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में ली जानकारी
वाराणसी। सूबे के डीजीपी मुकुल कुमार गोयल सपरिवार रविवार को वाराणसी पहुंचे यहां सबसे पहले सारनाथ, इसके बाद संकट मोचन में करीब आधे घंटे तक दर्शन पूजन किया और यहां से सीधे रविदास घाट के लिए निकले। सारनाथ में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल सारनाथ स्थित पुरातात्विक उत्खनित स्थल परिसर स्थित धमेख स्तूप बनी लगभग ढाई हजार साल पुरानी कलाकृतियों का अवलोकन किया। मुलगन्ध कुटी बौद्ध मंदिर में रविवार को परिवार के साथ तथागत का आशीर्वाद लिया। उन्होंने बोधि वृक्ष की परिक्रमा की। इस दौरान उन्होंने सारनाथ एवं यहां के पुरावशेषों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी हासिल की।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल कुमार गोयल सास, पत्नी व बेटी के साथ पूर्वाह्न 10.51 बजे पुरातात्विक उत्खनित स्थल परिसर पहुंचे। उन्होंने लगभग एक घन्टा 13 मिनट तक भ्रमण किया। उत्खनित परिसर के मुख्य द्वार पर पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने लकड़ी का बना अशोक स्तंभ का मॉडल व खाता भेंटकर उनका स्वागत किया। इसके बाद वह धर्मराजिका स्तूप, अशोक का लाट, प्राचीन मुलगन्ध कुटी बौद्ध विहार के अवशेष को देखा एवं उनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने पंचायतन मंदिर व मनौती स्तूपों को भी देखा। धमेख स्तूप पर बनीं कलाकृतियों को एवं लगभग ढाई हजार साल पूर्व की गई बारीक कारीगरी को देखा। मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में तथागत की प्रतिमा के समक्ष परिवार के साथ दर्शन पूजन किया। परिक्रमा करने के बाद वह दोपहर 12.04 बजे यहां से निकले। शाम को संकट मोचन मन्दिर पहुंचे डीजीपी ने करीब आधे घंटे तक मंदिर परिसर में बिताया। यहां दर्शन पूजन के बाद महंत विशम्भर नाथ मिश्रा ने उनको प्रसाद माला और स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। मन्दिर बाहर निकलने के बाद मुख्य गेट पर खड़े होकर अधिकारियों से पांच मिनट की वार्ता की और फिर रविदास घाट के लिए निकल गये।