तृतीय पक्षकार हिन्दुओं को बनाने का आवेदन स्वीकार
वाराणसी। सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पाण्डेय की अदालत ने ज्ञानवापी में उर्स करने, अदृश्य मजार पर चादर चढ़ाने की अनुमति देने संबंधी मोख्तार अहमद के वाद में तृतीय पक्षकार हिन्दुओं को बनाने का आवेदन स्वीकार कर लिया है। अदालत ने वादी मुश्लिम पक्ष को हिंदू आवेदको को पक्षकार बनाने की प्रक्रिया पूरी करने के साथ ही वाद पर आपत्ति के लिए 28 फरवरी की तिथि नियत कर दी। अदालत ने कहा कि तृतीय पक्षकार हिन्दूओं कि तरफ से वादग्रस्त सम्पत्ति को भगवान आदि विश्वेश्वर की सम्पत्ति होना बताया गया है तथा स्वयं को भगवान आदि विश्वेश्वर का अनुयायी व पूजक होने के आधार पर अपने हितों की रक्षा के लिए वाद में पक्षकार बनाने की याचना की गई है।
अदालत ने कहा कि समस्त तथ्यों के आधार पर यह प्रकट होता है कि वादग्रस्त सम्पत्ति पर मुश्लिम तथा हिन्दुओं दोनों ही समुदायों द्वारा अपना हक व अधिकार निहित होना बताया जा रहा है, ऐसे में हिन्दू पक्ष के व्यक्ति भी इस वाद के निस्तारण के लिए आवश्यक पक्षकार है। ऐसे में न्यायालय के निष्कर्ष में बिना हिंदू पक्ष के किसी व्यक्ति को बतौर पक्षकार बनाये इस वाद का सम्यक निस्तारण सम्भव नहीं है। अदालत ने रामकुमार जायसवाल, रंजना अग्निहोत्री, आशीष तिवारी व पवन कुमार कि तरफ से दिए गए दो आवेदनों को पक्षकार बनने के लिए स्वीकार कर लिया जबकि रमेश उपाध्याय, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, प्रतिश अग्रहरी व रमेश उपाध्याय, सुनीता श्रीवास्तव, संजय कुमार, महंत गोविन्द दास शास्त्री की तरफ से पक्षकार बनने के लिए दिए गए 6 आवेदनो को निरस्त कर दिया।