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देश में बहुत से ब्रांड बने लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं: मोदी

देश में बहुत से ब्रांड बने लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं: मोदी

PM addressing at the Golden Jubilee celebration of Gujarat Cooperative Milk Marketing Federation (GCMMF) at Ahmedabad, in Gujarat on February 22, 2024.

अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को यहां कहा कि भारत की आजादी के बाद देश में बहुत से ब्रांड बने लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं है। अमूल भारत के पशुपालकों के सामर्थ्य की पहचान, अमूल यानि विश्वास, अमूल यानि विकास, अमूल यानि जनभागीदारी, अमूल यानि किसानों का सशक्तिकरण, अमूल यानि समय के साथ आधुनिकता का समावेश, अमूल यानि आत्मनिर्भर भारत की प्रेरणा, अमूल यानि बड़े सपने, बड़े संकल्प और उससे भी बडी सिद्धियां बन चुका है। दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में अमूल के प्रॉडक्ट को निर्यात किया जाता है।

श्री मोदी गुजरात में अहमदाबाद के मोटेरा स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आज गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए और 1.25 लाख से अधिक किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात के गांवों ने मिलकर 50 वर्ष पहले जो पौधा लगाया था वो आज विशाल वटवृक्ष बन गया है। इस विशाल वटवृक्ष की शाखाएं आज देश-विदेश तक फैल चुकी हैं। गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की स्वर्ण जयंति पर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। गुजरात की दूध समितियों से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति का हर पुरुष, हर महिला का भी मैं अभिनंदन करता हूं। इसके साथ हमारे एक और साथी हैं, जो डेयरी सेक्टर के सबसे बड़े स्टेकहोल्डर हैं। मैं उन्हें भी प्रणाम करता हूं। ये स्टेकहोल्डर, ये साझीदार हैं- हमारा पशुधन। मैं आज इस यात्रा को सफल बनाने में पशुधन के कंट्रीब्यूशन को भी सम्‍मानित करता हूं, उनके प्रति आदर व्‍यक्‍त करता हूं। इनके बिना डेयरी सेक्टर की कल्पना भी नहीं हो सकती। इसलिए मेरा देश के पशुधन को भी प्रणाम है।

PM Modi at Golden Jubilee Celebration of GCMMF, Amul Federation

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत की आजादी के बाद देश में बहुत से ब्रांड बने लेकिन अमूल जैसा कोई नहीं। आज अमूल भारत के पशुपालकों के सामर्थ्य की पहचान बन चुका है। अमूल यानि विश्वास। अमूल यानि विकास। अमूल यानि जनभागीदारी। अमूल यानि किसानों का सशक्तिकरण। अमूल यानि समय के साथ आधुनिकता का समावेश, अमूल यानि आत्मनिर्भर भारत की प्रेरणा, अमूल यानि बड़े सपने, बड़े संकल्प, और उससे भी बडी सिद्धियां। आज दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में अमूल के प्रॉडक्ट को निर्यात किया जाता है। 18 हजार से ज्यादा दुग्ध सहकारी मंडली, 36 लाख किसानों का नेटवर्क, हर दिन साढ़े तीन करोड़ लीटर से ज्यादा दूध का संग्रहण, हर रोज पशुपालकों को 200 करोड़ रुपए से अधिक का ऑनलाइन पेमेंट, ये आसान नहीं है। छोटे-छोटे पशुपालकों की ये संस्था, आज जिस बड़े पैमाने पर काम कर रही है। वही तो संगठन की शक्ति है, सहकार की शक्ति है।

Prime Minister Narendra Modi gets a rousing welcome in Mehsana

उन्होंने कहा कि दूरगामी सोच के साथ लिए गए फैसले कई बार आने वाली पीढ़ियों का भाग्य कैसे बदल देते हैं, अमूल इसका भी एक उदाहरण है। आज के अमूल की नींव, सरदार वल्‍लभ भाई पटेल के मार्गदर्शन में खेड़ा मिल्क यूनियन के रूप में रखी गई थी। समय़ के साथ डेयरी सहकारिता गुजरात में और व्यापक होती गई और फिर गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन बनी। आज भी ये सरकार और सहकार के तालमेल का बेहतरीन मॉडल है। ऐसे ही प्रयासों की वजह से हम आज दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देश हैं। भारत के डेयरी सेक्टर में आठ करोड़ लोग सीधे जुड़े हुए हैं। अगर मैं पिछले दस साल की बात करूं तो, भारत में दूध उत्पादन में करीब 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले दस वर्षों में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता भी करीब 40 प्रतिशत बढ़ी है। दुनिया में डेयरी सेक्टर सिर्फ दो प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है, जबकि भारत में डेयरी सेक्टर छह प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर की एक सबसे बड़ी विशेषता है, जिसकी उतनी चर्चा नहीं होती। आज इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं इस विषय पर भी विस्तार से चर्चा करना चाहता हूं। भारत में दस लाख करोड़ रुपए के टर्नओवर वाले डेयरी सेक्टर की मुख्य कर्ताधर्ता देश की नारीशक्ति है। हमारी माताएं हैं, हमारी बहनें हैं, हमारी बेटियां हैं। आज देश में धान, गेहूं और गन्ने को भी मिला दें, तो भी इन फसलों का टर्नओवर दस लाख करोड़ रुपए नहीं होता। जबकि दस लाख करोड़ टर्नओवर वाले डेयरी सेक्टर में 70 प्रतिशत काम करने वाली हमारी माताएं-बहनें-बेटियां ही हैं। भारत के डेयरी सेक्टर की असली रीढ़, असली बैकबोन, यही महिलाशक्ति है। आज अमूल सफलता की जिस ऊंचाई पर है वो सिर्फ और सिर्फ महिलाशक्ति की वजह से है।

उन्होंने कहा कि आज जब भारत वीमेन लीड डेवलपमेंट के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है तो भारत के डेयरी सेक्टर की ये सफलता, उसके लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा है। मैं मानता हूं कि भारत को विकसित बनाने के लिए भारत की प्रत्येक महिला की आर्थिक शक्ति बढ़नी उतनी ही आवश्यक है। इसलिए हमारी सरकार आज महिलाओं की आर्थिक शक्ति बढ़ाने के लिए भी चौतरफा काम कर रही है। मुद्रा योजना के तहत सरकार ने जो 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद दी है, उसकी करीब 70 प्रतिशत लाभार्थी बहनें-बेटियां ही हैं। सरकार के प्रयास से पिछले दस साल में महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं की संख्या दस करोड़ को पार कर गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दस साल में भाजपा सरकार ने इन्हें छह लाख करोड़ रुपए से अधिक की आर्थिक मदद दी है। सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत देश में जो चार करोड़ से ज्यादा घर दिए हैं, उनमें से ज्यादातर घर भी महिलाओं के नाम हैं। ऐसी अनेक योजनाओं की वजह से आज समाज में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ी है। आपने नमो ड्रोन दीदी अभियान के बारे में जरूर सुना होगा। इस अभियान के तहत अभी शुरुआत में गांव के स्वयं सहायता समूहों को 15 हजार आधुनिक ड्रोन दिए जा रहे हैं। ये आधुनिक ड्रोन उड़ाने के लिए नमो ड्रोन दीदियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। वो दिन दूर नहीं जब गांव-गांव में नमो ड्रोन दीदियां, कीटनाशक छिड़कने से लेकर खाद छिड़कने में भी सबसे आगे रहेंगी।(वार्ता)

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