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मोदी ने की सीएसआईआर बैठक की अध्यक्षता,वैज्ञानिकों से अनुसंधान में समन्वित प्रयास का आह्वान

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास को बल देने के लिए वैज्ञानिक समुदाय से एक व्यक्ति एक प्रयोगशाला का दृष्टिकोण अपनाते हुए वैज्ञानिकों से न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने वाली प्रौद्योगिकी प्रस्तुत करने का आह्वान किया।श्री मोदी शनिवार को वैज्ञानिक एवं औद्योगिकी अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।प्रधानमंत्री ने पिछले 80 वर्षों में सीएसआईआर के योगदान की सराहना की और इन आठ दशकों की उपलब्धियों का अभिलेख तैयार किए जाने का सुझाव दिया ताकि संस्थान के कार्यों की सराहना के साथ-साथ कमियों की समीक्षा और उसका समाधान बेहतर तरीके से करने में मदद मिले।

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी आम आदमी के लिए उपयोगी हो, इसके लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण का वाणिज्यिक और सामाजिक दृष्टि से भी समन्वय होना चाहिए। उन्होंने एक व्यक्ति एक प्रयोगशाला की सोच अपनाए जाने के बारे में कहा कि इससे अनुसंधान पर और अधिक ध्यान केंद्रित होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि देश की अनुसंधान प्रयोगशालाओं के नियमित डिजिटल सम्मेलन होने चाहिए, ताकि एक-दूसरे के अनुभवों का लाभ उठाया जा सके।श्री मोदी ने वैज्ञानिकों से अनाज में प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ाने ज्वार, बाजरा जैसी जलवायु परिवर्तन को सहन करने वाली फसलों की नयी प्रजातियां विकसित करने और उनमें पौष्टिक तत्वों के संवर्धन के लिए भी काम करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि उच्च पौष्टिक तत्वों वाले देशी अनाज और खाद्य उत्पादों की सूची विकसित की जानी चाहिए।प्रधानमंत्री ने भारत की ऊर्जा, औद्योगिक उत्पादों और पर्यावरण जैसी चुनौतियों के मद्देनजर वैज्ञानिक और अनुसंधान संगठनों और शिक्षण संस्थानों से समन्वय के साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने, पुनर्चक्रण पर आधारित अर्थव्यवस्थाओं और स्वस्थ विकास के लिए व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।उन्होंने परंपरागत ज्ञान से लेकर छात्रों को उनकी रुचि, कौशल और उनकी क्षमताओं के हिसाब से पहचानने तक के कामों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और डिजिटल बुद्धिमता (एआई) का प्रयोग करने का भी सुझाव दिया ताकि उन्हें भारत के भविष्य की जरूरतों के लिए और अच्छी तरह से तैयार किया जा सके।

सम्मेलन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने उद्योग, अकादमिक क्षेत्र और अनुसंधान के बीच समन्वय से काम करने की जरूरत पर बल दिया।सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ एन कलाईसेल्वी ने सीएसआईआर की हाल की उपलब्धियों की जानकारी दी और हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर भारत की पहली बस के विकास पर प्रकाश डाला।उन्होंने जम्मू-कश्मीर में लैवेंडर क्रांति और देश के परंपरागत ज्ञान की डिजिटल पुस्तकालय (टीकेडीएल) के संबंध में भी प्रकाश डाला।प्रधानमंत्री आवास सात लोक कल्याण मार्ग पर हुयी इस बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और सीएसआईआर सोसाइटी के सदस्य वैज्ञानिक, उद्यमी और विज्ञान एवं कुछ अन्य मंत्रालयों के सचिव उपस्थित थे।(वार्ता)

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