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यमुना प्राधिकरण की 85वीं बोर्ड बैठक में विकास को बढ़ावा देने वाली कई योजनाओं को मिली सहमति

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा)

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा)

ग्रेटर नोएडा । उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के सीएम योगी के सपने को धरातल पर उतारकर प्रदेश की उन्नति को प्रशस्त कर रहे यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को यीडा की 85वीं बोर्ड बैठक में 54 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए गए, जो ग्रेटर नोएडा समेत समूचे यीडा अधिकृत क्षेत्र को भविष्य की जरूरतों के आधार पर विकसित करने के रोडमैप को प्रस्तुत करते हैं। यीडा के अध्यक्ष आलोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों और सदस्यों ने भाग लिया।

इस दौरान पेश किए गए प्रस्तावों में सुरक्षा, पर्यटन, औद्योगिक निवेश, बिजली आपूर्ति, ग्रामीण विकास और भूखंडों के आवंटन से जुड़े अहम फैसले लिए गए। ये निर्णय यमुना क्षेत्र में विकास को नई दिशा देने वाले माने जा रहे हैं और मास्टर प्लान-2041 के उद्देश्यों को पूरा करने के हिसाब से निर्मित किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा व आगरा के 1149 राजस्व गांव यीडा अधिकृत कुल क्षेत्र में आते हैं। इनमें से गौतमबुद्धनगर व बुलंदशहर मास्टरप्लान-2041 के अंतर्गत आते हैं। वहीं, अन्य 4 जिले प्राधिकरण अधिसूचित क्षेत्र में फेज-2 कहलाते हैं।

सुरक्षा और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

बोर्ड बैठक में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट क्षेत्र में 1000 वर्गमीटर भूमि पर एक नया पुलिस थाना बनाए जाने को मंजूरी दी गई। यह थाना क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगा। वहीं, सेक्टर 22एफ और 23बी में रिक्रिएशनल ग्रीन क्षेत्रों के अंतर्गत गोल्फ कोर्स, जिमखाना क्लब, यमुना हाट जैसे पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना को स्वीकृति मिली। इसके अलावा किंगडम ऑफ ड्रीम्स, ओलंपिक विलेज, थीम पार्क, एविएशन म्यूजियम, ऑक्सफोर्ड गोल्ड रिजॉर्ट, दिल्ली हाट, कब्बन पार्क तथा दिल्ली जिमखाना क्लबजैसे बड़े प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित किए गए हैं, जिन्हें पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा और इनकी स्थापना के लिए नियम व शर्तों के प्रारूप को अंतिम रूप देने पर फोकस किया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर भी फोकस

बैठक में अर्बन सेंटर के बाहर पड़ने वाले कृषि भूमि के उपयोग तथा ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में विकास के लिए मास्टर प्लान-2031 के फेज-2 (संपूर्ण क्षेत्र-रीजनल लेवल योजना) तैयार की गई है। इसमें ग्रामीण आबादी के 200 मीटर की त्रिज्या में रेजिडेंशियल, पब्लिक, इंस्टीट्यूशनल व आवश्यक कमर्शियल एक्टिविटी के संचालन के लिए भी एक फ्रेमवर्क तैयार किया गया है।

औद्योगिक विस्तार व बुनियादी ढांचे को मिलेगी मजबूती

बैठक में केंद्र सरकार के सहयोग से सेक्टर-10 में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC 2.0) की स्थापना को मंजूरी दी गई, जिसके लिए 200 एकड़ भूमि चयनित की गई है। इसमें अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए विशेष सुविधाएं जैसे डाटा सेंटर, हॉस्टल, स्किल डेवलपमेंट सेंटर आदि विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा, सेक्टर-18 और 32 में अग्निशमन केंद्र (फायर स्टेशन) की स्थापना के लिए लगभग 7485 वर्गमीटर भूमि चिन्हित की गई है। सेक्टर-29 में नेशनल एग्जीक्यूटिव एविएशन क्लस्टर (NAEC) के तहत 82 सदस्यों को भूखंड दिए गए हैं, जिनमें से 61 भूखंडों की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है।

OTS योजना, भूखंड विकास और इन्फॉर्मल सेक्टर को राहत

पहले चलाई गई OTS योजना से प्राधिकरण को करीब 551 करोड़ रुपये की आय हुई थी। ऐसे में, इसे फिर से 1 जुलाई से 31 अगस्त 2025 तक लागू किया जाएगा, ताकि डिफॉल्टरों को दोबारा मौका मिल सके और बकाया राशि जमा हो सके। इसके साथ ही, सेक्टर 16, 17, 18, 20 और 22D में इन्फॉर्मल सेक्टर के लिए 30 वर्गमीटर वाले लगभग 28,900 भूखंड विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा 4288 भूखंडों की पहचान कर ली गई है। साथ ही, स्टील इंडस्ट्रियल क्लस्टर के लिए 2 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई है, जिससे पावर इंटेंसिव इंडस्ट्रीज को बढ़ावा मिलेगा।

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