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पीएम मोदी ने रखी नए संसद भवन की आधारशिला

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन की आधारशिला रखी। सर्वधर्म प्रार्थना के तहत संसद भवन की नींव रखने का कार्यक्रम किया गया। नया संसद भवन अगस्त 2022 तक तैयार होगा जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रधानमंत्री को संसद भवन का शिलान्यास करने का न्योता दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम नए संसद भवन में दोनों सदनों के सेशन की शुरुआत करेंगे। नए भवन में लोकसभा सांसदों के लिए लगभग 888 और राज्यसभा सांसदों के लिए 326 से ज्यादा सीटें होंगी। पार्लियामेंट हाॅल में कुल 1,224 सदस्य एक साथ बैठ सकेंगे।

अधिकारियों ने सितंबर में बताया था कि नए भवन को त्रिकोण (ट्राएंगल) के आकार में डिजाइन किया गया है। इसे मौजूदा परिसर के पास ही बनाया जाएगा। इस पर 861.90 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे बनाने का जिम्मा टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है। देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने इसके लिए 865 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। वहीं, सेंट्रल पब्लिक वक्र्स डिपार्टमेंट की ओर से 940 करोड़ रुपये लागत बताई गई थी। आखिर में बाजी टाटा के हाथ लगी।

मौजूदा संसद भवन अंग्रेजों के राज में बना था। इसे एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। उन्होंने नई दिल्ली का कंस्ट्रक्शन और प्लानिंग भी की थी। गोल आकार में बना संसद भवन भारत की सबसे बेहतरीन इमारतों में शुमार है। इसके सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा बनी है। नए संसद भवन से जुड़ी कुछ खास बातों पर आप गौर कीजिए –

पुराने संसद भवन से अलग नई बिल्डिंग में आधुनिक तकनीक, जरुरतों का ध्यान रखा जा रहा है। अगस्त 2019 में मौजूदा लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू की ओर से नए संसद भवन का प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव के मुताबिक, नया संसद भवन 64500 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा, जो चार मंजिला होगा और इसका खर्च 971 करोड़ रुपये आएगा। इस संसद भवन को 2022 तक तैयार किया जाएगा।

सभी सांसदों के लिए संसद भवन परिसर में दफ्तर बनाया जाएगा, जिसे 2024 तक तैयार किया जाएगा। नई बिल्डिंग का डिजाइन एचसीपी डिजाइन मैनेजमेंट ने किया है, जो अहमदाबाद से है। इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स द्वारा किया जाएगा। नई बिल्डिंग में आडियो विजुअल सिस्टम, डाटा नेटवर्क फैसिलिटी का ध्यान रखा जा रहा है। नई बिल्डिंग में कुल 1224 सांसदों के बैठने की सुविधा होगी। इनमें 888 लोकसभा चैंबर में बैठ सकेंगे, जबकि राज्यसभा चैंबर में 384 सांसदों के बैठने की सुविधा होगी।

भविष्य में अगर सांसदों की संख्या बढ़ती है, तो उसकी जरूरत पूरी हो सकेगी। संसद भवन में देश के हर कोने की तस्वीर दिखाने की कोशिश की जाएगी। नई बिल्डिंग में सेंट्रल हॉल नहीं होगा, लोकसभा चेंबर में ही दोनों सदनों के सांसद बैठ सकेंगे। संसद भवन की मौजूदा बिल्डिंग को एक म्यूजियम के तौर पर रखा जाएगा, उसमें काम भी चलता रहेगा। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने जानकारी दी थी कि पुराने संसद भवन ने देश को बदलते देखा है, ऐसे में वो भविष्य में प्रेरणा देगा। लोकसभा और राज्यसभा कक्षों के अलावा नए भवन में एक भव्य संविधान कक्ष होगा। जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिए अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्पले आदि होंगे।

मौजूदा संसद भवन को अंग्रेजों ने बनवाया था, 12 फरवरी 1921 को इसकी नींव रखी गई और 1927 में जाकर ये तैयार हुआ। सर एडवर्ड लुटियंस, सर हाॅर्बर्ट बेकर की अगुवाई में संसद भवन की बिल्डिंग तैयार हुई थी जिसे दुनियां के सबसे बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर देखा जाता है। तब इस भवन को बनाने में कुल 83 लाख रुपये का खर्च आया था। नया संसद भवन केंद्र सरकार की योजना सेंट्रल विस्टा के तहत बनाया जा रहा है। जिसमें संसद भवन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन और आसपास के इलाकों का नवीनीकरण भी किया जाएगा।

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