भटनी, देवरिया । नगर स्थित जंगली जलापा मंदिर सहित क्षेत्र के अन्य शिवमंदिरों पर महाशिवरात्री का पर्व धूमधाम से मनाया गया। भटनी क्षेत्र में नादेश्वर महादेव की प्राचीन शिवलिंग व बनकटा तिवारी गांव में स्थित बाबा जंगली नाथ का मंदिर शिवभक्तो का आकर्षण का केंद्र है । यहां हर वर्ष महाशिवरात्रि पर्व, श्रावण मास व मनमास के समय विशाल मेला लगता है जहाँ हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते है ।
मान्यता है कि यहां शिवलिंग की उत्पति भूमि से हुई है, बताया जाता है की आज से हजारों वर्ष से पहले यहाँ बहुत घना जंगल था। यहां लोग अपने गाय भैंस को चराने के लिए आते थे । लोगो ने इस जंगल में शिवलिंग देखा तो दूर दूर के गांवों में इस शिवलिंग की खबर हवा की तरह फैल गई। लोगो ने जंगल को धीरे धीरे काटना शुरू कर दिया व मंदिर का निर्माण किया। जब महाशिवलिंग को निकाला गया तो पूर्वजों ने बताया कि शिवलिंग कुदाल से कटा हुआ था और खून निकल रहा था।
यहा एक और सच्ची घटना जो वर्षों से सुनाई देती है। मंदिर के पास से छोटी गंडक नदी बहती है। लोगो ने बताया कि एक बार मंदिर में यज्ञ हो रहा था और एक लड़का नदी में नहा रहा था तभी वह डूब गया, वहा मौजूद लोगो ने काफी मुश्किलों के बाद नदी से उसे बाहर लाए , लेकिन लड़के की मौत हो गयी थी, उसके जीने की उम्मीद नहीं थी तब लोगो ने लड़के को शिवलिंग के पास रख दिया और भोले नाथ से प्रार्थना की बाबा ने लोगो की प्रार्थना स्वीकार कर ली और लड़का जीवित उठा खड़ा हो गया। वैसे तो भारतवर्ष में हजारों शिव मंदिर है लेकिन बाबा जंगली नाथ की महिमा सबसे महान है। भटनी से एकलाआम चौराहे से एक किलो मीटर की दूरी पर स्थित जंगली नाथ बाबा विराजमान है। जहाँ भक्तों की हमेशा भीड़ लगी रहती है।