नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया समूह में शामिल समाजवादी पार्टी (सपा) और तृणमूल कांग्रेस पर अपराधियों तथा दुष्कर्म को संरक्षण देने और निर्लज्ज राजनीति करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि श्री राहुल गांधी की सियासी दुकान में मोहब्बत सिर्फ अपराधियों, आतंक के आरोपी, भ्रष्टाचारियों और दंगाइयों के लिए ही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ.सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इंडिया समूह और सपा द्वारा अपराधियों और नाबालिगों के साथ दुष्कर्म करने वालों को संरक्षण देने और उस पर निर्लज्जता के साथ राजनीति करने के लिए जमकर आलोचना की और अपील की ऐसे मामलों में दलगत भावना से ऊपर उठकर मानवीय संवेदनशीलता से अपराधियों पर कठोर कार्रवाई के लिए आगे आना चाहिए।डॉ.त्रिवेदी ने कहा कि सपा, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और इंडिया समूह के नेता अपराधियों को संरक्षण देने के साथ-साथ गंभीर अपराधों के प्रति अपनी असंवेदनशीलता का परिचय दे रहे हैं। अयोध्या और कन्नौज में सपा नेताओं द्वारा यौन उत्पीडन करने और पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार द्वारा अपराधियों-दुष्कर्म को बचाने के मामले उजागर हुए हैं, जो अत्यंत ही निंदनीय है।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि इंडिया समूह के आचरण की उच्छृंखलता और उद्दंडता को जनता अबतक देख ही रही थी, लेकिन अब उनसे जुड़े हुए लोगों का अपराध में संलिप्तता भी पूरा देश देख रहा है। यहां सिर्फ अपराध की संलिप्तता ही नहीं है, बल्कि अपराध करने की उनकी हिम्मत, हिमाकत और उसके बाद उसे संरक्षण देने की इंडिया समूह के दलों की सियासत को आज देश अत्यंत दुखी और भारी मन से देख रहा है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सभी लोगों ने देखा कि किस प्रकार सपा के नेता मोईद खान पर नाबालिग के साथ बलात्कार करने का आरोप लगा। इस मामले की संवेदनशीलता को समझने की बजाय विपक्षी पार्टियां निर्लज्जता के साथ राजनीति कर रही है।अयोध्या का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि कन्नौज में एक बार फिर सपा से जुड़े एक नेता के ऊपर एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के प्रयास के गंभीर आरोप लगे हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अपराध एकतरफ है, परन्तु अपराध के प्रति संवेदनहीनता उससे भी बड़ा गंभीर विषय है। पहले सपा का यह कहते रहे कि आरोपी से सम्बद्ध ऐसा मामला कुछ है ही नहीं, उसके ठीक बाद सपा की एक नेता ने यह स्वीकार किया है कि कन्नौज का आरोपी उनकी ही पार्टी का पूर्व नेता है। साथ ही सपा ने बेहद संवेदनहीन और अशोभनीय बयान भी दिए कि 15 साल की वह लड़की कौन -सी नौकरी प्राप्त करने के लिए रात को गई थी? यह सपा की असली फितरत है और इस प्रकार के अपराधियों को कवर फायर देने की सीमा को दर्शाता है।डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक दौर में दुष्कर्म की शिकार दो लड़कियों ने न्याय न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली थी। उस समय सपा के एक बड़े नेता ने असंवेदनशील बयान दिया था कि “लड़कों से गलती हो जाया करती है”।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव के समय उत्तर प्रदेश के जो दो लड़के थे, उन दो लड़कों के साथ के जो लोग हैं, वह गलती नहीं अपराध कर रहे हैं। जब से इन दो लड़कों की ताकत बढ़ी है, तब से अपराधियों की हिम्मत और हिमाकत भी बढ़ती जा रही है। भाजपा यह मानती है कि अपराध और अपराधी के जात-पात, पंथ और मजहब को राजनीतिक दल के तराजू पर नहीं तौला जाना चाहिए, उसे सिर्फ अपराधी के रुपमें ही देखा जाना चाहिए। इसके बावजूद, दुखद बात है कि जहां नाबालिग बच्चियों के साथ इस प्रकार के दुष्कर्म के आरोप हों, वहां डीएनए टेस्ट जैसी मांगें की जा रही हैं।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ जिस प्रकार की जघन्य घटना हुई और जिस तरह से अपराधियों को शासनिक-प्रशासनिक संरक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है,वह अत्यंत दुखद है। उस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य को 24 घंटे के अंदर वहां से हटाकर दूसरे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नियुक्त कर दिया गया, जो तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा उन अपराधियों के प्रति संरक्षण की भावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कुछ सवालों का जवाब चाहती है कि जिस मेडिकल कॉलेज में घटना हुई, उस कॉलेज के प्राचार्य के प्रति उनकी इतनी ममता क्यों है। सीबीआई जांच की मांग की जाने पर वह समय की मांग क्यों कर रही थीं। इतने दिन की मोहलत किस लिए मांगी जा रही थी। क्या यह मोहलत रिपोर्ट को बदलने के लिए मांगी जा रही थी।
उन्होंने कहा कि यह स्थिति संदेशखाली में भी देखी जा चुकी है।भाजपा प्रवक्ता ने कहा किया कि पश्चिम बंगाल की सरकार कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले को ईमानदारी से जांच कराना चाहती थीं, तो वह इस मामले को सर्वोच्च जांच एजेंसी को तुरंत स्थानांतरित क्यों नहीं किया। कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, जो यह कहती हैं कि ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ उनके होंठ अयोध्या और कन्नौज मामले में क्यों सिल जाते हैं। श्री गांधी की सियासी दुकान में मोहब्बत सिर्फ अपराधियों, आतंक के आरोपी, भ्रष्टाचारियों और दंगाइयों के लिए ही है। इंडिया समूह के सभी दल एक-दूसरे के आपराधिक तत्वों को संरक्षण देने और कवर फायर करने का काम कर रहे हैं।
भाजपा का मानना है कि इस तरह के विषयों में दलगत भावना से ऊपर उठ कर राजनीति के हिसाब से नहीं, बल्कि संवेदनशीलता से बात होनी चाहिए। अपराधियों को किसी भी तरह का संरक्षण, उनका मनोबल बढ़ाने अथवा उन्हें मोहलत देने का प्रयास नहीं होना चाहिए। (वार्ता)