देवरिया में मकर संकान्ति पर होगा मिलेट्स आधारित खिचड़ी भोज
विकासखण्ड पथरदेवा के ग्राम पकहा में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही होंगे कार्यक्रम में शामिल
लखनऊ : प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश में मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान के साथ-साथ बीजों की उपलब्धता तथा मिलेट्स को अपनी दिनचर्या में शामिल करने एवं खाद्य प्रसंस्करण करने का प्रयास कर रही है। इसके तहत जनपद देवरिया में एक दिवसीय जोनल मोटा अनाज संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कृषि मंत्री, उ0प्र0 सरकार सूर्य प्रताप शाही जी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस मेले में मोटे अनाज से संबंधित विभिन्न संस्थाओं द्वारा स्टाल एवं एफपीओ द्वारा अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया जायेगा। इसी उपलक्ष्य में कृषि मंत्री द्वारा 14 दिसंबर को मकर संकान्ति के अवसर पर मिलेट्स आधारित खिचड़ी भोज का भी आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम विकासखण्ड पथरदेवा के ग्राम पकहा में आयोजित किया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है ताकि दुनियाभर में इन पोषित अनाजों की खेती बढ़ाई जा सके। यह अनाज एक छोटे सीमित जोत एवं शुष्क क्षेत्रों वाले किसानों के लिए उपयुक्त फसलें हैं मिलेट्स के अन्तर्गत ज्वार, बाजरा, कुटकी, काकुन, रामदाना, साँवा, रागी (मण्डुआ), कोदों, कुट्टू चेना एवं अन्य फसलें आती हैं। इनके नियमित प्रयोग से मानव बीमारी यथा-थायराइड, बी०पी०, शर्करा रोग आदि रोगो के प्रभाव को कम करने में सहायक सिद्ध हुई हैं। उत्तर प्रदेश में कुल 40 लाख हे० ऐसी भूमि हैं जहाँ पर इनकी खेती की जा सकती है विशेष तौर से शुष्क एवं ऊबड़-खाबड़ भूमि में भी इन मोटे अनाजों की खेती की जाती रही है। मा० कृषि मंत्री जी द्वारा इसको बढ़ावा देने के उद्देश्य से जनपद देवरिया से जन जागरण अभियान प्रारम्भ कर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी इसको बढ़ावा दिया जायेगा।
वर्तमान में मोटे अनाजों की खेती उत्तर प्रदेश में 21 लाख हे0 से अधिक क्षेत्र में की जाती है तथा इसे अब 25 लाख हे क्षेत्र में बढ़ाए जाने की रणनीति तैयार की गई है। मोटे अनाजों की खेती में कम पानी तथा घटते-बढ़ते तापमान के प्रभाव को भी सहन करने की क्षमता होती है।