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मोदी फिजी के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित

फिपिक देशों को स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल की तमाम सुविधाएं देगा भारत

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सोमवार को फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका ने देश के सर्वोच्च सम्मान, द कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी (सीएफ) से सम्मानित।दोनों प्रधानमंत्रियों ने पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में तीसरे फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन (एफआईपीआईसी) शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय वार्ता के लिए मुलाकात की।

प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका के हाथों से पुरस्कार स्वीकार करते हुए, श्री मोदी ने धन्यवाद व्यक्त किया और कहा, “मुझे कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी प्रदान करने के लिए फिजी के लोगों और सरकार का आभारी हूं। मैं पुरस्कार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री राबुका को धन्यवाद देता हूं। यह भारत के लोगों के लिए एक सम्मान है और दोनो देशों के बीच मजबूत संबंधों की पहचान है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट किया, “बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने करीबी द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।”श्री मोदी ने एफआईपीआईसी तृतीय सम्मेलन के मौके पर फिजी के प्रधानमंत्री राबुका से मुलाकात की। इसके अलावा, दोनों नेताओं ने घनिष्ठ और बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की। प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति पर संतोष जताया और साथल ही साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।

फिजी के राष्ट्रपति रातू विलीमे एम. कटोनिवेरे की ओर से, श्री राबुका ने श्री मोदी को फिजी के सर्वोच्च सम्मान, द कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी (सीएफ) से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों और फिजी-भारतीय समुदाय की पीढ़ियों को सम्मान समर्पित किया, जिन्होंने दोनों देशों के बीच के रिश्ते को प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

फिपिक देशों को स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल की तमाम सुविधाएं देगा भारत

भारत ने प्रशांत द्वीपीय देशों के लिए स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और औद्योगिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सौगातें देने की आज घोषणा की और मानवीय सहयोग की इस साझीदारी को और मजबूत करने का संकल्प व्यक्त किया।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पापुआ न्यूगिनी की राजधानी में आयोजित फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन (फिपिक) के तीसरे शिखर सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए ये घोषणाएं कीं।

श्री मोदी ने अपने संबोधन में फिपिक शिखर सम्मेलन में 14 प्रशांत द्वीप देशों – फिजी, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा, तुवालु, किरिबाती, समोआ, वानुअतु, नीयू, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, रिपब्लिक ऑफ मार्शल आइलैंड्स, कुक आइलैंड्स, पलाऊ, नौरू और सोलोमन आइलैंड्स के नेताओं के आने और विचार मंथन में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि आज के इस मंथन से जो विचार उभरे हैं, उनपर निश्चित रूप से गौर किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमारी कुछ साझा प्राथमिकताएँ हैं और प्रशांत द्वीपीय देशों की कुछ आवश्यकताएँ हैं। इस मंच पर हमारा प्रयास है कि हमारी साझीदारी इन दोनों पहलूओं को ध्यान में रखते हुए चले।श्री मोदी ने फिपिक में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए कुछ घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा को सशक्त करने के लिये हमने फ़िजी में एक सुपर-स्पेशियलिटी कार्डियोलॉजी अस्पताल बनाने का निर्णय किया है। प्रशिक्षित स्टाफ़, अत्याधुनिक सुविधाओं और इंफ़्रास्ट्रक्चर से युक्त यह अस्पताल पूरे क्षेत्र के लिए एक लाइफलाइन बनेगा। भारत सरकार इस मेगा ग्रीन-फ़ील्ड प्रोजेक्ट का पूरा खर्चा उठाएगी।

उन्होंने कहा कि भारत सभी 14 प्रशांत द्वीपीय देशों मे डायलिसिस यूनिट् लगाने मे मदद करेगा और इन 14 देशों को समुद्री एम्बुलेंस भी प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में फ़िजी में हमने जयपुर फुट कैंप लगाया था। इस कैंप में 600 से अधिक लोगों को बिना किसी शुल्क कृत्रिम अंग लगाए गए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हमने पापुआ न्यूगिनी में जयपुर फुट कैंप लगाने का फैसला किया है। वर्ष 2024 से, हर साल इस तरह के दो और कैंप प्रशांत द्वीपीय देशों मे लगाये जायेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में जन औषधि स्कीम के द्वारा, किफायती दामों पर अच्छी गुणवत्ता की 1800 जेनेरिक दवाइयां लोगो को दी जा रही हैं। उदहारण के तौर पर, मधुमेह रोधी दवा, बाज़ार की कीमत के मुकाबले जन औषधि केंद्र में 90 प्रतिशत तक कम और बाकी सभी दवाएं 60 से 90 प्रतिशत तक कम कीमत पर मिलती है। उन्होंने इसी तरह के जन औषधि केन्द्र को प्रशांत द्वीपीय देशों में भी खोलने का प्रस्ताव किया।श्री मोदी ने कहा कि वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि मधुमेह जैसे जीवनशैली संबंधी रोग से बचाव मे योग बहुत काम आ सकता है। भारत प्रशांत द्वीपीय में योग केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव करता है।

उन्होंने कहा कि फिजी के नागरिकों के लिए एक सप्ताह के सातों दिन एवं चौबीसों घंटे आपातकालीन हेल्पलाइन की सुविधा तैयार की जाएगी। प्रशांत द्वीपीय क्षेत्र के सभी देशों में भी इस तरह की सुविधा स्थापित करने में हमें खुशी होगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि पापुआ न्यूगिनी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर आईटी का उन्नयन करके उसे क्षेत्रीय सूचना प्रौद्याेगिकी एवं साइबर सुरक्षा हब के रूप में तैयार किया जाएगा। उन्होंने हर एक प्रशांत द्वीपीय देश में लघु एवं मध्यम उद्यम सेक्टर के विकास के लिए परियोजना की घोषणा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत मशीनरी और टेक्नोलॉजी आपूर्ति की जाएगी और क्षमता निर्माण के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रशांत द्वीपीय राष्ट्राध्यक्षों के आवासों को सौरऊर्जा युक्त करने की परियोजना सभी ने पसंद की। अब हम सभी फिपिक देशों मे कम से कम एक सरकारी इमारत को सौर ऊर्जा युक्त बनाएंगे। उन्होंने पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए, हर प्रशांत द्वीपीय देश के लोगो के लिए खारे पानी को मीठा बनाने वाली डिसैलिनेशन यूनिट देने की भी घोषणा की।श्री मोदी ने फिपिक देशों में क्षमता निर्माण में हमारे दीर्घकालिक सहयोग को आगे बढ़ाते हुए प्रशांत द्वीपीय देशों के लिए ‘सागर अमृत छात्रवृत्ति’ योजना शुरू करने तथा इसके अंतर्गत अगले पांच सालों मे 1000 आईटीईसी प्रशिक्षण सीटें आवंटित करने का भी ऐलान किया।

प्रधानमंत्री ने फिपिक के प्रति अपने विशेष लगाव को प्रकट करते हुए कहा कि यह सीमाओं को चुनौती देता है। और साथ ही मानवीय सहयोग की सीमाओं को असीमित मानता है। आशा है कि अगली बार भारत में आपका स्वागत करने का मौका मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि एक मित्र के रूप में उन्हें यह भी आशा है कि संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक दक्षिण की आवाज उठाने के लिए, 2028-29 में भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सदस्यता को प्रशांत द्वीपीय देशों का भी समर्थन मिलेगा।

मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल से वार्ता की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पापुआ न्यू गिनी में गवर्नर जनरल बॉब डाडे के साथ दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए बातचीत की।श्री मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के लिए रविवार को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे।प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे के साथ शानदार बैठक हुई। हमने विभिन्न क्षेत्रों में हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने पर बातचीत की।”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पापुआ न्यू गिनी में दिन की शुरुआत ऐतिहासिक गवर्नमेंट हाउस में गवर्नर जनरल सर बॉब डाडे के साथ गर्मजोशी भरे माहौल में बातचीत हुई। दोनों देशों के बीच संबंधों और विकास साझेदारी के महत्वों पर जोर दिया गया।”यह बैठक पोर्ट मोरेस्बी में गवर्नमेंट हाउस में भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन के अवसर पर हुई।

गवर्नर जनरल ने प्रधानमंत्री मोदी की पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।एक बयान में कहा गया कि दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों एवं विकास साझेदारी के महत्व सहित विचारों का आदान-प्रदान किया और वे इसे अधिक मजबूत बनाने पर सहमति बनी।

PM arrives at Port Moresby, in Papua New Guinea on May 21, 2023.

प्रधानमंत्री मोदी ने पोर्ट मोर्सबी में पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्‍स मारपे के साथ बातचीत की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे के साथ बैठक की और व्यापक द्विपक्षीय संबंधों पर विचार विमर्श किया। श्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने और श्री मारापे ने सार्थक बातचीत की, जिसमें दोनों देशों के समूचे द्विपक्षीय संबंध शामिल थे। श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने और श्री मारापे ने वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन के बारे में सहयोग बढ़ाने के तौर तरीकों पर बातचीत की।

प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉब दादाए के साथ भी अलग से बातचीत की और दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने पर बल दिया। श्री मोदी ने ट्वीट में कहा कि पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल के साथ उनकी बैठक बहुत अच्छी रही। गवर्नर जनरल के साथ बैठक के बाद श्री मोदी एपीईसी हाउस पहुंचे। इस हाउस को एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग के लिए विश्व के नेताओं की बैठक के लिए तैयार किया गया है और यह पोर्ट मोर्शबी में एलाबीच पर स्थित है। प्रधानमंत्री भारत-प्रशांत द्वीप समूह-एफ आई पी आई सी की तीसरी शिखर बैठक की सह अध्यक्षता कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने बैठक के प्रारंभिक संबोधन में कहा कि आज समूचा विश्व नई चुनौतियों का सामना कर रहा है और खाद्य, ईंधन, उर्वरक और फार्मा की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं आ रही है। उन्होंने कहा कि जब कोविड ने विश्व को प्रभावित किया और कई विश्वसनीय देशों ने मदद नहीं की तब भारत प्रशांत क्षेत्र के अपने मित्र द्वीप देशों को सहयोग देने के लिए आगे आया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की यह जिम्मेदारी है कि वह जी20 के माध्यम से विश्व को ग्लोबल साउथ की चिंताओं, आशाओं और आकांक्षाओं के बारे में अवगत कराए। उन्होंने कहा कि भारतीय अवधारणा में समूचे विश्व को एक परिवार के रूप में देखा जाता है और वसुधैव कुटुंबकम भारत का प्रमुख प्रेरणा स्रोत है।

इस शिखर बैठक में करीब 14 देशों के नेता शामिल हो रहे है। वर्ष 2014 में श्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान एफ आई पी आई सी शुरू किया गया था। श्री मोदी की पापुआ न्यू गिनी की यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मरापे ने हवाई अड्डे पर श्री मोदी का स्वागत किया और उन्हें सम्मान देते हुए उनके पैर छूए।(वीएनएस)।

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