2014 से पहले महिलाओं संग 40% से ज्यादा हिंसक वारदातें तब हुईं जब वे खुले में शौच के लिए गईं: स्मृति ईरानी
नेशनल कमीशन ऑफ वुमेन’ ने बुधवार को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया। इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी भी वहां मौजूद रहीं। उन्होंने संबोधन के दौरान कहा कि लाल किले की प्राचीर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहा कि अगर महिला के जीवन में सार्थक योगदान देना है तो कम से कम उसके लिए एक शौचालय तो बनवा दो।
पीएम मोदी ने का शौचालय निर्माण के प्रति लोगों में जगाई चेतना
एक प्रधानमंत्री का शौचालय निर्माण के प्रति इतना आग्रह रखना कुछ लोगों को अचंभित कर गया लेकिन महिला का सत्य यह था कि साल 2014 से पहले महिला हिंसा के संदर्भ में जब भी कोई आंकड़े आते तो यह ध्यान में आता कि 40 प्रतिशत से ज्यादा हिंसक वारदात महिलाओं के साथ तब होती जब वो खुले में शौच के लिए जाते।
भारतीय इतिहास में पहली बार महज 4 से 5 साल में महिलाओं के लिए बने 10 करोड़ शौचालय
केंद्रीय मंत्री ने कहा इसलिए न सिर्फ महिला सम्मान, महिला स्वास्थ्य बल्कि महिला सुरक्षा की दृष्टि से भी आज इस मंच पर जब हम इस समारोह को मना रहे हैं तब हमें पहचानने की जरूरत है कि भारतीय इतिहास में पहली बार महज 4 से 5 साल में महिलाओं के लिए 10 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया गया। उन्होंने कहा, जबकि किसी भी महिला ने किसी भी चुनाव में किसी भी नेता से यह मांग नहीं रखी। हमारे देश में 10 करोड़ बहनों ने कभी भी किसी चुनाव में किसी नेता से जाकर यह मांग नहीं रखी कि अगर चुनाव जीतेंगे तो कम से कम मेरे लिए एक शौचालय बनवा देना।
पीएम मोदी ने महिलाओं को 1 रुपए की कीमत पर दिए सेनेटरी पैड
कई लोगों को यह बात अटपटी लगी जब पीएम मोदी ने फिर लाल किले की प्राचीर से कहा कि हम महिलाओं को जनऔषधि केंद्रों के जरिए महज 1 रुपए में सेनेटरी पैड उपलब्ध करवाएंगे। मुझे आज भी याद है कि उस भाषण के बाद इंटरनेट पर जैसे भूचाल सा आ गया हो। हर चैनल पर चर्चा सिर्फ इस सेनेटरी पैड के उल्लेख के बारे में होने लगी। इसका मतलब वह सभ्यता जिसने अर्धनारीश्वर की कल्पना को देखा जिसने स्वीकार किया कि शिव और शक्ति पूर्णत: मिलकर और सहभागी बनकर संसार की रचना करते हैं । उस देश में पहली बार हमने एक प्रधानमंत्री को लाल किले से राष्ट्रीय संबोधन में कहते हुए सुना और नॉर्मलाइज किया कि यह हमारी बराबर की जिम्मेदारी है कि महिलाओं को मेन्स्ट्रूअल हाइजीन प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने के लिए प्राप्त हो।
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी बिल पर संसद में लिया गया ऐतिहासिक निर्णय
केंद्रीय मंत्री ने कहा, आपने देखा होगा कुछ महीने पहले देश की संसद में लोकसभा में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी बिल के संदर्भ में सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। यह भी अपेक्षित नहीं था एक मेल प्राइम मिनिस्टर से। लेकिन यह निर्णय लिया गया और किस बारीकी से काम हुआ वो मैं आपके सम्मुख रखना चाहूंगी। अगर हम मेडिकल सपोर्ट की ही बात करें तो इस सभागार में कई ऐसे लोग हैं जिन लोगों ने फिल्ड में महिला उत्थान के प्रति वर्षों-वर्ष अपना योगदान दिया है। जब पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी हर जगह चर्चा ये थी कि 10 करोड़ परिवारों को देश के 24 हजार अस्पतालों में 5 लाख रुपए सालाना मेडिकल प्रोटेक्शन मिलेगा और सर्विस मिलेगी। जो अध्ययनशील हैं वो इस बात को जानते हैं कि महिला स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझने वाली ग्रामीण महिलाओं कभी मदद नहीं प्राप्त कर पाती थी लेकिन बीते दो साल में आयुष्मान भारत योजना के तहत तीन करोड़ गरीब परिवारों और ग्रामीण परिवारों की महिलाओं ने इन गंभीर बीमारियों का इलाज करवाया है।