रायपुर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के इस युग में साइंस और टेक्नालाजी के साथ आध्यात्मिकता को भी जोड़ने से जीवन आसान होगा।श्रीमती मुर्मु ने आज यहां ब्रम्ह कुमारी संस्थान के शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में ‘सकारात्मसक परिवर्तन का वर्ष’ कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए कहा कि एक ओर हमारा देश नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा है,चांद पर तिरंगा लहरा रहा है या विश्वस्तर खेल में कीर्तिमान रच रहा है। हमारे देशवासी अनेक नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं,वहीं दूसरी ओर एक अत्यंत गम्भीर विषय है कुछ दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, अपने सपनों अपने भविष्य का अंत कर दिया। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए बल्कि हमें प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए, हार-जीत तो होती रहती है।
उन्होने कहा कि बच्चों पर प्रतिस्पर्धा का दबाव है,पर जितना जरूरी उनका करियर है उतना ही जरूरी है कि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें।उन्होने कहा कि मुझे लगता है कि ब्रम्हकुमारी संस्थान की सकारात्मक परिवर्तन की इस पाजिटिव थीम की सहायता से हम उन बच्चों की मदद कर सकते हैं जो बच्चे आधी-अधूरी जिंदगी जी कर चले जाते हैं।राष्ट्रपति ने कहा कि हर बच्चे में अपनी विशिष्ट प्रतिभा है। अपनी रुचि को जानकर इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। यह वैज्ञानिक युग है। अभी के बच्चे बहुत शार्प माइंड के होते हैं। थोड़ा धैर्य कम होता है।ब्रह्मकुमारी परिवार के सदस्य कई बरसों से इस दिशा में काम कर रहे हैं।उन्होने कहा कि उनकी आध्यात्मिक यात्रा में भी ब्रह्मकुमारी संस्था ने उनका बहुत साथ दिया है। जब मेरे जीवन में कठिनाई थी,तब मैं उनके पास जाती थी। उनका रास्ता कठिन है पर कष्ट सहने से ही कृष्ण मिलते हैं, इसलिए धैर्य का जीवन जीना चाहिए।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि कष्ट सहकर ही हम सफलता हासिल कर सकते हैं। ब्रह्मकुमारी का रास्ता मुझे बहुत अच्छा लगा। आप सहजता से काम करते हुए आप अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी सकते हैं। जिंदगी जीने की कला वो सिखाते हैं।पूरी मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मकुमारी परिवार बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। मैं इसके लिए बधाई देती हूँ। सकारात्मक परिवर्तन को लेकर ओडिशा में यह कार्यक्रम शुरू हुआ है और मैं आज यहाँ आप सभी के बीच में भी हूँ।मैं यहाँ पहले ही आ चुकी हूँ।उन्होने कहा कि आत्मविश्वास ही ऐसी पूंजी है जिससे हम अपना रास्ता ढूँढ सकते हैं। हम सभी टेक्नालाजी के युग में जी रहे हैं।उन्होने कहा कि बच्चे आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग की बात कर रहे हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि दिन का कुछ समय मोबाइल से दूर रहकर भी बिताएं।उन्होने कहा कि जिंदगी को कैसे सफलता से जीये, किस तरह सुख से जीवन जिये, इसका रास्ता बहुत सरल है। हम केवल एक शरीर नहीं हैं। हम एक आत्मा हैं। परम पिता परमात्मा का अभिन्न अंग है। धैर्य सुख का रास्ता है। यह कठिन है लेकिन अभ्यास से यह रास्ता भी सहज हो जाता है।
उन्होने कहा कि..मैं सभी से कहना चाहती हूं कि अपनी रुचि के साथ सकारात्मक कार्य करते रहिये। ऐसे लोगों के साथ रहिये जो आपको सही रास्ता दिखा सके..।ब्रह्मकुमारी में सब लोग भारत में ही नहीं दुनिया भर में शांति के लिए कार्य कर रहे हैं। सब शांति के विस्तार के लिए प्रयास कर रहे हैं। प्रबल शक्ति से किये गये कार्य से सफलता मिलती है। ये दुनिया को बेहतर बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं।राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने इस मौके पर कहा कि सकारात्मक सोच से दुनिया की किसी भी चुनौती का हम सामना कर सकते हैं।उन्होने कहा कि सकारात्मक परिवर्तन का मतलब ऐसे परिवर्तन से है जिसका लाभ व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र को हो। जब कोई समाज सकारात्मक बदलाव को अपनाता है तब वह और अधिक मजबूत हो जाता है।उन्होने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जो रूढ़िवादी और परंपरावादी समाज अपनी मान्यताओं और परंपराओं को बदलना नहीं चाहता वह मुख्यधारा से कट जाता है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि उऩका आगमन छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए बहुत गौरव का क्षण है। उनकी इस यात्रा से हम छत्तीसगढ़ के लोग विशेष आत्मीयता का अनुभव कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है।उन्होने कहा कि यह एक आदिवासी प्रदेश है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी बहुत बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं। यह प्रदेश किसानों का प्रदेश है, यह वंचितों का प्रदेश है। सभी वंचितों को न्याय मिले, यह संविधान की भावना है।उन्होने कहा कि प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का आज शुभारंभ हो रहा है।सामाजिक और आध्यात्मिक परिवर्तन की दिशा में इस संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों में यथासंभव भागीदार बनने के लिए प्रयत्नशील रहता हूं।उन्होने कहा कि प्रदेश की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के संचालन में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का आध्यात्मिक मार्गदर्शन हमें मिलता रहा है।
राष्ट्रपति का इससे पूर्व आज यहां पहुंचने पर माना विमानतल पर राज्यपाल श्री हरिचंदन ,मुख्यमंत्री श्री बघेल, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, मुख्य सचिव अमिताभ जैन एवं पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने आत्मीय स्वागत किया। विमानतल पर राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।इसके बाद राष्ट्रपति राजधानी के गायत्री नगर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुँची। यहाँ पर उन्होंने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी तथा सुभद्रा जी के दर्शन किये। यहाँ उन्होंने देशवासियों की सुख-समृद्धि एवं निरंतर प्रगति की कामना की।(वार्ता)
LIVE: President Droupadi Murmu’s address at the launch of the theme of the year “The Year of Positive Change” of Brahma Kumaris at Raipur, Chhattisgarh https://t.co/yDcuhN4hja
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 31, 2023